2013 में भारत

2013 में भारत  

किशोर घिल्डियाल
व्यूस : 5795 | जनवरी 2013

वर्ष 2013 में भारत सूर्य में शनि व सूर्य में बुध दशा के प्रभाव में रहेगा। सूर्य, शनि व बुध सभी भारत की कुंडली के तीसरे भाव में स्थित हैं। सूर्य चतुर्थेश होकर स्वयं से द्वादश यानि तीसरे भाव में है जो देश से बाहर अधिक सफलता दर्शा रहे हैं और शनि नवमेश-दशमेश होकर अस्त अवस्था में स्वयं षष्ठ व सप्तम में स्थित हैं जो कार्यों में प्रतियोगिता द्वारा सफलता एवं विदेश संबंधी व्यापार से लाभ दर्शा रहा है (सरकार एफ डी आई लागू कर ही चुकी सूर्य राजा व सरकार का प्रतिनिधित्व करता है जो देश चलाते हैं। शनि राजा को सहयोग करने वाले लोगों, नौकरों, आमजन यानि प्रजा के बारे में बताता है। वहीं बुध देश में प्रबुद्धजन व व्यापारिक घरानों के विषय में जानकारी देता है। स्पष्ट है कि जब राजा द्वारा चलाये जा रहे नियम या फैसले जनता अथवा प्रजा को पसंद नहीं आते हैं तो वह उसका विरोध करने लगती है जैसा कि भारत में इन दिनों हो ही रहा है।

जनता सरकार का विरोध तो कर रही है पर पूर्ण रूप से नहीं और ना ही स्वयं कुछ कर पाने की स्थिति में है। सूर्य की दशा 2009 से आरंभ हुई, सूर्य का नक्षत्र बुध है जो सूर्य संग तीसरे भाव में ही है। इसी भाव में चंद्र के होने से भी भारत की सोच व मन हमेशा अपने पड़ोस, पराक्रम, साहस, विदेश यात्रा, रक्षा व वीरता आदि पर ही केंद्रित रहता है (चंद्र देश की सोच व मन का प्रतिनिधित्व करता है)। लग्न देश की जनता को बताता है, जहां राहु का होना हम भारतवासियों को हमेशा एक प्रकार से भ्रमित रखता है। यहीं लग्न का राहु हम सबको भ्रष्ट आचरण में लिप्त भी करता है (जब सरकार चलाने वाले यदि भ्रष्ट होंगे तो संपूर्ण जनता भी इसमें शामिल हो ही जाएगी)। भारत की कुंडली में शनि व शुक्र अस्त अवस्था में हैं जो कि भाग्येश व लग्नेश भी है

जिससे यह पता चलता है कि भारत की जनता (लग्नेश) सुप्त अवस्था में है इसे जगाए जाने की जरूरत है। वर्तमान में शनि जो कि जनता या मजदूर वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं अपनी उच्च राशि में भारत की कुंडली के छठे भाव से गोचर कर रहे हैं जो कि शत्रुता, प्रतियोगिता से संबंधित भाव है। इसलिए जनता वर्तमान में सरकार से शत्रुता का भाव रखे हुए है। वहीं चतुर्थ भाव व कुंडली में जनता कारक सूर्य स्वयं से 12वें होने से भारत की जनता निजता (स्वयं) में रहती है (तीसरा भाव निजता का भी होता है)। जनता को अपनी दाल रोटी की चिंता ज्यादा रहती है न कि देश की तरक्की की, अपने-अपने सुख-दुख में रहने के कारण हमारी जनता को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है

कि देश में किसकी व कैसी सरकार चल रही है। यह सूर्य में शनि दशा का ही प्रभाव है कि सरकार द्वारा किए गए घोटाले दिन प्रतिदिन पकड़ में आ रहे हैं (शनि दशमेश भी है) इसी दशा के प्रभाव में अभी और भी बहुत से विरोध के स्वर सामने आएंगे। इसके बाद सूर्य में बुध की दशा लगभग एक वर्ष के लिए आएगी जो कि सरकार के लिए भारी मुसीबत ला सकती है। कारण सूर्य बुध के तथा बुध शनि के नक्षत्र में है जिसके प्रभाव से जनता में जोश व ऊर्जा का संचार होगा और जनता सरकार से उसके किए कार्यों का हिसाब मांगेगी।

संभवतः इससे देश में एक नयी क्रांति का जन्म होगा, बुध पंचमेश है तथा पंचम भाव पर शनि व मंगल का प्रभाव है जो कि देश की बुद्धि का भाव होने से तथा दशानाथ की उच्च राशि होने से जनता के साथ अन्य पढ़े लिखे वर्ग व व्यापारिक वर्ग भी सरकार की गलत नीतियों का विरोध कर जवाब मांगेगा जिससे सरकार को अपनी छवि बचाना मुश्किल हो जाएगा। जहां तक राजनीतिक पार्टियों का सवाल है तो कांग्रेस सरकार हर प्रकार से अपने कार्यकाल को पूरा कर ही लेगी भले ही इसके लिए उसे कैसे ही अच्छे या बुरे कदम उठाने पड़ें। संभवतः यह कांग्रेसी भी जानते हैं कि अगले कार्यकाल में उन्हें शायद ही जनता दोबारा मौका प्रदान करे। भाजपा की कुंडली की बात करें तो उनके शीर्ष नेता का बदलाव हो सकता है।


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किसी वरिष्ठ नेता की मृत्यु भी संभव है (साढ़ेसाती का प्रभाव)। परंतु 2013 से 2014 तक सितारे उनके पक्ष में दिखते हैं जो उन्हें देश की जनता का भरोसा जीतने का अवसर प्रदान कर सकते हैं। संभवतः मई 2013 के बाद भाजपा का एक नया रंग ही देखने को मिलेगा। गुरु व शनि पार्टी को अवश्य ही कोई बड़ा पद प्राप्त करवा सकते हैं। आइए अब कुछ महत्वपूर्ण व्यक्तियों हेतु 2013 कैसा रहेगा यह देखते हैं -

1. मनमोहन सिंह जी की कुंडली में देखें तो राशि पर शनि प्रभाव तथा दशा के अनुसार उनके स्वास्थ्य से संबंधित कष्ट उभर सकते हैं। समय-समय पर उन पर मानसिक दबाव रह सकता है। संभवतः राहुल गांधी के किसी शीर्ष पद पर आने से वह अलग-थलग पड़ सकते हैं तथा राजनीति से संन्यास लेने की भी सोच सकते हैं।

2. सोनिया गांधी जी की ग्रह स्थिति देखें तो उनकी इस समय केतु की महादशा चल रही है। केतु मंगल की राशि में है व मंगल छठे भाव में है जो कि उनके स्वास्थ्य विशेषकर पेट से संबंधित कोई कष्ट दर्शा रहा है। केतु का राशि परिवर्तन उनके लिए कोई न कोई परेशानी अवश्य खड़ी करेगा। शायद कोई सर्जरी भी करवा सकता है। वहीं पुत्र राहुल के कारण भी कोई मानसिक चिंता हो सकती है। लग्न पर शनि व मंगल का गोचरीय प्रभाव किसी न किसी विवाद में ला सकता है।

3. लाल कृष्ण आडवाणी जी की कुंडली के ग्रह गोचर से उनके कद में बढ़ोत्तरी होती रही है परंतु वह सक्रिय राजनीति से स्वयं को दूर ही रखेंगे ऐसा प्रतीत होता है। उनके नेतृत्व में भाजपा बड़ी व मजबूत पार्टी बनकर उभरेगी। राजनीति से उनके संन्यास लेने की इस वर्ष संभावना नहीं दिखती है। पार्टी के आधार स्तंभ के रूप में वे काम करते रहेंगे।

4. नितिन गडकरी जी की कुंडली में शनि का जन्मकालिन राहु से गोचर उनको किसी प्रकार की पारिवारिक परेशानियों में डाल सकता है। भाग्येश का लग्न पर प्रभाव उन्हें हर प्रकार से सुरक्षित रखेगा, वहीं शनि गुरु का पंचम भाव पर प्रभाव उनकी संतान से संबंधित कोई खबर अच्छी या बुरी इस वर्ष सुना सकता है।

5. राहुल गांधी के इस वर्ष ग्रह गोचर उनको माता संबंधी कष्ट बता रहे हैं। साढ़ेसाती के प्रभाव में वे आ ही चुके हैं। शनि व गुरु का (मई 2013 के बाद) सप्तम भाव पर प्रभाव इस वर्ष उन्हें कोई महत्वपूर्ण पद प्राप्त करवा सकता है। शायद इस वर्ष वे विवाह भी कर लें तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। इस पूरे वर्ष उन्हें अपनी माता सोनिया गांधीजी का स्वास्थ्य चिंता में डाल सकता है।

6. आमिर खान 2013 पूरी तरह से आमिर खान का वर्ष कहें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। वर्ष के आरंभ में उनकी फिल्म धूम 3 बाॅलीवुड में उनका सिक्का मजबूत करेगी। संभवतः उन्हें इस वर्ष कोई बड़ा पुरस्कार भी मिले। गुरु शनि के प्रभाव से विश्व परिवेश में उनकी नयी पहचान बनेगी। समाज से संबंधित कार्य इस वर्ष भी करते रहेंगे। किसी बड़े व्यावसायिक अनुबंध से उन्हें कोई बड़ा लाभ होता दिखता है।

7. सलमान खान 2012 की तरह इस वर्ष भी उनका जलवा बरकरार रहेगा। परंतु किसी न किसी विवाद से भी उनका जरूर सामना होगा, ऐसा ग्रह गोचर दर्शा रहे हैं। कोई बड़ा सौदा या बड़ी गाड़ी इस वर्ष ले सकते हैं। किसी विदेशी फिल्म में काम करने का अवसर मिल सकता है। इस वर्ष फिल्मों के अलावा अपनी दरियादिली व दोस्ती के लिए जाने जाएंगे। स्वयं फिल्म निर्माण के क्षेत्र में हाथ आजमा सकते हैं।

8. शाहरूख खान इस वर्ष एक नए अवतार में जाने जाएंगे। यश चोपड़ा की चर्चित फिल्म के लिए सभी पुरस्कार इस वर्ष अपनी झोली में डाल लेंगे ऐसा दिखता है। इस वर्ष फिल्मों से अधिक अवार्डों के लिए जाने जाएंगे। इस वर्ष अपनी किसी महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर सकते हैं। खेल से संबंधित किसी बड़े सौदे में उतर सकते हैं। अत्यधिक व्यस्तता के चलते कोई पुराना रोग फिर से उभर सकता है।


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9. अमिताभ बच्चन लग्न से नवम शनि उन्हें दादा बना ही चुका है। मई 2013 से गुरु का उनके लग्न से पंचम भाव में गोचर उनके पुत्र अभिषेक के लिए कोई न कोई सुखद समाचार लाएगा। स्वयं उनके लिए यह समय किसी बड़ी लाभकारी योजना का होगा, हो सकता है इस वर्ष अमिताभ कोई नया कार्य या व्यवसाय आरंभ करें। भारतीय सिनेमा में उनके अमूल्य योगदान के लिए उन्हें कोई विशेष पुरस्कार मिल सकता है। प्रदर्शित फिल्में कोई उल्लेखनीय सफलता प्राप्त नहीं कर पाएगी।

10. महेंद्र सिंह धोनी - धोनी 2010 से निरंतर संघर्ष ही करते आ रहे हैं। जब से लेडी लक उनसे जुड़ा है उन्होंने व्यावसायिक दृष्टि से तो बहुत सफलता पायी है परंतु खेल में उनका प्रदर्शन ज्यादा अच्छा नहीं रहा है। 2010 में विवाह के बाद उन्होंने अब तक कोई भी बड़ी पारी नहीं खेली है न ही कोई शतक ही उनके बल्ले से निकला है परंतु जब टीम बढ़िया खेल रही हो तो इन बातों पर किसी का ध्यान नहीं जाता है। 2012-13 में उनकी असली परीक्षा होगी जब इंग्लैंड, आॅस्ट्रेलिया जैसी टीमों से भारत खेलेगा। राशि से नवम-दशम गुरु उन्हें जहां कठिन परिस्थितियों में डालेगा वहीं मैदान के बाहर उन्हें भूमि का लाभ भी दिलाएगा। धोनी अवश्य ही कोई जमीन जायदाद खरीदेंगे। शनि की साढ़ेसाती नवंबर 2014 तक रहेगी जिससे उनकी पत्नी की सेहत में परेशानी, आमदनी में वृद्धि हो सकती है व टीम द्वारा लाभ मिल सकता है। मंगल के पंचम, सप्तम व नवम गोचर से संतान संबंधी समाचार, कोई धमाकेदार पारी तथा कोई बड़ा निर्णय (संभवतः किसी एक प्रारूप की कप्तानी छोड़ सकते हैं) ले सकते हैं। अतः यह वर्ष मिला जुला रहेगा।

11. सचिन तेंदुलकर - सचिन की ग्रह दशा के अनुसार देखें तो इस वर्ष वो संन्यास ले सकते हैं, संभवतः मध्य साल में ये ऐसा करें। उन पर साढ़ेसाती प्रारंभ हो चुकी है (स्थान परिवर्तन कर ही चुके हैं) शनि की जन्मकालिन सूर्य पर दृष्टि कोई नया कार्य करवाती है। हो सकता है सचिन इन दो सालों में कोई नयी भूमिका निभाते नजर आएं। शनि के प्रभाव से उनकी मां को भी कोई परेशानी हो सकती है। गुरु का नवम-दशम गोचर घर पर कोई निर्माण कार्य करवा सकता है, संतान से संबंधित कोई सुखद समाचार प्राप्त कर सकते हैं। राशि से तीसरे, पांचवें व छठे मंगल कोई न कोई रिकार्ड अवश्य उनके नाम करवाएगा। तीनों बड़े ग्रहों के प्रभाव से उन्हें कोई बड़ा पुरस्कार प्राप्त हो सकता है। वहीं किसी चोट का सामना भी उन्हें करना पड़ेगा जिस कारण कुछ दिन खेल से बाहर रहना पड़ सकता है। अतः यह वर्ष उपलब्धियों भरा रहेगा।

12. हरभजन सिंह- उनकी राशि से शनि का प्रभाव हट गया है। उन्हें टीम में दोबारा स्थान मिल जाएगा और वे सफलता के साथ वापसी करेंगे। भाग्येश शनि का स्वयं से नवम गोचर कोई आकस्मिक सफलता (हैट्रिक या बल्ले से कोई बेहतरीन पारी) उनसे करवा सकता है। शनि व मंगल का एकादश व दूसरे भाव में दृष्टिगत प्रभाव होना उन्हें कोई बड़ा धन लाभ करवाएगा। वहीं गुरु का मई माह में लग्न प्रवेश विवाह करवा सकता है। उससे पहले लग्नेश के पीड़ित होने से किसी न किसी विवाद में भी उलझ सकते हैं। बदनामी भी हो सकती है। कुल मिलाकर यह वर्ष राहत भरा, सराहनीय प्रदर्शन करवाने वाला व विवाह करवाने वाला हो सकता है। त


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