वास्तु शास्त्र में रंगों का महत्व

वास्तु शास्त्र में रंगों का महत्व  

व्यूस : 21042 | दिसम्बर 2010
वास्तु शास्त्र में रंगों का महत्व चंदा जैन वास्तु शास्त्र में रंगों का बहुत महत्व है। वैसे प्रकृति ने अनेक रंगों का सृजन किया है। प्रत्येक रंग की अपनी नियति तथा अलग प्रभाव होता है जो मानव जीवन को प्रभावित करता है। इस आलेख में प्रस्तुत है रंगों के प्रभाव पर संक्षिप्त चर्चा। भूमि के रंगों का प्रभाव- 1. सफेद रंग : इस रंग की भूमि पर मकान बनाकर रहने से कुटुंब में धन संपदा की वृद्धि होती है। आर्थिक स्थिति सुदृढ़ बनी रहती है। 2. हरा रंग : हरे रंग की भूमि पर मकान बनाकर रहने से लक्ष्मी का सदैव वास बना रहता है। उनकी कृपा से अपार धन का आगमन होता है। 3. पीला रंग : इस रंग की भूमि पर मकान बनाकर रहने से, कुटुंब के लोगों को राज्य की तरफ से धन की प्राप्ति होती है। 4. काला रंग : इस रंग की भूमि पर मकान बनाकर रहने से कुटुंब में उत्तम संतान की प्राप्ति होती है, जिससे जन्म सफल हो जाता है। 5. नीला रंग : इस रंग की भूमि पर मकान बनवाने से परिवार के व्यक्ति विद्वान होते हैं, जिससे मान सम्मान की प्राप्ति होती है। 6. लाल रंग : इस रंग की भूमि पर मकान बनवाने से परिवार में गृह कलह उत्पन्न हो जाती है। भवन की आंतरिक साज सज्जा में भी रंगों का बहुत ही प्रभाव पड़ता है। भवन के स्वामी को अपनी राशि के अनुसार ही रंगों का चयन करना चाहिए जो इस प्रकार है- भवन का फर्श बनाते समय काले रंग के पत्थरों का अधिक प्रयोग नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से राहु ग्रह के प्रभाव की वृद्धि होती है, जिससे जीवन में चिंताएं बढ़ जाती है। घर की दीवारों और फर्शो पर सफेद रंग का भी अधिक प्रयोग नहीं करना चाहिए वरना परिवार के लोग अत्यधिक महत्वाकांक्षी हो जाएंगे, जो भविष्य में भोग विलास के कारण सुखी-गृहस्थ जीवन में बाधा बन जाएंगे। इसके विपरीत यदि शुक्र ग्रह उच्च का होकर बली हो तो सफेद रंग शुभ होता है और यदि शुक्र ग्रह निर्बल हो तो सफेद रंग का उपयोग अशुभ होता है। दूसरी स्थिति में यदि शुक्र ग्रह उच्च, बली व केंद्र या त्रिकोण में हो अथवा मित्र क्षेत्री हो तो घर की साज-सज्जा में पीले अथवा शुभ रंग का प्रयोग करना शुभ होता है और यदि गुरु अशुभ, शत्रुक्षेत्री व निर्बल हो, तो पीले व शुभ रंग का प्रयोग परिवार में विरोध पैदा करता है। गुरु-शुक्र का संबंध होने पर भी पीले व सफेद रंग का अधिक प्रयोग घर में क्लेश पैदा करता है। प्रत्येक राशि एवं ग्रह का अपना रंग होता है, जो जातक के लिए शुभ होता है। प्रत्येक रंग का अपना प्रभाव होता है। यदि हम भवन का रंग एवं उसकी आंतरिक गृह-सज्जा अपनी राशि के अनुकूल रंग से कराएं तो भवन निर्माण में पैदा हुए वास्तु दोष को बिना तोड फोड़ किए हुए काफी हद तक दूर या कम किया जा सकता है तथा अपने जीवन को धन-संपदा और सुख-समृद्धि से परिपूर्ण कर सकते हैं। नीचे दिये गए चार्ट में रंग और उसके स्वाभाविक प्रभाव को बताया जा रहा है। रंग प्रभाव गहरा शुद्ध लाल प्रेम और मिलन सरिता का प्रतीक मध्यम लाल स्वास्थ्य और जीवन्तता का द्योतक चमकदार लाल चाह और लालसा का प्रतीक गहरा गुलाबी स्त्रीत्व तथा उत्सव को दर्शाता है। मध्यम गुलाबी कोमलता एवं स्वभाव की सरलता का प्रतीक गहरा नारंगी महत्वाकांक्षा का प्रतीक मध्यम नारंगी संघर्षशीलता व उत्साह का द्योतक हल्का नारंगी तीव्रता को प्रदर्शित करता है। गहरा भूरा उपयुक्तता का प्रतीक तीव्र हल्का सुनहरा मोहकता का प्रतीक गहरा सुनहरा वैभव का प्रतीक मध्यम सुनहरा संपन्नता को दर्शाता है। हल्का पीला बुद्धिमता को दर्शाता है। मध्यम पीला अच्छाई प्रदिर्शित करता है। गहरा पीला स्फूर्ति का द्योतक है। तीव्र मध्यम पीला मानवता -प्रेम का प्रतीक हल्का नीला शांति प्रियता दर्शाता है। हल्का मध्यम नीला दयालुता का प्रतीक है। तीव्र मध्यम नीला आदर्शवाद का द्योतक गहरा नीला ईमानदारी और लग्न का प्रदर्शन करता है। गहरा बैंगनी वैभव का प्रतीक हल्का बैंगनी कोमलता को दर्शाता है गहरा हरा भोलापन दर्शाता है। मध्यम हरा खुलेपन व व्यवहारिकता का प्रदर्शन करता है। राशि के अनुसार शुभ रंग राशि रंग 1. मेष लाल 2. वृष सफेद 3. मिथुन हरा 4. कर्क सफेद 5. सिंह चमकीला लाल 6. कन्या हरा 7. तुला सीमेंट जैसा रंग, सफेद 8. वृश्चिक गुलाबी, लाल, पीला 9. धनु पीला रंग 10. मकर सीमेंट रंग, लाल 11. कुंभ नीला, गुलाबी, सीमेंट जैसा रंग 12. मीन पीला रंग नक्षत्रानुसार शुभ रंग : जातक का जिस नक्षत्र में जन्म हुआ हो - उसके अनुसार ही रंग का चयन करना चाहिए- जो इस प्रकार से है। नक्षत्र रंग अश्विनी धुएं जैसा रंग भरणी मिश्रित रंगों का प्रयोग कृतिका गुलाबी, चंदन जैसा रंग रोहिणी सफदे , हल्का पीला मृगशिरा लाल, कत्थई आर्द्रा सलेटी, नीला, काला पुनर्वसु पीला, गुलाबी, या बदनामी पुष्य क्रीम, पीला, गुलाबी आश्लेषा तोते जैसा हरा रंग मघा भूरा, श्वेत, गुलाबी पूर्वाफाल्गुनी आसमानी, दूधिया, सफेद उत्तराफाल्गुनी कत्थई हस्त पीला सफेद चित्रा गुलाबी, क्रीम स्वाति मिश्रित रंग विशाखा पीला सफेद अनुराधा नीला, भूरा ज्येष्ठा लाल, पीला मूला भूरा, नारंगी, नींबू, सफेद पूर्वाषाढ़ा सफेद उत्तराषाढ़ा हरा सफेद श्रवण सफेद धनिष्ठा सिंदूरी , बदामी शतभिषा नीला, आसमानी या जामुनिया पूर्वाभाद्रपद सनुहरा, सिंदूरी उत्तराभाद्रपद काला, नीला रेवती हरा, सफेद इस प्रकार आप अपनी राशि एवं जन्म नक्षत्रानुसार रंगों का चयन करके अपने आवास स्थल में प्रयोग में लाकर अपने जीवन को सुखमय एवं शांतिमय बना सकते हैं।



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