इस लेख में जीवन में आर्थिक समस्याओं के निदान हेतु तथा धन लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के उद्देश्य से प्रयोग किये जाने वाले धन लक्ष्मी प्राप्ति के टोटके दिये गये हैं। धन लक्ष्मी प्राप्ति के 21 महत्वपूर्ण अचूक उपाय जिन्हें प्रत्येक व्यक्ति सरलता व सुगमता से कर सकता है तथा जीवन में सुख समृद्धि एवं शान्ति ला सकता है।
ज्योतिष ग्रंथों में कहा गया
है कि शुक्र ग्रह सुख,
धन व समृद्धि के कारक ग्रह हैं।
दीपावली के दिन शुक्र देवता अक्सर
अपनी मूलत्रिकोण राशि तुला में होते
हैं जिस कारण वे शुभ फल देने में
सक्षम होते हैं। शुक्र की अधिष्ठात्री
देवी मां लक्ष्मी की पूजा, साधना आदि
कर के जातक अपने लक्ष्य व मनोरथ
की पूर्ति कर सकता है। इसके लिये
निम्न 21 उपाय जातक को उसके
जीवन में धन-धान्य से भरपूर करने
में मदद करते हैं-
- दीपावली की रात एक चैकी पर
लाल वस्त्र बिछाकर उसपर गेंहू से
स्वास्तिक बनायें, इनके ऊपर
एक थाली रखें, थाली में कुमकुम
से ‘गं’ लिखें, इसके ऊपर
श्वेतार्क गणपति, श्रीफल व 7
कौडियां रखें, चंदन की माला से
5 बार निम्न मंत्र का जाप करें व
मां लक्ष्मी की असीम कृपा प्राप्त
करें -
‘‘ऊं सर्व सिद्धि प्रदोयसि त्वं
सिद्धि बुद्धिप्रदो भवः श्रीं’’
अगले दिन 5 कन्याओं को
पीला भोजन करायें, श्वेतार्क को
पूजाघर में रख दें बाकी सामग्री
जल में प्रवाहित कर दें।
- यदि दीपावली से आरम्भ कर
निम्न मंत्र का रोजाना 5 माला जाप
किया जाये और फिर अपने व्यवसाय
स्थल पर जाया जाये तो व्यवसाय में
अधिक लाभ होने लगता है।
‘‘ऊं ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्रीं
महालक्ष्मी मम गृहे धनं पूरय पूरय
चिंतायै दूरय दूरय स्वाहा’’।
- दीपावली के दिन तुलसी की पूजा
व रात्रि में कच्चे सूत को शुद्ध केसर
से रंग कर निम्न मंत्र का 5 माला
जाप करने के पश्चात कार्य स्थल में
रखने से व रोजाना इसके दर्शन व
पूजा से उन्नति मिलती है।
‘‘ऊं श्रीं श्रीं ह्रीं ह्रीं ऐश्वर्य महालक्ष्म्यै
पूर्ण सिद्धिं देहि देहि नमः’’।
- दीपावली के दिन श्रीयंत्र की प्राण
प्रतिष्ठा करनी चाहिये और प्रतिदिन
पूजा करनी चाहिये। इससे सभी
प्रकार के दुख, रोग व दरिद्रता का
नाश होता है। सभी तरह के भौतिक
सुख, शांति व आनन्द प्राप्त होते हैं।
इस यंत्र की पूजा के लिये मंत्र इस
प्रकार से है -
‘‘श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद
प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः’’।
- दीपावली के दिन श्वेतार्क की जड़
जो श्री गणेश का प्रतिरूप समझी
जाती है, की सम्मान सहित पूजा
स्थल पर प्राण प्रतिष्ठा की जाये
और रोजाना महालक्ष्मी जी के
निम्न मंत्रों के साथ उनकी व
महालक्ष्मी जी की पूजा की जाये
तो माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त
होती है:-
‘‘ऊं ह्रीं अष्टलक्ष्म्यै दारिद्र्य
विनाशिनी सर्व सुख समृद्धिं देहि
देहि ह्रीं ऊं नमः’’।
- यदि दीपावली के दिन निम्न
मंत्र की 21 माला जाप की
जाये और अगले दिन एक ब्राह्मण
को भोजन कराया जाये, तत्पश्चात
रोजाना इसी मंत्र की एक माला जाप
किया जाये तो अक्षय धन की प्राप्ति
होती है।
‘‘ऊं श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौं ऊं ह्रीं क ए
ई ल ह्रीं ह स क ह ल
ह्रीं सकल ह्रीं सौं ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं ऊं’’।
- दीपावली की अमावस्या की रात
से पहले आने वाले शनिवार से घर
की पूरी साफ सफाई शुरू कर देनी
चाहिये। रद्दी, टूटी चीजें आदि
निकाल कर बाकी चीजें करीने से
रख देनी चाहिये। शाम के समय
घर के सभी बल्ब कम से कम 20
मिनट के लिये रोजाना रोशन कर
देने चाहिये। निम्न मंत्र से रोजाना
लक्ष्मी जी की उपासना करने से सुख
व समृद्धि मिलती है।
‘‘ऊं ऐं ह्रीं श्रीं सं सिद्धिदां साधय
साधय स्वाहा’’।
- यदि दीपावली के दिन से शुरू
कर 72 दिनों तक निम्न मंत्र का धूप
दीपादि का उपयोग कर सवा लाख
बार जाप किया जाये तो निश्चय ही
प्रचुर धन की प्राप्ति होती है।
‘‘ऊं श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन पालिन्य
महालक्ष्म्यै अस्माकं दारिद्र्य नाशय
नाशय प्रचुरं धनं देहि देहि क्लीं ह्रीं
श्रीं ऊं’’।
- दीपावली के दिन 11 हल्दी की
गांठों को पीले कपडे़ में रख कर
निम्न मंत्र का 11 माला जाप कर
तिजोरी में रख दिया जाये और
रोजाना वहां दिया जलाया जाये तो
व्यापार की उन्नति होने लगती है -
‘‘ऊं वक्रतुण्डाय हुं’ ।’
- दीपावली के दिन अपने गल्ले के
नीचे काली गुंजा के दाने डाल दें
और निम्न मंत्र की 5 माला जाप करें
तथा रोजाना महालक्ष्मी जी के सामने
दिया जलाने से व्यवसाय में होनी
वाली हानि रुक जाती है।
‘‘ऊं ऐं ह्रीं विजय वरदाय देवी ममः’’।
- व्यापार करने वाले लोगों के लिये
व्यापार की वृद्धि के लिये व्यापार
वृद्धि यंत्र का उपयोग करना चाहिये।
दीपावली के दिन केसर की स्याही
से व अनार की कलम से भोज
पत्र पर इस यंत्र की रचना करनी
चाहिये। इसमें एक वर्ग बनाकर
उसके 9 उपवर्ग बनाये जाते हैं और
उसमें पहली पंक्ति में 8,1,6 दूसरी
पंक्ति में 3,5,7 व तीसरी पंक्ति में
4,9,2 लिखा जाता है। इस यंत्र की
प्रतिदिन पूजादि से व्यापार उन्नति
करता चला जाता है.
- यदि दीपावली की रात महालक्ष्मी
जी की पूजा करते समय अकीक
की भी पूजा की जाये और उसके
बाद इसको धारण किया जाये तो
ऐसा करने से वर्ष भर समृद्धि प्राप्त
होती है।
- दीपावली की रात्रि से आरंभ कर
लगातार 7 दिन महालक्ष्मी यंत्र के
सम्मुख कमल गट्टे की माला से ‘‘ऊं
महालक्ष्म्यै नमः’’ मंत्र का विधिवत 11
माला जाप किया जाये अैार अंतिम
दिन किसी ब्राह्मण को भोजन कराया
जाये तो आर्थिक अनुकूलता आने
लगती है।
- दीपावली के दिन सूर्योदय से दो
घंटे के भीतर एक नारियल का गोला
लेकर उसका मुंह काट लें। तब घर
के सभी सदस्य उसमें चीनी बूरा,
मेवे, देसी घी मिला कर भर दें। जब
गोला भर जाये तो उसे पीपल या
बरगद के पेड़ के नीचे इस प्रकार
गाड़ दें कि गोले का मुंह जमीन
से ऊपर कुछ दिखता रहे। गोले के
चारों तरफ थोड़ा चीनी बूरा बिखेर दें
ताकि चींटियां गोले में जल्दी प्रवेश
कर सकें। ऐसा करने से लक्ष्मी उस
घर से कभी रूठ कर नहीं जाती है।
- गणेश जी ऋद्धि सिद्धि के दाता हैं
और लक्ष्मी जी धन की देवी हैं। दोनों
का संयुक्त यंत्र महायंत्र कहलाता
है। दीपावली के दिन इस यंत्र की
पूजादि करने के पश्चात् गल्ले या
तिजोरी में रखने से धन का भंडार
भरा रहता है तथा परिवार में व्यक्ति
प्रसन्न और सुखी रहता है।
- दीपावली के बाद पहली बार जब
चंद्रमा दिखे तो उस दिन से अगली
पूर्णिमा तक हर रोज रात को केले
के पत्ते पर दही-भात रख कर चंद्रमा
को दिखायें और मंदिर में पंडितजी
को दान दे दें। चंद्रमा प्रारब्ध का
देवता है जो प्रसन्न होकर अचानक
धन प्राप्ति करा देता है।
- दीपावली के दिन महालक्ष्मी जी की
पूजा के समय मां को एक इत्र की
शीशी चढायें। उसमें से एक फुलेल
लेकर मां को अर्पित करें। फिर पूजा
के पश्चात उसी शीशी में से थोड़ा
इत्र स्वयं को लगा लें। इसके बाद
रोजाना इसी इत्र में से थोड़ा सा
लगा कर कार्य स्थल पर जायें तो
रोजगार में वृद्धि होने लगती है।
- दीपावली की शाम को एक सुपारी
व एक ही तांबे का सिक्का लेकर
किसी पीपल के पेड़ के नीचे रख दें।
रविवार को उसी पीपल के पेड़ का
पत्ता लाकर कार्यस्थल पर गद्दी के
नीचे रख देने से ग्राहक बने रहते
हैं।
ये कुछ धन लक्ष्मी प्राप्ति के टोटके हैं जो इन धन लक्ष्मी प्राप्ति के उपायों के द्वारा हम अपनी तथा दूसरों की मुश्किलों को आसान कर सकते हैं।