कुछ समय पूर्व पंडित जी का गुजरात के शहर भुज में रहने वाले एक व्यापारी के यहां वास्तु परीक्षण करने के लिए जाना हुआ। उनसे मिलने पर पता चला कि वे अपने घर की समस्याओं से काफी परेशान थे। पत्नी काफी बीमार रहती है। बेटे की शादी को काफी समय हो गया था परन्तु संतान न होने से दुखी थे। व्यापार में भी दिनों दिन घाटा बढ़ता जा रहा था। उनका कहना था कि आर्थिक व स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से उनको गंभीर मानसिक संताप बना रहता है। वास्तु परीक्षण करने पर पाए गए दोष:
Û सीढियाँ उत्तर-पूर्व में बनी थी जो कि एक गंभीर वास्तु दोष है जिससे घर में सुख शान्ति का अभाव, वंश वृद्धि में रुकावट तथा आर्थिक समस्याओं से परेशानी बनी रहती है।
Û सीढ़ियों के नीचे शौचालय बना हुआ था। सीढियों का नीचे से बंद होना भी अत्यंत हानिकारक होता है जिससे विकास में अवरोध, व्यापार में हानि तथा घर की लड़कियों के जीवन में समस्याएं बनी रहती हैं।
Û उत्तर-पूर्व में सैप्टिक टैंक होना मानसिक तनाव, बीमारी, धन हानि व लड़ाई-झगड़ों का कारण होता है।
Û हैंडपंप दक्षिण में बना था जो कि घर की महिलाओं की गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं, भारी खर्च, मुकदमेबाजी का कारण होता है।
Û दक्षिण-पश्चिम हल्का व खुला था जो घर में अनचाहे खर्चे व बीमारी को बुलावा देता है। सुझाव: Û उत्तर-पूर्व में बनी सीढ़ियों को दक्षिण पश्चिम में बनाने की सलाह दी गई।
Û सीढ़ियों के नीचे बने शौचालय को दक्षिण-पूर्व में बन कमरे के साथ बनाने को कहा गया तथा सीढ़ियों को नीचे से खुला रखने की सलाह दी गई।
Û सैप्टिक टैंक को उत्तर में करने को कहा गया तथा उत्तर के गेट को उत्तर पूर्व में बनाने को कहा गया जिससे सैप्टिक टैंक गेट के सामने न आ सके। गेट के खुलते ही नीचे गड्ढा व पानी होना अशुभ होता है।
Û हैंडपंप को आगे के खुले बरामदे के उत्तर-पूर्व में बनाने को कहा जिससे घर में सुख समृद्धि बढ़ सके।
Û दक्षिण-पश्चिम में बने खुले जाल को दक्षिण-पूर्व में बनाने को कहा जिससे शौचालय को वैन्टीलेशन मिल सके। पंडित जी ने उन्हें आश्वासन दिया कि उन्हें अपनी सभी समस्याओं से जल्द ही राहत मिल जाएगी और जीवन में सुख, समृद्धि व विकास बढ़ेगा।