- दीपावली की रात्रि को 21 हकीक के पत्थरों का पूजन करें फिर अपने निवास में कहीं भी गाड़ दें‘ पूरे वर्ष लक्ष्मी का स्थायी वास रहेगा।
- दीपावली की रात्रि को ठीक 12 बजे 11 देसी घी के दीपक जला कर अपने निवास के मध्य भाग में एक चक्र बनाकर उसके मध्य रोली से श्री लिखें व 108 बार उच्चारण करें। माँ लक्ष्मी से स्थायी निवास की प्रार्थना करें।
- दीपावली के पूजन के समय लाल कपडे़ में काली हल्दी के साथ सिंदूर व कुछ सिक्के या रुपयांे का पूजन करें। अगले दिन उसे लाल कपड़े में बाँधकर तिजोरी में रखें।
- दीपावली के पूजन से पहले किसी भी गरीब सुहागन स्त्री को अपनी पत्नी के ़द्वारा सुहाग सामग्री दें,साथ में कोई इत्र जरूर दें।
- दीपावली की रात्रि में निवास के प्रत्येक कमरे व मुख्य द्वार पर गेहूं की ढेरी बना कर उसके ऊपर शुद्ध देसी घी का दीपक रात भर जलायें, लक्ष्मी का निवास रहेगा और बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा।
- यदि आर्थिक कार्यों में बाध्ाायें आती हैं तो धनतेरस स दीपावली तक लगातार तीन दिन श्री गणेष स्तोत्र का पाठ करें तथा गाय को हरी सब्जी खिलायें। बाध्ाायें समाप्त होंगी तथा मां लक्ष्मी का निवास रहेगा।
- इमली की टहनी को काट कर गल्ले या अलमारी में रखने से धन की कोई कमी नहीं रहती।
- दीपावली की रात्रि सिंह लग्न में मध्य रात्रि 12 से 2 बजे के बीच एक चांदी के गिलास में गंगा जल भरें, कुछ पीला मिष्टान्न लें। पूर्व दिशा की ओर बैठ कर श्री कुबेर यंत्र के समक्ष भोग अर्पित करें और निम्न मंत्र की एक माला या अधिक से अधिक पांच माला का जाप करें।
ऊँ यक्षाय कुबेरायः वैश्रणावाय धन धान्यादिपत्यै धन धान्य समृद्वि मे देहि दापाये स्वाहा।’’ मंत्र जाप के बाद गंगा जल को निवास व कार्यालय क दीवारों पर छिड़क दें। इससे मां लक्ष्मी का स्थायी निवास रहेगा।
- दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन के समय 11 पीली कौड़ी गंगा जल से शुद्ध कर के कौड़ियांे पर हल्दी कुमकुम लगायें, दूसरे दिन लाल कपडे़ में बाँध कर तिजोरी या गल्ले में रखें। ऐसा करने से माँ लक्ष्मी प्रसन्न रहती हैं।
- नरक चतुर्दशी के दिन लाल चंदन, पाँच लाल गुलाब के फूल, रोली लाल कपडे़ में बाँध कर धूप-दीप दिखा कर धन रखने के स्थान पर रख दें। लक्ष्मी स्थायी रूप में वहाँ रहेंगी।
- दीपावली के एक दिन पहले अशोक वृक्ष की पूजा करें और अगले दिन जड़ ले जाने का अनुरोध करें। दीपावली की रात्रि को इस जड़ को भी विधि के साथ पूजें फिर इसे तिजोरी में रखें।
- दीपावली के दिन 108 आटे की गोलियां ‘‘ऊँ ह्रीं नमः’’ मंत्र का जाप करते हुए बनायें और फिर मछलियों को खिलायें। यह क्रिया 108 दिन करें, इससे आर्थिक अवस्था ठीक रहेगी।
- ऋद्धि-सिद्धि के स्वामी श्री गणेश जी और धन की देवी लक्ष्मी जी हैं। इन दोनों का संयुक्त यन्त्र महायन्त्र कहलाता है। दीपावली की रात्रि को इस यन्त्र की पूजा कर स्थापित करें। लक्ष्मी का वास स्थिर रहेगा।
- दीपावली के दिन पति-पत्नी विष्णु मंदिर में जायें और वहाँ लक्ष्मी जी को वस्त्र चढ़ायें, धन की कभी कमी नहीं रहेगी।
- दीपावली के अगले दिन गाय के गोबर का दीपक बनाकर उसमें पुराने गुड़ की एक डली और मीठा तेल डालें और दीपक जलाकर घर के मुख्य द्वार के बीच में रखें। इससे सुख-समृद्धि वर्ष भर बनी रहेगी।
- दीपावली की रात्रि को काले तिल परिवार के सभी सदस्यों के सिर से सात बार उतारकर घर की पश्चिम दिशा में फंेक दें। ऐसा करने से धन की हानि बंद हो जायेगी और मां लक्ष्मी की कृपा वर्ष भर रहेगी।
- दीपावली के दिन झाड़ ू खरीदकर लायें। पूजा से पहले उससे थोड़ी सफाई करें फिर उसे एक तरफ रख दें। अगले दिन उस झाड़ ू का प्रयोग करें। इससे दरिद्रता जायेगी और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी।
- बृहस्पतिवार को केले के वृक्ष पर जल अर्पित करें और देसी शुद्ध घी का दीपक जलायें तथा शनिवार को पीपल के वृक्ष में गुड़ दूध मिला मीठा जल व सरसों के तेल का दीपक जलायें। कभी भी आर्थिक परेशानी नहीं होगी।
- घर में जितने भी दरवाजे हों उनमें आप कभी-कभी तेल दे दिया करंे। उनमें किसी प्रकार की आवाज नहीं आनी चाहिये।
- घर में नमक किसी खुले डिब्बे में न रखें। डिब्बे में ढक्कन लगा कर रखें।
- महीने में एक बार किसी भी दिन उपले में अग्नि जलाकर लोबान डालें और पूरे घर में इसका धुआं दें।
- प्रातः उठकर सर्वप्रथम गृह लक्ष्मी यदि मुख्य द्वार पर एक लोटा जल डालंे तो मां लक्ष्मी के आने का मार्ग खुलता है।
- नियमित रूप से पूजा करते समय जो दीपक जलायें उसमें रूई की बत्ती के स्थान पर कलावा अर्थात मौली का प्रयोग करें क्योंकि मां लक्ष्मी को लाल रंग बहुत पसंद है। लक्ष्मी का निवास वर्ष भर बना रहेगा।
- रविपुष्य योग में बहेडे़ की जड़ या एक पत्ता तथा शंखपुष्पी की जड़ लाकर घर में रखें। चाँदी की डिब्बी में रखने से और लाभ मिलेगा।
- रामायण की इस चैपाई का पाठ करने से घर की दरिद्रता दूर होती है, धन में वृद्धि होती है। अतिथि पूज्नय प्रियतम पुरारि के। कामद धन दारिद्र द्वारिके।
- शुक्लपक्ष के बुधवार को अलग-अलग दो दुकानों से एक-एक आम खरीदें तथा इन दोनों आमांे को एक साथ बहते पानी में बहा दें।
- बरगद के ताजे पत्ते साफ करके रविपुष्य या गुरुपुष्य योग में लायंे और उनपर हल्दी से स्वास्तिक बनाकर घर में रखें, लक्ष्मी का वास स्थिर रहेगा। - घर में या मंदिर में अनार का पेड़ लगायें और रोज जल दें। जैसे-जैसे पेड़ बड़ा होगा धन में वृद्धि होगी।
- दिवाली वाले दिन या किसी और दिन कोई किन्नर माँगने आये तो उसे यथा समर्थ धन दें। यदि बुधवार का दिन हो तो बहुत ही शुभ होता है। फिर उससे निवेदन करें कि अपने पास से आपको कुछ धन दे। जो सिक्का या रुपया आप को दे वह तिजोरी में रख लें।
- धनतेरस पर जब कोई नया बर्तन खरीदें तो एक चाँदी की डिब्बी भी लें। दीपावली के पूजन के समय उस डिब्बी को गंगा जल से धोकर नागकेसर और कचनार के पत्ते यदि कचनार के पत्ते न मिले तो शहद लें यह सब दिवाली की पूजन की साम्रगी के साथ रखें और सारी रात पूजा वाले स्थान पर पड़ी रहने दें।
अगले दिन स्नान के बाद नागकेसर और कचनार या शहद चाँदी की डिब्बी में डाल दें। उसी डिब्बी को लाल या पीले कपड़े में बाँध कर धन रखने के स्थान पर रखें। वर्ष भर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी।
- धनतेरस के दिन हल्दी और चावल पीस कर उसके घोल से घर के मुख्य द्वार पर ऊँ बनाने से धन आयेगा।
- नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली को प्रातःकाल हाथी को गन्ना या मीठा खिलाने से अधिक तकलीफों से मुक्ति मिलती है।
- दीपावली पूजन के बाद शंख और डमरू बजाने से दरिद्रता जाती है।
- दीपावली के पाँच पर्व होते हैं। धनतेरस से भैया दूज तक पांचांे दिन चार छोटे एवं एक बड़ा दीपक जरूर जलायें। दीपक रखने से पहले आसन बिछायें, फिर खील चावल रखंे तथा उसपर दीपक रखें। धन की वृद्धि सदा बनी रहेगी।