प्रश्न: मेरे पति को किसी ने कुछ कर दिया है। मुझे पीटते भी हैं और मेरा चेहरा देखना भी पसंद नहीं करते। मुझे कुछ उपाय बताएं ताकि पति मेरा साथ दें।
उत्तर: आपके पति की साढ़ेसाती शनि का प्रभाव अत्यधिक खराब है इसलिए आपको ऐसा लग रहा है कि किसी ने कुछ कर दिया है। उनकी शनि की महादशा भी चल रही है। जन्म कुंडली में शनि अस्त है। परंतु 17 जुलाई 2007 के पश्चात समय सुधरेगा। फिर भी आप शनि का उपाय करें शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सूर्य अस्त होने के बाद पति के नाम से दीप जलाएं, शनिवार को पति से काली चीजों का दान करवाएं और शनि के इस मंत्र का 108 बार (1 माला) जप करें- ¬ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
प्रश्न: मेरी पत्नी उग्र स्वभाव की है। मेरी शरीफ व संस्कारी मां को प्रताड़ित करती रहती है। हर समय कलह के बहाने ढूंढती रहती है।
मुझसे कहती है मां-बाप से अलग हो जाओ तब मैं ठीक रहूंगी। उसके इस व्यवहार से पूरा परिवार परेशान है। कृपया बताएं, मैं क्या करूं? -विजय, हरियाणा
उ: आपकी पत्नी की कुंडली में सूर्य लग्न में चलित भाव में सूर्य व मंगल दोनों लग्न में, द्वितीय वाणी स्थान में बुध है इसलिए आपकी पत्नी का क्रोधी होना स्वाभाविक है। उनका यह स्वभाव अभी बना रहेगा। सप्तम भाव में गुरु की स्थिति के कारण उनके पति सुख में कमी भी आएगी क्योंकि गुरु यहां अष्टमेश है। इसलिए राहु की महादशा 26.9.2012 तक राहु की महादशा में आपको व आपके परिवार वालों को आपकी पत्नी सुख नहीं दे सकती।
अतः धैर्य रखें ! यदि मां-बाप का सुख देखना चाहते हैं, तो पत्नी को अलग रख सकते हैं क्योंकि 2012 तक आपकी पत्नी किसी की सुनने वाली नहीं हैं। यदि अधिक विलंब करेंगे, तो आपका तलाक होगा और गुरु की महादशा में पुनः मिलन होगा। उपायः वर्तमान समय में चल रही राहु की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा 14 अप्रैल 2009 तक चलेगी। इसके अतिरिक्त गोचर में राहु सप्तम भाव में है। अतः अगले वर्ष मार्च में राहु स्थान परिवर्तन करेगा। यदि आप कुछ उपाय करेंगे तो आपका सांसारिक जीवन कुछ हद तक ठीक हो सकता है।
इस हेतु जाया कारक ग्रह शुक्र के लिए श्री सूक्त का पाठ करें एवं प्रत्येक शुक्रवार को कन्याओं को भोजन देते रहें क्योंकि शुक्र पर शनि की दृष्टि है। सप्तमेश शनि अकारक होकर बलवान एकादश स्थान में स्थित है, उसके कुप्रभाव से बचने के लिए लूलों, लंगड़ों, अंधों को दान दें। सप्तम भाव में बृहस्पति ग्रह को प्रसन्न रखने के लिए पीली चीजों का दान करें।
प्रश्न: मेरा तलाक कब होगा? क्या पुनर्विवाह सुखमय होगा?
वर्तमान समय में लड़की वाले तलाक कराना चाहते हैं और मुझ से 35 लाख रुपए की कानूनी तौर पर मांग कर रहे हैं। मेरे पास इतना पैसा नहीं है। ऐसे में क्या मुझे जेल जाना पड़ेगा? -रजनीश चंद्र, बिलासपुर
उŸार: आपके अष्टम भाव में राहु शुक्र के घर में है तथा वर्तमान समय में राहु की महादशा में चल रही शुक्र की अंतर्दशा 29 जुलाई 2007 तक चलेगी।
इस अवधि में यदि लड़की वालों के साथ आपका समझौता नहीं हुआ, तो जेल जाने की नौबत आ सकती है क्योंकि राहु अष्टम भाव में है और बृहस्पति की दृष्टि पूर्ण रूप से नहीं पड़ रही है। चलित कुंडली में बृहस्पति लग्न से तीसरे भाव में है जो अष्टम से अष्टम भाव होता है। तलाक हो जाने की स्थिति में 9 जनवरी 2011 के पश्चात बृहस्पति की महादशा में आपका विवाह पुनः होगा और यह दूसरा विवाह सुखमय होगा। उस वक्त गुरु भी गोचर में लग्न में होगा।
पंचमेश चंद्रमा बुध के भाव में है और बुध को केंद्राधिपति दोष है। इसके अतिरिक्त आप पर शनि की साढ़ेसाती भी शुरू होने वाली है। इसलिए आने वाला समय आपके लिए अशुभ है। संयम रखें व समझौता करें। अपने दोष को मानें व भविष्य में जब पुनर्विवाह हो, तब दूसरी पत्नी के साथ छल-कपट न करें। तभी आगे आपका दाम्पत्य जीवन सुखी रहेगा। वर्तमान समय में गोचर में राहु लग्न से बारहवें चल रहा है। अतः राहु के बीज मंत्र ¬ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः का जप करें। तृतीयेश व अष्टमेश शुक्र अकारक होकर बलवान है। अतः ¬ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः का जप करें। शनिवार को कोढ़ियों को प्यार से खाना खिलाएं। विधवा स्त्री को वस्त्र दान करें। शुक्र के लिए सफेद चावल व कपड़ा दान करें और जिन बच्चों को दूध पीने के लिए नहीं मिलता हो, उन्हें दूध दें।