नववर्ष 2012 को शुभ बनाऐं
नववर्ष 2012 को शुभ बनाऐं

नववर्ष 2012 को शुभ बनाऐं  

फ्यूचर समाचार
व्यूस : 6806 | जनवरी 2012

डाॅ. संजय बुद्धिराजा नववर्ष 2012 हमारे लिये कैसा होगा, ग्रहों व नक्षत्रों का प्रभाव हम पर किस प्रकार का होगा, हम क्या उपाय करें कि नववर्ष हमारे लिये मंगलकारी हो। अं कविद्यानुसार वर्ष ‘2012’ में अंकों का कुल योग 2$0$1$2 = 5 आता है।

शास्त्रों में कहा गया है कि अंक 5 बुध ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है अर्थात वर्ष 2012 में बुध का प्रभाव अधिक रहेगा। बुध वायु तत्व की राशि मिथुन और पृथ्वी तत्व की राशि कन्या का स्वामी है। मिथुन राषि की त्रिकोण राशियां तुला व कुंभ हैं और कन्या राशि जो बुध की उच्च राशि भी है, की त्रिकोण राषियां मकर व वृष हैं।

अतः वृष, मिथुन, कन्या, तुला, मकर व कुंभ राशि वालों के लिये यह वर्ष कुछ विशेष ही रहेगा। अर्थात यह भी कह सकते हैं कि बुध, शुक्र व शनि की राषियों के लिये बुध विषेष प्रभावषाली रह सकता है यानि कि शुभ बुध जातक के जीवन को उत्थान व अषुभ बुध जातक के जीवन को पतन भी दे सकता है।

वैदिक ज्योतिष में कहा गया है कि बुध ग्रह के अधिपति भगवान विष्णु हैं अर्थात नववर्ष 2012 में भगवान विष्णु की पूजा व आर्शीवाद से शुभत्व में वृद्धि और अशुभता का नाश किया जा सकता है। वर्ष 2012 में विभिन्न जातक अपनी चंद्र राशि या नाम राशि अनुसार भगवान विष्णु व बुध के विभिन्न मंत्रों का जाप कर सुख, समृद्धि व शांति प्राप्त कर सकते हैं।

उन्हें चाहिये कि निम्न मंत्रों में से अपनी राशि अनुसार एक भगवान विष्णु का व एक बुध का मंत्र चुने। फिर श्रद्धा-भक्ति से नववर्ष में पहले शुक्ल पक्ष की पहली एकादशी से शुरू कर रोजाना सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर, तुलसी या चंदन की माला लेकर, भगवान विष्णु की तस्वीर के समुख उचित आसन पर बैठकर, धूप दीपादि जलाकर, पीले पुष्प, अक्षत, पीला वस्त्र, पीले फल आदि अर्पण कर, देवता के मंत्रों की एक माला यानि 108 बार जाप करें।

तत्पश्चात बुध के यंत्र के सम्मुख हरा पुष्प, मिष्ठान्न आदि अर्पण कर, बुध के मंत्रों की एक माला जाप करें। यदि किसी जातक की जन्म चंद्र राशि व नाम राशि में अंतर हो तो जातक को दोनो राशियों के मंत्रों का जाप करना चाहिये। जैसे कि यदि जन्म पत्रिकानुसार नाम तो ‘सन्नी’ निकलता है और रखा है ‘राजन’ तो जन्म चंद्र राशि हुई कुंभ व नाम राशि हुई तुला। तब जातक को कुंभ व तुला दोनो राशियों के मंत्रों का जाप करना चाहिये। यदि जन्म चंद्र राशि न मालूम हो तो केवल नाम राशि के मंत्रों का जाप करना चाहिये।

यदि वर्ष 2012 में किसी विशेष काम की इच्छापूर्ति की अभिलाषा हो जैसे कि काफी प्रयास करने से भी विवाह नहीं हो पा रहा हो या कारोबार में असफलता हाथ लग रही हो या स्वास्थ्य की परेशानी चल रही हो या विद्याध्ययन में बाधा आ रही हो या संतान होने में रूकावट आ रही हो तो निम्न मंत्रों में से किसी मंत्र का रोजाना 2 माला जाप करना चाहिये:-

1 विष्णु गायत्री मंत्र - ऊॅं नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि, तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।

2 अच्युतं केशवम् रामनारायणम् कृष्ण दामोदरं वासुदेवं हरिम्। श्रीधरं माधवं गोपिका वल्लभम् जानकीनायकं रामचन्द्रं भजे।।

3 ऊॅँं श्रीं ह्रीं श्रीधराय विष्णवे नमः

4 श्री विष्णु मूल मंत्र - ऊॅं नमो भगवते वासुदेवाय ।।

5 त्वमेव माता च पिता त्वमेव त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव त्वमेव विद्या द्रविणम् त्वमेव त्वमेव सर्वम् मम देवदेव।

6 विष्णु तुलसी मंत्र - तुलसी हेमरुपां च रत्नरुपां च मंजरीम्। भवमोक्षप्रदां तुभ्यमर्पयामि हरिप्रियाम्।।

भगवान विष्णु व बुध के आर्शीवाद से सभी जातकों को नववर्ष में शुभत्व की प्राप्ति होगी व जीवन सुख, समृद्धि व शांति से भरपूर रहेगा। पूर्ण लाभ के लिये नीचे दी गयी तालिका में से अपनी राशि के अनुरूप मंत्र व उपाय का चयन करें और उनका नित्य अभ्यास जारी रखें। कृपा अवश्य प्राप्त होगी।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.