रत्नों द्वारा रोग मुक्ति एवं ग्रह शांति
रत्नों द्वारा रोग मुक्ति एवं ग्रह शांति

रत्नों द्वारा रोग मुक्ति एवं ग्रह शांति  

फ्यूचर पाॅइन्ट
व्यूस : 3841 | जून 2006

यह सर्वविदित है कि रत्नों में दैवीय शक्ति का वास होता है। इन रत्नों का यदि उचित उपयोग किया जाए तो अनेक रोगों, कष्टों, बाधाओं आदि से रक्षा हो सकती है। यहां विभिन्न रत्नों और उनके प्रभावों का विश्लेषण प्रस्तुत है। माणिक्य: यह रत्न किसी भी प्रकार के विष के प्रभाव को दूर कर देता है। यह प्लेग की बीमारी से रक्षा करता है और मनुष्य को दुखों से मुक्ति दिलाता है। इसकी एक बड़ी विशेषता यह है कि धारणकर्ता को विपत्ति आने से पूर्व यह अपने मूल रंग में परिवर्तन करके उसकी सूचना दे देता है।

लाल अकीक: यदि लाल रंग का अकीक शुद्ध तांबे के कड़े या लाॅकेट में इस प्रकार जड़वा लिया जाए कि वह त्वचा को स्पर्श करता रहे तो धारणकर्ता की मानसिक शक्तियों में वृद्धि होती है व उसका सौभाग्य बढ़ता है। संगे-यशब: इस रत्न को चांदी के लाॅकेट में इस तरह जड़वा कर पहना जाए कि त्वचा को स्पर्श करता रहे तो जातक के दिल की कमजोरी और बैचेनी दूर होगी और साहस और बल का संचार होगा। पुखराज: पुखराज को धारण करने से पेट और नेत्र विकार दूर हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त धारणकर्ता में सात्विक गुणों और सदाचार की भावना का संचार होता है। यह रत्न सभी प्रकार की भूत-प्रेतादि बाधाओं से भी मुक्ति दिलाता है और पति-पत्नी के मध्य सामंजस्य बनाए रखने में भी सहायक होता है। फीरोजा: यह रत्न दैवीय आपदाओं से रक्षा करता है। ओपल: इस रत्न को धारण करने से छठी इन्द्रिय जाग्रत होती है।


Book Online 9 Day Durga Saptashati Path with Hawan


इस रत्न की शक्ति से व्यक्ति के व्यक्तित्व, चरित्र, व्यवहार-कुशलता तथा भाग्य का विकास होता है। मोती: अमेरिका और जापान में लोगों का विश्वास है कि शुद्ध मोती को धारण करने से सुखद और शुभ स्वप्न आते हैं। साथ ही साथ दिन भर की थकान भी उतरती है। मोती धारण कर्ता को मानसिक शांति एवं सौभाग्य प्राप्त होता है। इससे कई तरह की जीवनदायिनी औषधियों का निर्माण भी होता है। मोती सौंदर्य का प्रतीक है। यह चंद्रमा का रत्न है जो मन का कारक है। अतः मन की शांति हेतु यह शुभ है। ज्वर और मिजाज की गर्मी को शांत करने में मोती सहायक होता है। हीरा: हीरा धारण करने से शरीर का तेज बढ़ता है। इसमें शरीर के ज्वर के ताप हरने की सामथ्र्य होती है। हीरा धारण करने से युद्ध में भी रक्षा होती है।

ओनेक्स: इसे धारण करने से पति-पत्नी के चरित्र निर्माण में सहायता मिलती है और दाम्पत्य जीवन सुखमय रहता है। एक्वामेरीन: यदि कोई व्यक्ति अपनी पत्नी को भेंट में एक्वामेरीन दे तो दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है। यह भी प्रचलित मान्यता है कि एक्वामेरीन समुद्री यात्राओं में रक्षा ताबीज के रूप में चमत्कारिक फल देता है। पन्ना का उपरत्न यशद: पन्ने के उपरत्न गहरे हरे रंग के यशद को लाॅकेट के रूप में गले में धारण करने से आकस्मिक विपत्तियों, भू-प्रेत बाधाओं, बुरी नजर, हृदयघात, दिल की घबराहट, तंत्र-मंत्र, जादू-टोना आदि से रक्षा होती है।

सुलेमानी पत्थर: बहुचर्चित मुस्लिम रत्न सुलेमानी पत्थर किसी भी रविवार या मंगलवार को शुभ मुहूर्त में पवित्र जल से धोकर, लोबान, धूप की धूनी देकर स्वच्छ मन से पवित्रतापूर्वक धारण करने से आकस्मिक विपत्तियों, भूत-प्रेत बाधाओं, बुरी नजर, उल्कापात, बिजली व अग्निभय आदि से रक्षा होती है। जेड: यह थकावट दूर कर आयु बढ़ाता है। गुर्दे की बीमारी से मुक्ति दिलाने में यह राम बाण है। गार्नेट: गार्नेट हर प्रकार के जहर से बचाता है।

यह मानसिक चिंताएं दूर करता है और डरावने एवं भयानक सपने नहीं आने देता है। इसे धारण करने से तूफान या बिजली गिरने से हानि नहीं पहुंचती तथा यात्रा भी बिना कष्ट के होती है। लाल गार्नेट बुखार और पीला गार्नेट पीलिया से रक्षा करता है। मूंगा: मंूगे के मनकों की माला दुर्भाग्य व बुरी नज़र से बचने तथा सदैव स्वस्थ रहने के लिए धारण की जाती है।


Consult our expert astrologers online to learn more about the festival and their rituals




Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.