लाल किताब के ऋण

लाल किताब के ऋण  

व्यूस : 7735 | जून 2008
लाल किताब के ऋण प्रमोद कोठारी नव ग्रहों से संबंधित ऋण निम्न प्रकार के हैं: सूर्य से स्वऋण: पंचम भाव में पापी ग्रहों के होने से जातक को स्वऋण होता है। प्राचीन परंपराओं के अपमान और जातक के नास्तिक स्वभाव के कारण यह ऋण होता है। इस ऋण के प्रभाव से जातक को शारीरिक कष्ट, मुकद्दमे में हार, राजदंड, प्रत्येक कार्य में संघर्ष आदि अशुभ प्रभावों से गुजरना पड़ता है और जातक, निर्दोष होते हुए भी, दोषी बन जाता है। उपाय: जातक को अपने सगे-संबंधियों से बराबर-बराबर धन ले कर यज्ञ करना चाहिए। तभी जातक को ऋण से मुक्ति मिलेगी। चंद्र से मातृ ऋण: चतुर्थ भाव में केतु स्थित होने से मातृ ऋण होता है। माता का अपमान करना और उसे यातनाएं देना, घर से बेघर करना आदि अशुभ कर्मों के कारण यह ऋण होता है। इसके प्रभाव से जातक को व्यर्थ धन-हानि, रोग, ऋण और प्रत्येक कार्य में असफलता का सामना करना पड़ता है। उपाय: जातक द्वारा रक्त संबंधियों से बराबर-बराबर भाग में चांदी ले कर चलते पानी में बहाने से इस ऋण से मुक्ति मिलती है। मंगल से सगे-संबंधियों का ऋण ः पहले और आठवें भाव में बुध और केतु ग्रह हों, तो संबंधियों का ऋण होता है। इस ऋण के प्रभाव से जातक को अचानक भारी हानि उठानी पड़ती है। उसका सर्वस्व स्वाहा हो जाता है। जातक संकटों से घिर जाता है। यह प्रभाव मुख्यतः 28 वें वर्ष में होता है। उपाय: परिवार के प्रत्येक सदस्य से बराबर-बराबर धन एकत्र कर के किसी शुभ कार्य हेतु दान में देने से इस ऋण से मुक्ति मिलती है। बुध से बहन का ऋण: लाल किताब जन्मकुंडली में तीसरे, या छठे भाव में चंद्रमा होने से बहन का ऋण होता है। लड़की, या बहन पर अत्याचार करने, उसे घर से निकालने, अथवा किसी लड़की को धोखा देने, या उसकी हत्या कर देने से यह ऋण होता है। इस ऋण के बोझ से जातक को आर्थिक रूप से कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उसका जीवन संघर्षमय हो जाता है और उसे मित्रों, या सगे-संबंधियों से कोई सहायता नहीं मिल पाती है। उपाय: इस ऋण से मुक्ति के लिए जातक समस्त परिवार के सदस्यों से बराबर-बराबर पीले रंग की कौड़ियां एकत्र कर के, उन्हें जला कर, राख करे। उसी राख को बहते पानी में बहाना चाहिए। गुरु से पितृ ऋण: दूसरे, पांचवें, नवें और बारहवें भाव में शुक्र, बुध और राहु स्थित होने से पितृ ऋण होता है। श्राद्ध न करने, मंदिर, या पीपल के वृक्ष को क्षति पहुंचाने, अथवा कुटुंब के कुल पुरोहित का परिवर्तन करने से यह ऋण होता है। इसके फलस्वरूप जातक को विशेष कर वृद्धावस्था में अनेक कष्ट भोगने पड़ते हैं। उसके जीवन भर की संचित पूंजी व्यर्थ कार्यों में नष्ट हो जाती है। उपाय: कुटुंब के प्रत्येक सदस्य से धन एकत्र कर के किसी शुभ कार्य हेतु दान में देना चाहिए तथा घर के निकट स्थित मंदिर, या पीपल के पेड़ की देखभाल करें। शुक्र से पत्नी का ऋण: दूसरे और सातवें भाव में सूर्य, राहु और चंद्रमा स्थित हों, तो पत्नी का ऋण होता है। पत्नी की हत्या, या उसे अपमानित कर मार-पीट करने से यह ऋण होता है। इस ऋण के प्रभाव से जातक को अनेक दुखों का सामना करना पड़ता है। विशेष कर मंगल कार्यों में कोई अप्रिय घटना घटित हो जाती है। उपाय: कुटुंब के प्रत्येक सदस्य से बराबर-बराबर धन एकत्र कर 100 गायों को भोजन कराने से इस ऋण से मुक्ति मिलती है। शनि से असहाय का ऋण: दसवें और ग्यारहवें भाव में सूर्य, चंद्र और मंगल स्थित होने से असहाय व्यक्ति का ऋण होता है। जीव हत्या करने, धोखे से किसी वस्तु पर अधिकार कर लेने और किसी असहाय व्यक्ति को कष्ट देने से यह ऋण होता है। इस ऋण से जातक और उसके कुटुंब को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जातक की उन्नति में अनेक बाधाएं आती हैं और उसका जीवन नरक सदृश बन जाता है। उपाय: कुटुंब के समस्त सदस्यों से बराबर-बराबर धन एकत्र कर के सौ मजदूरों को भोजन कराना चाहिए। राहु से अजन्मे का ऋण: बारहवें भाव में सूर्य, शुक्र और मंगल होने से अजन्मे का ऋण होता है। इस ऋण से जातक को सगे-संबंधियों से भी धोखे का सामना करना पड़ता है। जातक को शारीरिक चोट पहुंचती है और कार्य- व्यवसाय में हानि होती है। कुटुंब के सदस्य भी परेशान रहते हैं। जातक को चारों तरफ से हार का सामना करना पड़ता है और निर्दोष होते हुए भी उसे जेल जाना पड़ता है। उपाय: कुटुंब के प्रत्येक सदस्य से एक-एक नारियल एकत्र कर बहते पानी में बहाने से इस ऋण से मुक्ति मिलती है। केतु से ईश्वरीय ऋण: छठे भाव में चंद्र, मंगल होने से ईश्वरीय ऋण होता है। लालच में आ कर किसी की हत्या कर देने, सगे-संबंधियों से विश्वासघात करने और नास्तिक प्रकृति का होने से यह ऋण होता है। जातक का कुटुंब बर्बाद हो जाता है। जातक की संतान नहीं होती है। उसे विश्वासघात का सामना करना पड़ता है। उसका जमा धन धीरे-धीरे व्यर्थ के कार्यों में नष्ट हो जाता है। उपाय: कुटुंब के प्रत्येक सदस्य से धन एकत्र कर के 100 कुत्तों को भोजन कराने से इस ऋण से मुक्ति मिलती है।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.