वास्तु सीखें

वास्तु सीखें  

प्रमोद कुमार सिन्हा
व्यूस : 5296 | दिसम्बर 2011

प्र0- भवन में गैरेज किस स्थान पर होना चाहिए ?

उ0- गैरेज वायव्य मंे बनाना चाहिए। इस क्षेत्र में जगह नहीं रहने पर आग्नेय में बनाया जा सकता है। यदि गाड़ी पार्किंग के लिए पोर्टिको बनाना हो तो उसे उत्तर-पूर्व एवं उत्तर, पूर्व में रखना चाहिए पोर्टिको के छत की ऊँचाई मुख्य भवन के छत से एक या दो फीट नीचे रखनी चाहिए। पोर्टिको की छत के सहारे के लिए उत्तर-पूर्व पर पिलर न बनाएं। इसके बदले कैन्टीलीवर डिजाइन पर छत बनाएं जो मुख्य छत से थोड़ा नीचे रहे। पार्किंग वाहन का मुंह उत्तर-पूर्व की ओर हो। बाहर जाते समय वाहन का पहला मोड़ दाईं तरफ होना चाहिए। बेसमेंट में उत्तर और पूर्व दिषा पार्किंग के लिए उपयुक्त स्थान है। गैरेज सफेद, पीले या अन्य हल्के रंग का होना चाहिए। इसमें काला या भूरा रंग नहीं करें। गैरेज के सतह का ढाल उतर पूर्व की तरफ रखें।

प्र0- आवासीय भूखंड में बरामदा किस स्थान पर बनाना चाहिए।

उ0- बरामदा मुख्य भवन में उत्तर पूर्व की ओर बनाना चाहिए। यह घर का अर्द्ध निजी क्षेत्र होता है। यहां पर आगंतुकों को बैठाया जा सकता है। जिन्हें घर में ले जाना उचित न हो उन्हंे बरामदा में बैठाया जा सकता है। घर के स्वागत कक्ष के रूप में इसका उपयोग कर सकते हैं। इसे घर के उत्तर एवं पूर्व में रखना लाभप्रद रहता है। बरामदे की छत मुख्य भवन की छत से थोड़ी नीचे एवं छत का झुकाव पूर्व या उत्तर की तरफ रखना चाहिए जो कि लाभप्रद होता है। बरामदे में छोटा वाश बेसिन और टाॅवेल स्टैंड उत्तर पूर्व में रखें। बरामदे में बैठने के लिए दक्षिण या पष्चिम की तरफ व्यवस्था करें। बरामदे में खिड़कियां अधिक होनी चाहिए ताकि हवा का उचित प्रवाह हो सके। शीशे की खिड़कियां उत्तर और पूर्व की ओर लगा सकते हैं।

प्र0- भवन में भंडार गृह रखने के लिए सबसे उपयुक्त एवं शुभ स्थान कहाॅ पर होता है ?

उ0- मुख्य भवन के वायव्य क्षेत्र में खाद्य पदार्थ अर्थात अनाज रखने के लिए भंडार गृह बनाना चाहिए। वायव्य में रखने से पूरे भवन में अनाज की नियमित आपूर्ति हमेषा बनी रहती है। अतः प्रत्येक दिन इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुओं का भंडार उत्तर पष्चिम के कोने में करना चाहिए। इसे यथासंभव साफ-सुथरा रखें इसके दरवाजे उत्तर एवं पूर्व में रखें। खिड़कियां भी कमरे के उत्तर एवं पूर्व में रखें। भारी मषीन, औजार, लकड़ी काटने के औजार, लकड़ी रखने का कमरा आदि मुख्य भवन के दक्षिण-पष्चिम में खुली जगह या भवन के दक्षिण-पश्चिम के कोने में रखें। भंडार कक्ष खुली जगह में दक्षिण-पश्चिम में बनाना हो तब इसे चारदीवारी और मुख्य भवन के बीच दक्षिण-पश्चिम कोने मंे चारदीवारी के सपोर्ट पर रखना चाहिए। चारदीवारी के सपोर्ट पर सिर्फ दक्षिण पश्चिम क्षेत्र में ही रखें। इस स्थान पर भारी सामान रखें। किसी भी तरह की दरार या सीलन कमरे की दीवार या छत में न हो। इस कमरे को किराए पर किसी को न दें। दक्षिण पष्चिम में दरवाजे न रखें। तेल, घी, गैस सिलंेडर, केरोसीन आदि भंडार कक्ष के दक्षिण या आग्नेय कोण मंे रखें। छोटे परिवार के लिए भंडार कक्ष दक्षिण पश्चिम या उत्तर-पश्चिम रहने पर भारी बक्सों एवं भारी सामान को दक्षिण और पष्चिम की दीवार की तरफ रखें। खाद्य सामग्री उतर एवं पष्चिम तरफ रखें। तेल, घी, गैस सिलेंडर, केरोसीन आदि दक्षिण पूर्व कोने मंे रखें। भंडार गृह में खाद्य सामग्री के पात्र को पूरी तरह से खाली नही होने देना चाहिए। जबतक नवीन सामग्री उन में भर नहीं जाती तब तक पिछला अन्न या सामग्री कुछ न कुछ शेष रहने देना चाहिए। भंडार गृह के द्वार उतर एवं पूर्व की तरफ शुभलाभदायक ग्रिड मंे रखें। घर के अनुपयोगी एवं भारी वस्तुओ के लिए भंडार गृह नैऋत्य क्षेत्र में बनाना चाहिए।

जीवन में जरूरत है ज्योतिषीय मार्गदर्शन की? अभी बात करें फ्यूचर पॉइंट ज्योतिषियों से!



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.