कालसर्प दोष निवारण के कुछ सामान्य उपाय
कालसर्प दोष निवारण के कुछ सामान्य उपाय

कालसर्प दोष निवारण के कुछ सामान्य उपाय  

शुभेष शर्मन
व्यूस : 17595 | मई 2011

काल सर्प दोष निवारण के कुछ सामान्य उपाय नवीन राहूजा जब राहु-केतु के मध्य सातों ग्रहहो तो कालसर्प योग होता है।इसकी वजह से संतान उत्पत्ति मेंबाधा होती है। जातक रोगों से पीड़ितहोता है। कालसर्प योग नामक विषसे जीवन विषाक्त (विषमय) हो जाताहै तथा शोकादि के कारण भयावहलगता है।

वह पूर्वजन्मकृत पाप औरब्रह्म शाप के कारण होता है और शापके कारण संतान नाश औरसुख-समृद्धि इस काल की वजह सेनष्ट हो जाती है।इस लेख में हम कालसर्प दोष कोशांत करने के लिए कुछ सामान्य उपायबता रहे हैं, जो कि कालसर्प दोष कोशांत करने में काफी प्रभावशाली है। कालसर्प दोष का सबसे बड़ा एवंसीधा संबंध भगवान शिव से है,इसीलिए कालसर्प दोष वाले जातकको अपने जीवन में नित्य भगवान शिवकी पूजा-पाठ एवं अर्चना करनी चाहिएतथा नित्य 'ऊँ नमः शिवाय' एवंमहामृत्युंजय मंत्र का जप करनाचाहिए।


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सिद्ध कालसर्प योग यंत्र घरमें स्थापित कर उसके आगे सरसों केतेल का दीपक जला कर नित्य 'ऊँनमः शिवाय' मंत्र का जप तथा सर्पगायत्री का पाठ करना चाहिए। नित्य भगवान श्री कृष्ण का पूजनकरें तथा प्रतिदिन 'ऊँ नमो भगवतेवासुदेवाय' मंत्र का 1, 3, 5, 7, 11,21 या 108 बार जप करें। जातक को पंचमी तिथि को सवाकिलो जौ बहते जल में प्रवाहित करने चाहिए। जातक को अपने घर में मोर पंखीस्थापित करनी चाहिए तथा घर केबाहर चांदी से बना स्वास्तिक भीलगाना चाहिए।

प्रत्येक वर्ष नागपंचमी के दिन व्रतकरें, सर्पों के लिए उपयुक्तदान-दक्षिणा करें तथा संभव हो सकेतो सर्पों को दूध भी पिलायें। नित्य नवनाग स्तोत्र का सुबह-शामनौ बार पाठ करना चाहिए। सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के दिनसतनाजा से स्वयं के वजन के बराबरतुलादान करना चाहिए। श्री रामभक्त हनुमान जी की प्रतिदिनपूजा-अर्चना करनी चाहिए क्योंकिउन्होंने ही रामजी के भ्राता लक्ष्मण कोनागपाश से छुड़ाया था। सोलह (16) सोमवार का व्रत करें। विशेष रूप से श्रावण मास के सोमवारोंका व्रत करें तथा श्रावण मास केसोमवारों में भगवान शिव का रूद्राभिषेककरें। पलाश के फूल के चूर्ण को पानी मेंमिलाकर लगातार 72 बुधवार तकस्नान करने से भी कालसर्प योग शांतहोता है।

यदि घर में एक से अधिक लोगोंकी जन्मकुंडली में कालसर्प योग होतो एक ढाई किलोग्राम का पारदशिवलिंग बनवाकर उसकीविधि-विधान से पूजा-पाठ करवा कर   से घर में स्थापित करें तथा घर केसभी लोग उस पारद शिवलिंग कीनित्य पूजा करें, इससे कालसर्प योगबहुतहद तक शांत होता है।


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कालसर्प दोष को शांत करने के लिएराहु और केतु ग्रह की वस्तुओं कादान भी एक बहुत प्रभावशाली उपायहै, राहु-केतु की दान वस्तुएं हैं, कालेतिल, तेल, स्वर्ण, काले रंग का वस्त्र,काले-सफेद रंग का कंबल, कस्तूरी,नारियल।कालसर्प योग के अनिष्ट प्रभाव सेपूरी तरह से छुटकारा पाने के लिएनिम्न जगहों पर व्यक्ति कोविधि-विधान से कालसर्प दोष कीपूजा-पाठ करवानी चाहिए।- संगम (इलाहाबाद) अथवा गया में।- केदारनाथ के पास त्रियोगी नारायणके मंदिर में।- जयपुर के भैरवजी के मंदिर मेंसोने, चांदी तथा तांबे के नाग-नागिनअर्पित करने से।-तिरूपति बाला जी के समीपकालहस्ती शिव मंदिर में।- नासिक में गरुड़ेश्वर में।त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग पर तो विशेषरूप से पूजा-पाठ करने पर कालसर्पदोष शांत हो जाता है।



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