दीपावली के शुभ अवसर पर बहुत से ऐसे प्रयोग किये जाते हैं जो लक्ष्मी प्राप्ति के उपाय के रूप में विशेष प्रचलित हैं। लक्ष्मी प्राप्ति के उपाय अनेक हैं , परन्तु इन उपायों को कारगर बनाने के लिए मुहूर्त का महत्व सर्वोपरि है। दीपावली को इन उपायों की सिद्धि के लिये सर्वोपयुक्त मुहूर्त माना जाता है। दीपावली पर्व पांच पर्वों से मिलकर बना है- धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा तथा यम द्वितीया। इन सभी पर्वों को लक्ष्मी प्राप्ति के उपायों की सिद्धि हेतु प्रयोग में लाया जाता है।
दीपावली महापर्व है। अनेक
संप्रदायों के लोग इस पर्व
पर धन प्राप्ति हेतु लक्ष्मी की साधना
करते हैं। धन त्रयोदशी से लेकर
भैया दूज तक पांच दिन चलने वाला
यह पर्व मां लक्ष्मी की शाश्वत कृपा
प्राप्ति के लिए मनाया जाता है।
मान्यता है कि धनतेरस से लेकर
भैयादूज के पांच दिनों में जो लक्ष्मी
मां की निष्ठापूर्वक पूजा करता है,
मां लक्ष्मी की कृपा उस पर जन्म
जन्मातंर तक बनी रहती है। इस
अवसर पर शास्त्रसम्मत निम्न उपाय
किए जाएं तो सुख-समृद्धि की प्राप्ति
हो सकती है। ये सभी प्रयोग छोटे व
सरल, किंतु प्रभावशाली हैं-
लक्ष्मी प्राप्ति के उपाय इस प्रकार हैं-
- दीपावली पूजन के समय मां लक्ष्मी
की एक पुरानी तस्वीर पर महिलाएं
अपने हाथ से संपूर्ण सुहाग सामग्री
अर्पित करें। अगले दिन स्नान कर
पूजा करके उस सामग्री को मां लक्ष्मी
का प्रसाद मानकर स्वयं प्रयोग करें
तथा मां लक्ष्मी से अपने घर में स्थायी
वास की प्रार्थना करें। यह लक्ष्मी प्राप्ति का अचूक टोटका है।
- आर्थिक स्थिति में उन्नति के
लिए दीपावली की रात सिंह लग्न
में श्रीसूक्त का पाठ करें। श्रीसूक्त
में पंद्रह ऋचाएं हैं। प्रत्येक ऋचा
अति शक्तिशाली होती है। सिंह लग्न
मध्य रात्रि में होता है। उस समय
लाल वस्त्र धारण कर लाल आसन
पर बैठ कर विष्णु-लक्ष्मी की तस्वीर
के सामने शुद्ध घी का बड़ा दीपक
जलाएं। श्रीसूक्त का 11 बार पाठ
करें। फिर हवन कुंड में अग्नि प्रज्वलित
करें और श्रीसूक्त की प्रत्येक
ऋचा के साथ आहुति दें। तत्पश्चात्
थोड़ा जल आसन के नीचे छिड़कें
और उस जल को माथे पर लगाएं।
बड़े दीपक को दोनों हाथों में लेकर
अपने निवास स्थान के ऐसे स्थान
पर आ जाएं जहां से आकाश दिखाई
देता हो और मां लक्ष्मी से अपने घर
की समृद्धि के लिए प्रार्थना करें। फिर
उस दीपक को लेकर पूरे घर में घूम
जाएं और अंत में उसे पूजा स्थल
में रख दें। इस प्रयोग से लक्ष्मी जी
प्रसन्न होती हैं। इसके बाद प्रत्येक
शुक्ल पक्ष की पंचमी को श्रीसूक्त से
हवन करें। श्रीसूक्त सर्वश्रेष्ठ लक्ष्मी प्राप्ति स्तोत्र है।
- लक्ष्मी विष्णुप्रिया हैं। दीपावली
पूजन के समय गणेश-लक्ष्मी के
साथ विष्णु जी की स्थापना अनिवार्य
है। लक्ष्मी जी के दाहिनी ओर विष्णु
जी तथा बाईं ओर गणेश जी को
रखना चाहिए।
- दीपावली के अवसर पर व्यावसायिक
संस्थानों तथा घरों में हिजड़े इनाम
लेने आते हैं। किसी हिजड़े को
कुछ रुपये (11, 21, 31) अवश्य
दें तथा एक सिक्का उससे लेकर
अथवा उससे स्पर्श करवाकर अपने
कैशबोक्स में रख लें, धन निरंतर
बढ़ता जाएगा। लक्ष्मी प्राप्ति का यह टोटका सर्वाधिक प्रचलित है।
- दीपावली के दिन पीपल का एक
अखंडित पत्ता वृक्ष से प्रार्थना करके
तोड़ लाएं और इसे पूजा अथवा
किसी अन्य पवित्र स्थान पर रख दें।
फिर प्रत्येक शनिवार को नया पत्ता
तोड़ कर उस स्थान पर रखें और
पुराने पत्ते को पेड़ के नीचे रख आएं,
घर में लक्ष्मी का स्थायी वास होगा।
- लक्ष्मी समुद्र से उत्पन्न हुई हैं और
समुद्र से ही उत्पन्न दक्षिणावर्ती शंख,
मोती शंख, कुबेर पात्र, गोमती चक्र
आदि उनके सहोदर अर्थात् भाई-बंधु
हैं। इनकी आपके घर में उपस्थिति
हो तो लक्ष्मी जी प्रसन्न होकर आती
हैं। अतः दीपावली पूजन में इन वस्तुओं
में से जो भी संभव हो, उसे घर
में रखें, लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी।
- दीपावली की रात को पूजा के बाद
लक्ष्मी जी की आरती न करें। श्रीसूक्त,
लक्ष्मी सूक्त, पुरुष सूक्त आदि
का पाठ कर सकते हैं, आरती नहीं।
पूरी रात लक्ष्मी जी का आवाहन
करना चाहिए। आरती का अर्थ है
पूजन समाप्त, जो ठीक नहीं।
- दीपावली के दिन विष्णुसहस्रनाम,
लक्ष्मीसूक्त आदि की कैसेट अवश्य
चलाएं। इससे वातावरण लक्ष्मीमय हो
जाता है।
- लक्ष्मी पूजन करते समय 11
कौड़ियां गंगाजल से धोकर लक्ष्मी
जी को चढ़ाएं और उनपर हल्दी
कुमकुम लगाएं। अगले दिन इन्हें
लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में
रख दें, इससे आय में वृद्धि होगी।
- हल्दी से रंगे हुए कपड़े के एक
टुकड़े में एक मुट्ठी नागकेसर, एक
मुट्ठी गेहूं, हल्दी की एक गांठ, तांबे
का एक सिक्का, एक मुट्ठी साबुत
नमक और तांबे की छोटी सी चरण
पादुकाएं बांधकर रसोई घर में टांग
दें। यह एक चमत्कारी उपाय है।
इससे मां लक्ष्मी जी के साथ मां
अन्नपूर्णा की कृपा प्राप्त होती है तथा
पारिवारिक कलह भी दूर होता है।
- दीपावली पर्व पांच पर्वों से मिलकर
बना है- धनतेरस, नरक चतुर्दशी,
दीपावली, गोवर्धन पूजा तथा यम
द्वितीया। पांचों दिन संध्या समय घर
में कम से कम पांच दीपक (चार
छोटे तथा एक बड़ा) अवश्य जलाएं।
दीपक कभी सीधे भूमि पर न रखें,
उसके नीचे आसन अवश्य दें। जैसे
पहले थोड़े खील या चावल रखें फिर
उस पर दीपक रखें।
- नरक चतुर्दशी को संध्या समय घर
की पश्चिमी दिशा में खुले स्थान पर
अथवा छत के पश्चिम में 14 दीपक
पूर्वजों के नाम से जलाएं। उनके
आशीर्वाद से समृद्धि प्राप्त होगी।
- दीपावली की रात पूजा के बाद
घर के प्रत्येक कमरे में शंख बजाएं।
इससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह
होता है।
- दीपावली के दिन किसी गरीब
सुहागिन स्त्री को सुहाग सामग्री दान
दें। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
- दीपावली के दिन एक नई झाडू
खरीद लाएं। पूजा से पहले उससे
थोड़ी सी सफाई करें। फिर उसे एक
तरफ रख दें। अगले दिन से उसका
प्रयोग करें, दरिद्रता दूर भागेगी,
लक्ष्मी का आगमन होगा।
- लक्ष्मी जी को घर में बनी खीर
का भोग लगाएं, बाजार की मिठाई
का नहीं।
- पूजा में मां लक्ष्मी के चरणों में एक
लाल तथा एक सफेद हकीक पत्थर
रखें। दोनों के योग से चंद्र-मंगल
लक्ष्मी योग बनता है। पूजा के बाद
इन्हें अपने पर्स में रख लें।
ये सभी उपाय अनुभूत एवं प्रभावी
हैं। कहा जाता है कि यदि दीपावली
उचित ढंग से मनाई जाए तो वर्ष
अच्छा बीतता है। अतः दीपावली
के अवसर पर इन्हें अपनाकर लाभ
उठाएं। लक्ष्मी प्राप्ति के उपाय दुर्लभ हैं। इसलिए पूरी शुद्धता व भक्तिभाव से इनका प्रयोग करें।