कुछ समय पहले पं0 गोपाल शर्मा जी फरीदाबाद में श्री संदीप छाबड़ा के घर गये। घर के निरीक्षण के समय कई वास्तु दोष पाए गए। श्री छाबड़ा जी ने बताया कि काफी समय से उनको आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है जिससे घर में तनाव और मानसिक परेशानियां बहुत बढ़ गई हैं तथा उनका स्वास्थ्य भी खराब रहता है। परीक्षण के दौरान पाए गये वास्तु दोष - उत्तर, उत्तर-पूर्व में रसोईघर होना एक गंभीर वास्तु दोष था जिसकी वजह से धन की हानि तथा मानसिक परेशानियां रहती थी। उत्तर की तरफ मुख करके खाना बनाने से यह दोष और भी गंभीर हो गया जो कि भारी खर्चा करवाता है, धन में कमी लाता है तथा आपसी मनमुटाव बढ़ाता है।
- घर का दक्षिण-पश्चिम भाग बढ़ा हुआ था जो कि घर के मुखिया के स्वास्थ्य संबंधी परेशानी और मानसिक तनाव का मुख्य कारण था। - घर के दक्षिण-पश्चिम में स्नानघर बना हुआ था जिसके कारण परिवार का मुखिया सदैव बीमार रहता है और घर में तनाव की स्थिति बनी रहती है।
- मुख्य द्वार के सामने सीढियां होने से घर की सकारात्मक ऊर्जा बाहर निकल जाती है और बाहर की नकारात्मक ऊर्जा सीधी अन्दर आ जाती है जो कि घर में आंतरिक वातावरण/ शांति को प्रभावित करती है। घर में आने का मन नहीं करता है। सुझाव - रसोईघर दक्षिण-पूर्व में बनाना उत्तम है। इससे खाना स्वादिष्ट बनता है एवं घर में मेल-मिलाप बढ़ता है। खाना पूर्व की ओर मुख करके बनाना चाहिए, इससे घर के सभी सदस्यों का स्वास्थ्य ठीक रहता है और सुख समृद्धि बढ़ती है।
- दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पश्चिम तक लकड़ी, धातु, सीमेंट या बाँस का परगोला डालने को कहा गया जिससे कि आकार सिमिट्रीकल हो जाएगा।
- घर के दक्षिण-पश्चिम के स्नानघर को ड्रेसिंग रुम में स्थानांतरित करवाया गया।
- मुख्य द्वार और सीढ़ियों के बीच में स्लाइडिंग दरवाजा लगवाकर उनके आमने सामने होने का दोष खत्म किया गया। कुछ दिन पहले श्री छाबड़ा जी ने आभार प्रकट करते हुये बताया कि आपके द्वारा बताये गये उपायों को कार्यान्वित करने के पश्चात उनकी आर्थिक एवं मानसिक स्थिति में काफी सुधार आया है।