विभिन्न कार्यों के लिए सार्थक टोटके

विभिन्न कार्यों के लिए सार्थक टोटके  

जय इंदर मलिक
व्यूस : 5420 | नवेम्बर 2017

सुख समृद्वि के लिये

1. यदि आपको लगता है कि आपके निवास में नकारात्मक ऊर्जा अधिक है तो आप सोमवार को प्रातः किसी पात्र में जल भरकर उसमें साबुत नमक रखें। रात्रि में उस जल को घर की दीवारों पर छिड़क दें। अगले दिन दीवार के किनारे-किनारे झाड़ू लगा कर गंदगी को बाहर निकाल दें। इसी प्रकार यह क्रिया शुक्रवार को करें तो आपके निवास की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जायेगी। यदि नमक मिला पानी दीवारों पर छिड़कना नहीं चाहते तो कमरों के फर्श पर पांेछा लगा दें, सुख समृद्धि आने लगेगी।


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2. सप्ताह में एक बार जल में कपूर डालकर उस जल को उबालें। उसी जल से दुकान और घर में पोंछा लगाएं नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जायेगी और आय के नये मार्ग खुलेंगे।

3. यदि आप रोज किसी वृक्ष को जल देते हैं तो यह आपकी आय व सुख शांति के लिये बहुत अच्छा है।

4. घर में नमक खुला न रखें,बाथरूम में खुला नमक रखें।

5. यदि आपको अचानक हानि हो जाती है तो रसोई में बैठकर खाना खायें।

6. यदि व्यवसाय में अधिक उन्नति चाहते हैं तो अपने निवास की दक्षिण दीवार पर जीरो वाट का लाल बल्ब सदा जलाते रहें।

7. यदि आपके निवास में जल्दी-जल्दी अग्नि से हानि होती हैं तो इससे यह संकेत मिलता है कि शनि देव आप से रूष्ट हैं। तुरन्त शनि देव के उपाय करें।

8. आपके निवास व व्यवसाय स्थल के दरवाजों में कोई आवाज नहीं होनी चाहिये।

9. घर में नित्य या प्रत्येक शुक्रवार को मां लक्ष्मी का पाठ करें वहां लक्ष्मी का वास होता है। सुख-समृद्धि, सदा रहेगी। सब कष्टों से छुटकारा मिलेगा। वृक्ष के पत्तों से लाभ लेने के उपाय वृक्ष के पत्ते विभिन्न प्रयोगों में चमत्कारिक रूप से काम करते हैं। जो लाभ हमें वृक्ष देते हैं वही लाभ हमें उसके पत्ते भी देते हैं। किस वृक्ष से कैसा लाभ ले सकते हैं वह नीचे बताया गया है। शुभ समय में नहाकर और साफ कपडे़ पहन कर कच्ची स ुपारी-ग ुलाल-रा ेली-चावल-फ ूल धूप लेकर उस वृक्ष के पास जायें और प्रणाम करके पूजन करें फिर पत्ता तोड़ने का निवेदन करें। किस पत्ते का किस प्रकार प्रयोग कर के लाभ लिया जा सकता है।

उसका विवरण निम्न प्रकार है:

1. आश्लेषा नक्षत्र में बरगद के पत्ते को लाकर भंडार घर में रखने से भंडारगृह कभी खाली नहीं रहता।

2. पुष्य नक्षत्र में बरगद का पत्ता लाकर उस पर ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय लिखकर अपने धन रखने के स्थान पर रखने से धन की कमी कभी नहीं रहती।

3. पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में करंज के पत्ते लाकर पास रखने से अदालती कार्य में सफलता मिलती है।

4. रोहिणी नक्षत्र में बेलपत्र का पत्ता लाकर जेब या अल्मारी में रखने से दरिद्रता दूर होती है।

5. आद्र्रा नक्षत्र में आम के पत्ते लाकर खेत में दबाने से फसल को हानि देने वाले जीव-जन्तुओं का नाश होता है और फसल भी अधिक होती है।

6. यदि आपकी आय में कमी आ गई हो तो आश्लेषा नक्षत्र में बहेड़े का पत्ता लाकर गल्ले या अल्मारी में रखने से आय में वृद्धि होती है।

7. व्यापार में अधिक लाभ लेने के लिये अनुराधा नक्षत्र में नींबू के पत्ते रखने से व्यापार में लाभ होता है।

8. श्रवण नक्षत्र में अंगूर के पत्ते लाकर पास रखने से सामने वाला व्यक्ति प्रभावित होता है।

9. भरणी नक्षत्र में दर्भ के पत्ते लाकर अनाज के भंडार में रखने से तथा पानी में डालने से अनाज में कमी नहीं आती। जिस कुएं का जल खारा हो अथवा कम हो उसमें दर्भ के पत्ते डालने से पानी मीठा हो जाता है और कुआं भी नहीं सूखता।

बाधा निवारण के सरल उपाय

1. यदि आपके उच्चाधिकारी बिना किसी विशेष बात के आप पर नाराज और क्रोधित हो जाते हैं तो आप शुक्ल पक्ष के प्रथम रविवार को किसी बहाने गुड़ से बनी हुई मिठाई खिलायें, वे आप पर क्रोध करना बंद कर देंगे। ऐसा संभव न हो तो गुड़ की मिठाई उनके नाम लेकर गाय को खिला दें वे आपसे नाराज होना बंद कर देंगे।

2. यदि आप किसी भी प्रकार की ठेकेदारी करते हैं और समय-समय पर टेंडर भरने होते हैं तो आप यह उपाय करें। जब भी आप टेंडर भरें तो टेंडर के कागज पर चर लग्न से केसर से श्री लिखें। टेंडर देते समय यह ध्यान रखंे कि आपका दायां हाथ और पैर आगे हो। यदि संभव हो तो आपका मुख ईशान की ओर हो।

3. यदि आपका कोई व्यावसायिक प्रतिद्वन्द्वी आपको हानि दे रहा है तो उसे नियंत्रण में करने के लिये किसी भी प्रकार से उसके बायें पैर का जूता प्राप्त कर लें फिर उसे पत्थर से बांधकर किसी नदी या तालाब में डाल दें। जब तक उसका जूता पानी में डूबा रहेगा तब तक वह आपको परेशान नहीं करेगा।

4. यदि आप सुबह उठते ही 21 बार लग्नदेवाय नमो नमः का जाप करेंगे तो आपको शारीरिक कष्ट कम प्राप्त होगा तथा आप स्वस्थ रहेंगे।

5. यदि आप अपने जीवन में किसी भी समस्या से ग्रस्त हैं तो प्रातः उठते ही शनिदेव के दस नाम-बारह ज्योतिर्लिंग तथा भद्रा के 12 नाम ।। ।। भैरवी दधिमुखी - धन्या - भद्रा- महामारी - खरानना - कालरात्रि - महारूद्रा - विष्ट - कुलपुत्रिका - महाकाली व असुरक्षयकरी।। का उच्चारण करें। इससे आप किसी भी प्रकार के संकट से मुक्त रहेंगे। भद्रा शनि की सगी बहन है और किसी भी संकट को पैदा करने में इसकी बड़ी भूमिका होती है। इसलिये इसका नाम लेने से संकटांे से छुटकारा मिलता है।

6. बेलपत्र अश्विनी नक्षत्र में लाल रंग की गाय के दूध में डाल कर उसे निःसंतान स्त्री को पिला दंे तो उसका गर्भ ठहर जाता है।

7. नेता या उपदेशक यदि अश्विनी नक्षत्र में अपामार्ग की जड़ किसी ताबीज में डालकर भाषण दें या उपदेश करें तो सुनने वाले वशीभूत होकर विचारांे से सहमत होंगे।


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8. काले एरंड की जड़ को श्रवण नक्षत्र में किसी ताबीज में डालकर कमर या गले में पहन लें, निश्चित संतान होगी।

9. यदि बहुत प्रयत्नों के बाद भी पैतृक संपत्ति नहीं मिल रही है तो आप अमावस्या को किसी भूखे को आदरपूर्वक भोजन करायें। गाय को गुड़ खिलायें। इसके बाद हर शुक्रवार भूखे को भोजन करायें तथा हर रविवार गाय को गुड़ खिलायें। छः महीने में आपको पैतृक सम्पत्ति का लाभ मिलेगा।



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