उदर रोग में ग्रह योग की समीक्षा

उदर रोग में ग्रह योग की समीक्षा  

व्यूस : 121
रोग विचार का प्रमुख उपकरण योग ज्योतिष शास्त्रा में ग्रहयोग के संक्षिप्त रूप को योग कहते हैं। ग्रहों की दृष्टिानिष्ट स्थान में स्थितिवश जो मनुष्यों को पूर्वाजित कर्मों के परिणाम से मिलता है उसे योग कहते हैं।
rog vichar ka pramukh upakaran yog jyotish shastra men grahyog ke sankshipt rup ko yog kahte hain. grahon ki drishtianisht sthan men sthitivash jo manushyon ko purvajit karmon ke parinam se milta hai use yog kahte hain.


.