स्वास्थ्य के लिए पूर्व दिशा एवं फेंगशुई
स्वास्थ्य के लिए पूर्व दिशा एवं फेंगशुई

स्वास्थ्य के लिए पूर्व दिशा एवं फेंगशुई  

व्यूस : 7693 | आगस्त 2008
स्वास्थ्य के लिए पूर्व दिशा एवं फेंगशुई राजन स्वामी फेंगशुई के अनुसार स्वास्थ्य और दीर्घायु पूर्व दिशा से प्राप्त होते हैं। इसके लिए पूर्व दिशा को ऊर्जावान बनाना चाहिए। इस दिशा से संबंधित प्रधान तत्व काष्ठ (लकड़ी) है। काष्ठ तत्व को घर या दफ्तर के पूर्व दिशा में स्थापित करने से यह दिशा ऊर्जावान होती है और स्वास्थ्य और दीर्घायु देती है, ऐसी फेंग-शुई की मान्यता है। यदि घर, कार्यालय, शोरूम आदि के पूर्वी हिस्से में लकड़ी से निर्मित फर्नीचर एवं वस्तुएं रखें और पेड़, पौधे तथा लकड़ी के फ्रेम में जड़े हुए चित्र लगाएं तो पूर्व दिशा से अपेक्षित लाभ प्राप्त हो सकता है। फेंगशुई के अनुसार, किसी भी दिशा से संबंधित प्रधान तत्व के सहयोगी एवं विरोधी तत्व भी होते हैं। सहयोगी तत्व प्रधान तत्व को पुष्ट और विरोधी तत्व कमजोर करते हैं। पूर्व दिशा के प्रधान तत्व लकड़ी का सहयोगी तत्व जल तथा विरोधी धातु है। इस मान्यता का आधार यह है कि जल लकड़ी का पोषण करता है (इसे ऐसे कह सकते हैं कि वृक्ष जल से ही जीवन प्राप्त करता है) लेकिन धातु उसे काट देती है। इन तर्कों के आधार पर पूर्व दिशा में जल-स्रोत (वाटर फाउंटेन आदि) रखना हितकर तथा धातु का फर्नीचर एवं अन्य सामान रखना हानिकर माना गया है। लगाएं तो पूर्व दिशा से अपेक्षित लाभ प्राप्त हो सकता है। फेंगशुई के अनुसार, किसी भी दिशा से संबंधित प्रधान तत्व के सहयोगी एवं विरोधी तत्व भी होते हैं। सहयोगी तत्व प्रधान तत्व को पुष्ट और विरोधी तत्व कमजोर करते हैं। पूर्व दिशा के प्रधान तत्व लकड़ी का सहयोगी तत्व जल तथा विरोधी धातु है। इस मान्यता का आधार यह है कि जल लकड़ी का पोषण करता है (इसे ऐसे कह सकते हैं कि वृक्ष जल से ही जीवन प्राप्त करता है) लेकिन धातु उसे काट देती है। इन तर्कों के आधार पर पूर्व दिशा में जल-स्रोत (वाटर फाउंटेन आदि) रखना हितकर तथा धातु का फर्नीचर एवं अन्य सामान रखना हानिकर माना गया है। पूर्व दिशा से स्वास्थ्य और दीर्घायु प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित उपाय कर उसे ऊर्जावान बना सकते हैं। घर की बैठक में, जहां घर के सदस्य आमतौर पर एकत्र होते हैं, बांस का पौधा लगाना चाहिए। पौधे को बैठक के पूर्वी कोने में गमले में रखें। तीन चीनी बुद्धिमान पुरुषों फुक, लुक और साउ की मूर्तियां घर की पूर्वी दिशा में रखें। नुकीले औजार जैसे कैंची, चाकू आदि कभी भी इस प्रकार नहीं रखे जाने चाहिए कि उनका नुकीला सिरा घर में रहने वालों की तरफ हो। ये नुकीले सिरे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। शयन-कक्ष में पौधा नहीं रखना चाहिए, किंतु बीमार व्यक्ति के कमरे में ताजे फूल रखने चाहिए। इन फूलों को रात को कमरे से हटा दें। मानसिक शांति प्राप्त करने के लिए चंदन, चमेलिया आदि से बनी अगरबŸाी जलाएं। इससे मानसिक बेचैनी कम होती है। तीन हरे पौधे मिट्टी के बर्तनों में घर के अंदर पूर्व दिशा में रखें। ध्यान रहे, फेंगशुई में बोनसाई और कैक्टस को हानिकारक माना जाता है, क्योंकि बोनसाई प्रगति में बाधक एवं कैक्टस हानिकारक होता है। परिवार की खुशहाली और स्वास्थ्य के लिए पूरे परिवार का चित्र लकड़ी के एक फ्रेम में जड़वाकर घर में पूर्वी दीवार पर लटकाएं। घर के सदस्यों की दीर्घायु के लिए स्फटिक का बना हुआ एक कछुआ घर में पूर्व दिशा में रखें। घर को नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त रखने के लिए उसमें पूर्व दिशा में मिट्टी के एक छोटे से पात्र में नमक भर कर रखें और हर 24 घंटे के बाद नमक बदल दें। अपने आॅफिस में पूर्व दिशा में लकड़ी से बनी ड्रैगन की एक मूर्ति रखें। इससे ऊर्जा एवं उत्साह प्राप्त होंगे। ऊपर वर्णित उपायांे के अतिरिक्त निम्न्लिखित उपाय भी कर देख सकते हैं- घर या दफ्तर में झाड़ू का जब इस्तेमाल न हो रहा हो तब उसे नजरों के सामने से हटाकर रखें। यदि घर का मुख्य द्वार उŸार, उŸार-पश्चिम, या पश्चिम में हो तो उसके ऊपर बाहर की तरफ घोड़े का नाल (हाॅर्स-शू) लगा देना चाहिए। इससे सुरक्षा एवं सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। पूर्व दिशा हेतु हरा रंग सर्वोŸाम है। साथ ही नीला एवं काला रंग भी इस दिशा के लिए उŸाम हंै, किंतु इसके लिए सफेद तथा सिल्वर रंग प्रयोग में नहीं लाएं। फेंगशुई के अनुसार हरा रंग लकड़ी या वनस्पति और नीला एवं काला रंग जल का प्रतिनिधित्व करते हैं, इसलिए पूर्व दिशा में इन रंगों की उपस्थिति इस दिशा को ऊर्जावान बनाती है। सफेद और सिल्वर रंग धातु के प्रतिनिधि होने के कारण इस दिशा के लकड़ी तत्व को हानि पहुंचाते हंै। इसलिए, फेंगशुई के अनुसार, भवन के पूर्वी भाग में हरे, नीले तथा काले रंग के पेंट, फर्नीचर, पर्दे आदि का प्रयोग करना श्रेयस्कर तथा सफेद एवं सिल्वर रंग की वस्तुओं का प्रयोग करना वर्जित माना गया है। घर को नकारात्मक प्रभावों से मुक्त रखने के लिए घर को नमक के पानी से धोना चाहिए। प्रवेश द्वारों के ठीक ऊपर घड़ी अथवा कैलेंडर नहीं लगाने च ा िह ए , क्योंकि इससे उन द्वारों से होकर आने-जाने वालों की आयु पर दुष्प्रभाव पड़ता है। कमरों में पूरे फर्श को घेरते हुए कालीन आदि बिछाने से लाभदायक ऊर्जा का प्रवाह रुकता है। किताबें रखने की अल्मारियों में दरवाजे होने चाहिए। यदि बिना दरवाजों के शेल्फ में किताबें रखी जाती हैं तो उनसे स्वास्थ्य को हानि होती है। घर के मुख्य प्रवेश द्वार के एकदम सामने अथवा एकदम बराबर में शौचालय होने से घर में प्रवेश करने वाली लाभदायक ऊर्जा पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। घर का कूड़ा-करकट कभी भी घर के मुख्य द्वार से ले जाकर बाहर नहीं फेंकना चाहिए। इससे स्वास्थ्य और धन पर कुप्रभाव पड़ता है। घर के मुख्य द्वार के सामने कोई भी बाधा (खंभा, सीढ़ियां, दीवार आदि) नहीं होनी चाहिए। किसी भी प्रत्यक्ष दिखायी देती बीम के ठीक नीचे सोने या बैठने से स्वास्थ्य पर कुप्रभाव पड़ता है। यदि सोते समय शरीर का कोई अंग दर्पण में दिखाई देता है तो उस अंग में पीड़ा होने लगती है। सोते समय सिर या पैर किसी भी दरवाजे की ठीक सीध में नहीं होने चाहिए। जो घड़ियां बंद पड़ी हों, उन्हें या तो घर से हटा दें या चालू करें। बंद घड़ियां हानिकारक होती हैं, ऐसी फेंगशुई की मान्यता है। उपर्युक्त बातों का ध्यान रखकर आप अपने जीवन और घर में नई ऊर्जा का संचार कर सकते हैंै।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.