ग्रह स्थिति एवं व्यापार

ग्रह स्थिति एवं व्यापार  

दिव्यदीप गौड
व्यूस : 5180 | जुलाई 2014

मासारंभ में गुरु का पुनर्वसु नक्षत्र और उच्चस्थ राशि कर्क में स्थित होकर उच्चस्थ शनि द्वारा दृष्टित होना और बुध व शनि का वक्री गति में होना प्राकृतिक प्रकोपों, भयंकर बाढ़ इत्यादि से जन-धन की भारी हानि का संकेत देता है।

11 जुलाई को गुरु ग्रह का अस्त हो जाना तथा 12 जुलाई को राहु का कन्या राशि में प्रवेश करना और केतु का मीन राशि में प्रवेश कर जाना तथा इसके साथ ही 14 जुलाई को मंगल का भी तुला राशि में उच्चस्थ शनि से राशि संबंध बना लेना ये सभी योग इस मास में उग्रकारी तत्वों के द्वारा हिंसक व आतंकी गतिविधियों से जनता मंे भय व अशांति को बढ़ावा देगा। ये योग आकाशीय आपदाओं से भी जन-धन की हानि का संकेत देते हैं।

16 जुलाई को सूर्य का उच्चस्थ बृहस्पति से राशि संबंध बनाकर शनि से दृष्टित होना हिंसक घटनाओं व सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाकर शासकों में भय व्याप्त करेगा। दैनिक उपयोगी वस्तुओं में महंगाई के अत्यधिक बढ़ जाने से जन मानस में शासकों के प्रति रोष की भावना को बढ़ाएगा। पड़ोसी देशों से संबंधों में भी विरोधाभास और ज्यादा बढ़ेगा। सीमाओं पर अशांतमय माहौल रहेगा। इस मास में अत्यधिक वर्षा, आंधी, तूफान इत्यादि के द्वारा खड़ी फसलों के लिए हानिकारक रहेगा।

सोना व चांदी मासारंभ में 1 जुलाई को बुध का मार्गी गति में आना बाजारों में तेजी का वातावरण ही बनाएगा।

4 जुलाई को गुरु का पुष्य नक्षत्र में प्रवेश करना बाजारों में तेजी का रूझान बनाए रखेगा।

6 जुलाई को सूर्य का पुनर्वसु नक्षत्र पर प्रवेश कर सर्वतोभद्रचक्र द्वारा मूल, उ. फा. व पू.भा. नक्षत्रों को वेधना बाजारों में पूर्व चल रहे रूख को बरकरार रखेगा।

8 जुलाई को शुक्र का मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश कर उ.षा. नक्षत्र को वेधना चांदी में तो मंदी का योग बना देगा लेकिन सोने को पूर्ववत माहौल में ही चलाएगा।

11 जुलाई को गुरु ग्रह का अपनी उच्च राशि में अस्त हो जाना बाजारों के रूख को बदल कर मंदी की लहर चला देगा।

12 जुलाई को राहु का चित्रा नक्षत्र के दूसरे चरण में प्रवेश व केतु का रेवती नक्षत्र के चैथे चरण में प्रवेश करना बाजारों में उतार-चढ़ाव का रूख अधिक बनाएगा।


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13 जुलाई को शुक्र का मिथुन राशि पर प्रवेश करना तथा इसी दिन बुध का आद्र्रा नक्षत्र पर प्रवेश कर पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र को वेधना, ये योग बाजारों मंे मंदी का वातावरण बनाने के संकेत देते हैं।

14 जुलाई को मंगल का तुला राशि में श्ािन से राशि संबंध बनाना बाजारों में पूर्व रूख को बनाए रखेगा।

16 जुलाई को सूर्य का कर्क राशि में उच्चस्थ गुरु से राशि संबंध बनाना तथा श्रावण संक्रांति का 30 मुहूर्ती में होना चांदी में तेजी की लहर चला देगा।

19 जुलाई को शुक्र का आद्र्रा नक्षत्र में प्रवेश करना और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र को वेधना बाजारों में तेजी का वातावरण ही बनाएगा।

20 जुलाई को सूर्य का पुष्य नक्षत्र पर आकर ज्येष्ठा, पू.फाल्गुनी व शतभिषा नक्षत्रों को वेधना तथा इसी दिन शनि का मार्गी गति में आना बाजारों में तेजी की लहर ही चलाएगा।

23 जुलाई को बुध का पुनर्वसु नक्षत्र पर आकर मूल नक्षत्र को वेधना चांदी में मंदी का योग बना देगा।

27 जुलाई को मंगल का स्वाति नक्षत्र पर आकर शतभिषा नक्षत्र को वेधना तथा इसी दिन बुध ग्रह का अस्त हो जाना अत्यधिक उतार-चढ़ाव की स्थिति के साथ बाजारों को तेजी के रूझान में ही रखेगा।

28 जुलाई को चंद्र दर्शन सोमवार के दिन 15 मुहूर्ती में होना तथा इसी दिन बुध का कर्क राशि में प्रवेश कर सूर्य व गुरु से राशि संबंध बनाना बाजारों के रूख को बदल कर मंदी की लहर चला देगा।

30 जुलाई को बुध का पुष्य नक्षत्र पर आकर ज्येष्ठा नक्षत्र को वेधना तथा शुक्र का पुनर्वसु नक्षत्र पर आकर मूल नक्षत्र को वेधना बाजारों में उतार-चढ़ाव के साथ तेजी की लहर चला देगा। गुड़ व खांड मासारंभ में 1 जुलाई को बुध का मार्गी गति में आना बाजारों में मंदी का योग दर्शाता है।

4 जुलाई को गुरु का पुष्य नक्षत्र पर प्रवेश करना बाजारों में तेजी की लहर चला देगा।

6 जुलाई को सूर्य का पनुर्वसु नक्षत्र पर प्रवेश कर मूल, उ.षा. व पूर्वाभाद्रपद नक्षत्रों को वेधना बाजारांे में तेजी का वातावरण ही बनाएगा।

8 जुलाई को शुक्र का मृगशिरा नक्षत्र पर प्रवेश कर उत्तराषाढ़ा नक्षत्र को वेधना भी बाजारांे में तेजी का माहौल बनाए रखेगा।

11 जुलाई को गुरु ग्रह का अपनी उच्च राशि में अस्त हो जाना बाजारों के रूख को बदल कर मंदी का रूझान बना देगा।

12 जुलाई को राहु का चित्रा नक्षत्र के दूसरे चरण में प्रवेश व केतु का रेवती नक्षत्र के चैथे चरण में प्रवेश करना बाजारों में पुनः तेजी की लहर चला देगा।

13 जुलाई को शुक्र का मिथुन राशि में प्रवेश करना तथा इसी दिन बुध का आद्र्रा नक्षत्र पर प्रवेश कर पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र को वेधना बाजारों को मंदी की तरफ ले जाने का योग दर्शाते हैं।

14 जुलाई को मंगल का तुला राशि में शनि से राशि संबंध बाजारों में तेजी का ही रूझान बनायेगा।

16 जुलाई को सूर्य का कर्क राशि में उच्चस्थ गुरु से राशि संबंध बनाना तथा श्रावण संक्रांति का 30 मुहूर्ती में होना बाजारों में तेजी का ही वातावरण बनाएगा।

19 जुलाई को शुक्र का आद्र्रा नक्षत्र पर प्रवेश कर पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र को वेधना बाजारों में पुनः मंदी का योग दर्शाता है।

20 जुलाई को सूर्य का पुष्य नक्षत्र पर आकर ज्येष्ठा, पूर्वाफाल्गुनी व शतभिषा नक्षत्रों को वेधना तथा इसी दिन शनि का मार्गी गति में आना बाजारों में तेजी की लहर चला देगा।

23 जुलाई को बुध का पुनर्वसु नक्षत्र में प्रवेश कर मूल नक्षत्र को वेधना बाजारों में उतार चढ़ाव की स्थिति बनाए रखेगा।

27 जुलाई को मंगल का स्वाति नक्षत्र में आकर शतभिषा नक्षत्र को वेधना तथा इसी दिन बुध ग्रह का अस्त हो जाना बाजारों में चल रहे पूर्व रूख को बनाए रखेगा।


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28 जुलाई को चंद्र दर्शन सोमवार के दिन 15 मुहूर्ती में होना तथा इसी दिन बुध का कर्क राशि में प्रवेश कर सूर्य व गुरु ग्रह से राशि संबंध बनाना बाजारों में तेजी की लहर चलाता है।

30 जुलाई को बुध का पुष्य नक्षत्र पर आकर ज्येष्ठा नक्षत्र को वेधना तथा शुक्र का पुनर्वसु नक्षत्र पर आकर मूल नक्षत्र को वेधना बाजारों में उतार-चढ़ाव का रूख रखेगा। अनाजवान व दलहन मासारंभ में 1 जुलाई को बुध का मार्गी गति में आ जाना गेहूं, जौ, चना, ज्वार इत्यादि अनाजों तथा मूंग, मौठ, मसूर, अरहर इत्यादि दलहन में तेजी का वातावरण बनाएगा।

4 जुलाई को गुरु ग्रह का पुष्य नक्षत्र में प्रवेश करना बाजारों में पूर्व रूख को बरकरार रखेगा।

6 जुलाई को सूर्य का पुनर्वसु नक्षत्र में प्रवेश कर मूल, उत्तराफाल्गुनी व पूर्वा भाद्रपद नक्षत्रों को वेधना बाजारों में तेजी की लहर को आगे चलाएगा।

8 जुलाई को शुक्र का मृगशिरा नक्षत्र पर प्रवेश कर उत्तराषाढ़ा नक्षत्र को वेधना बाजारों में मंदी का रूझान बना देगा।

11 जुलाई को गुरु ग्रह का अपनी उच्च राशि में अस्त हो जाना गेहूं, जौ, चना इत्यादि अनाजों में तेजी का रूख बना देगा।

12 जुलाई को राहु का चित्रा नक्षत्र के दूसरे चरण में प्रवेश करना व केतु का रेवती नक्षत्र के चैथे चरण में प्रवेश करना बाजारों में मंदी का योग दर्शाता है।

13 जुलाई को शुक्र का मिथुन राशि में प्रवेश करना तथा इसी दिन बुध का आद्र्रा नक्षत्र पर प्रवेश कर पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र को वेधना बाजारांे में पुनः तेजी की लहर चला देगा।

14 जुलाई को मंगल का तुला राशि में शनि से राशि संबंध बनाना बाजारों में तेजी के रूख में वृद्धि करेगा।

16 जुलाई को सूर्य का कर्क राशि में आकर उच्चस्थ गुरु ग्रह से राशि संबंध बनाना तथा श्रावण संक्रांति का 30 मुहूर्ती में होना बाजार में उतार-चढ़ाव के बाद तेजी का वातावरण ही बनाएगा।

19 जुलाई को शुक्र का आद्र्रा नक्षत्र पर प्रवेश करना और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र को वेधना बाजारों में मंदी का रूझान बना देगा।

20 जुलाई को सूर्य का पुष्य नक्षत्र पर प्रवेश कर ज्येष्ठा, पूर्वा फाल्गुनी व शतभिषा नक्षत्रों को वेधना तथा इसी दिन शनि का मार्गी गति में आना गेहूं, जौ, चना, ज्वार, बाजरा इत्यादि अनाजों तथा मूंग, मौठ, मसूर, अरहर इत्यादि दलहन में पुनः तेजी का माहौल बना देगा।

23 जुलाई को बुध का पुनर्वसु नक्षत्र पर आकर मूल नक्षत्र को वेधना बाजारों में उतार-चढ़ाव अधिक बनाए रखेगा।

27 जुलाई को मंगल का स्वाति नक्षत्र पर आकर शतभिषा नक्षत्र को वेधना तथा इसी दिन बुध ग्रह का अस्त हो जाना, ये योग बाजारों में चल रहे पूर्व रूख को ही बरकरार रखेगा।

28 जुलाई को चंद्र दर्शन सोमवार के दिन 15 मुहूर्ती में होना तथा इसी दिन बुध का कर्क राशि में प्रवेश कर सूर्य व गुरु से राशि संबंध बनाना बाजारों के रूख को तेजी की लहर में ले जाएगा।

30 जुलाई को बुध का पुष्य नक्षत्र पर आकर ज्येष्ठा नक्षत्र को वेधना तथा शुक्र का पुनर्वसु नक्षत्र पर आकर मूल नक्षत्र को वेधना गेहूं, जौ, चना इत्यादि अनाजों तथा मूंग, मौठ, मसूर इत्यादि दलहन के बाजारों में उतार-चढ़ाव के बाद तेजी का रूख ही बनाता है। घी व तेलवान मासारंभ में 1 जुलाई को बुध का मार्गी गति में होना घी में तेजीदायक लेकिन तेलवान में मंदी का रूख दर्शाता है।


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4 जुलाई को गुरु का पुष्य नक्षत्र में प्रवेश करना बाजारों को तेजी की लहर में ले जाएगा।

6 जुलाई को सूर्य का पुनर्वसु नक्षत्र पर आकर मूल, उत्तरा फाल्गुनी व पूर्वाभाद्रपद नक्षत्रों को वेध करना बाजारों में तेजी का वातावरण बनाए रखेगा।

8 जुलाई को शुक्र का मृगशिरा नक्षत्र पर प्रवेश कर उत्तराषाढ़ा नक्षत्र को वेधना बाजार में उतार-चढ़ाव की स्थिति बना देगा।

11 जुलाई को गुरु ग्रह का अपनी उच्च राशि में अस्त हो जाना बाजारों में पूर्व चल रहे रूख को ही बनाए रखेगा।

12 जुलाई को राहु का चित्रा नक्षत्र के दूसरे चरण में प्रवेश करना व केतु का रेवती नक्षत्र के चैथे चरण में प्रवेश करना बाजारों में मंदी का वातावरण बना देगा।

13 जुलाई को शुक्र का मिथुन राशि में प्रवेश करना तथा इसी दिन बुध का आद्र्रा नक्षत्र पर प्रवेश कर पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र को वेधना बाजारों में मंदी का माहौल बनाए रखेगा।

14 जुलाई को मंगल का तुला राशि में शनि से राशि संबंध बनाना बाजारांे में अत्यधिक उतार-चढ़ाव के साथ तेजी का रूझान बनाए रखेगा।

16 जुलाई को सूर्य का कर्क राशि में उच्चस्थ गुरु से राशि संबंध बनाना तथा श्रावण संक्रांति का 30 मुहूर्ती में आना बाजारों में तेजी की लहर ही चलाता है।

19 जुलाई को शुक्र का आद्र्रा नक्षत्र पर प्रवेश करना और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र को वेधना बाजारों में मंदी का कारक बनता है।

20 जुलाई को सूर्य का पुष्य नक्षत्र पर आकर ज्येष्ठा, पूर्वा फाल्गुनी व शतभिषा नक्षत्रों को वेधना तथा इसी दिन शनि का मार्गी गति में आ जाना बाजारों में पुनः तेजी का रूझान बना देगा।

23 जुलाई को बुध का पुनर्वसु नक्षत्र पर आकर मूल नक्षत्र को वेधना बाजारों में अत्यधिक उतार-चढ़ाव का माहौल बनाएगा।

27 जुलाई को मंगल का स्वाति नक्षत्र पर आकर शतभिषा नक्षत्र को वेधना तथा इसी दिन बुध ग्रह का अस्त हो जाना बाजारों में मंदी का वातावरण बना देगा।

28 जुलाई को चंद्र दर्शन सोमवार के दिन 15 मुहूर्ती में होना तथा इसी दिन बुध का कर्क राशि में प्रवेश कर सूर्य व गुरु से राशि संबंध बनाना, ये योग बाजारों में मंदीदायक ही बनते हैं।

30 जुलाई को बुध का पुष्य नक्षत्र पर आकर ज्येष्ठा नक्षत्र को वेधना तथा शुक्र का पुनर्वसु नक्षत्र पर आकर मूल नक्षत्र को वेधना बाजारों को आगे तेजी के रूझान में ले जाएगा।



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