हस्त रेखाएं एवं स्वास्थ्य

हस्त रेखाएं एवं स्वास्थ्य  

बी.एल शर्मा
व्यूस : 5202 | अप्रैल 2017

यदि विवाह रेखा नीचे झुक कर हृदय रेखा से मिल जाती है, तो उक्त आयु खंड में जीवनसाथी की जीवन रेखा का परीक्षण करें और वह खंडित (टूटी) हो, तो जीवनसाथी असाध्य रोग से पीड़ित होगा या उसकी मृत्यु भी संभव है। जिस व्यक्ति की विवाह रेखा हृदय रेखा (हार्ट लाइन) से मिल जाए, उसके जीवनसाथी के हाथ की रेखाओं का सूक्ष्म परीक्षण आवश्यक है, क्योंकि ऐसे में जीवनसाथी को खतरा रहता है। अब प्रश्न यह उठता है कि ऐसे व्यक्ति के जीवनसाथी को किस रोग के कारण जीवन-मृत्यु से संघर्ष करना होगा? इसका उत्तर जीवनसाथी के हाथ का परीक्षण कर के सावधानीपूर्वक दें। इसके कुछ उदाहरण निम्न हैं:

- यदि शनि के पर्वत पर क्राॅस का चिह्न हो, तो ऐसे में पक्षाघात या रीढ़ की हड्डी की समस्या हो सकती है। यदि दोनों हाथों में शनि पर्वत पर क्राॅस हो, तो यह खतरनाक है और उन्हें सावधानी से रहने को कहें।

- यदि जीवन रेखा सीढ़ीनुमा या रस्सी जैसी हो, तो व्यक्ति अधिकतर बीमार रहता है।

- यदि हृदय रेखा टूटी हो, खास कर सूर्य रेखा के नीचे हो, तो भयंकर दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु की संभावना प्रबल रहती है।

- यदि हृदय रेखा टूट कर मस्तिष्क रेखा से मिले और अंत में क्राॅस हो, तो मस्तिष्क के दौरे की सूचना देता है।

- हृदय रेखा पर काला दाग हो, तो वह दिल के दौरे को बतलाता है। दाग बड़ा हो, तो प्राणघातक हो सकता है।

- यदि हृदय रेखा टूटी हो और क्राॅस और द्वीप के चिह्न हों, तो यह भी दिल का दौरा दर्शाता है।

- यदि हृदय रेखा पूरी न हो कर, गुरु पर्वत से निकल कर, बीच में रुक जाए, तो इस आयु खंड में दिल की गंभीर बीमारी का संकेत है या दुर्घटना में मृत्यु की संभावना है।

- मस्तिष्क रेखा पर तिल हो तो दिमाग संबंधी बीमारी रहती है तथा यह रेखा रस्सी या जंजीर के आकार की हो, तो सिर में आघात की संभावना है।

- यदि हृदय रेखा पर सितारा शनि पर्वत के नीचे है, तो गठिया रोग या पक्षाघात का प्रकोप दर्शाता है। यह सितारा हृदय रेखा पर कहीं भी हो, तो भी दिल का दौरा लाता है। कुछ असाध्य बीमारियों के निदान हेतु तथा जीवन के उतार-चढ़ाव संबंधी निर्णय देने में जन्मपत्रिका के साथ हस्त रेखाएं बहुत सहायक सिद्ध होती हैं। जन्मपत्रिका में त्रुटि होना संभव है, परंतु हस्त रेखाओं में त्रुटि की कोई गुंजाइश नहीं है। स्वास्थ्य रेखा मणिबंध, उसके समीप से नीचे से बुध पर्वत की ओर जाती है। सामान्यतः स्वास्थ्य रेखा का हाथ में होना अच्छा नहीं समझा जाता। जिसके हाथ में स्वास्थ्य रेखा का अभाव हो, वह व्यक्ति स्वस्थ माना जाएगा और जीवन रेखा तथा स्वास्थ्य रेखा जिस स्थान पर मिलें, स उम्र में मनुष्य के जीवन में कुछ अनर्थ होगा, जैसे बीमारी, या मृत्यु का भय आदि। यदि स्वास्थ्य रेखा बलशाली, टेढ़ीमेढ़ी, अनियमित हो, तो गुर्दे संबंधी रोग हो सकते हैं और स्वभाव चिड़चिड़ा होगा। छोटे- छोटे टुकड़ों में बनी स्वास्थ्य रेखा पाचन शक्ति खराब और कलेजे को कमजोर करती है। स्वास्थ्य रेखा में द्वीप हो और नाखून लंबे हों, तो वह फेफड़े कमजोर होने या श्वांस संबंधी बीमारी का द्योतक है।

यदि किसी की प्रथम उंगली में खराबी लगे, तो ऐसा व्यक्ति श्वांस क्रिया या दमा रोग से पीड़ित हो सकता है। इसी प्रकार यदि किसी की शनि की उंगली यानी मध्यमा में त्रुटि दिखे, तो व्यक्ति निराशावादी होगा। हस्त रेखा शास्त्र में मध्यमा यकृत की खराबी एवं पेट की बीमारी को दर्शाती है। इसी प्रकार तीसरी उंगली का संबंध गुर्दे से रहता है। स्त्रियों की चैथी उंगली से गर्भाशय की बीमारियों का पता चलता है। हाथ में यदि चंद्र के स्थान पर गुणा का चिह्न दिखे, तो उससे गुर्दे की समस्या का आभास होता है। इसी प्रकार चंद्र के पर्वत पर यह चिह्न पानी से खतरा एवं मधुमेह की बीमारी दर्शाता है। यदि मस्तिष्क रेखा पर गुणा का चिह्न हो, तो वह दुर्घटना दर्शाता है। आजकल बहुत से लोग हृदय रोग से पीड़ित हैं। अतः प्रत्येक व्यक्ति की हृदय रेखा तथा मस्तिष्क रेखा का परीक्षण करवाएं। उसी के साथ सूर्य के स्थान का भी परीक्षण करवाएं। सूर्य का स्थान तीसरी उंगली के ठीक नीचे होता है। यदि जीवन रेखा पर द्वीप का चिह्न हो और हृदय रेखा सूर्य के नीचे टूटी हुई हो, तो यह स्थिति हृदय रोग दर्शाती है। यदि ऐसा हो, तो डाॅक्टर से उपचार कराना जरूरी है।

हाथ में शनि क्षेत्र मध्यमा के नीचे द्वीप का खड़ा चिह्न हो और उसकी एक शाखा वक्र गति से स्वास्थ्य रेखा की ओर झुकी हो, तो ऐसे व्यक्ति का दिमाग कमजोर होगा। यह बहरेपन का भी सूचक है। हाथ में शनि क्षेत्र पर से कई रेखाएं निकल कर हृदय रेखा को काट रही हों, तो वह गठिया और वायु से पीड़ित होगा। परंतु यही रेखाएं यदि जीवन रेखा तक पहुंच गयी हों, तो ऐसा उन्नति के कारण हो जाता है। हाथ की मध्यमा के तृतीय पर्व पर टेढ़ा त्रिशूल हो, तो जातक दुघर्टनाओं से घिरा रहता है। यदि यही त्रिशूल चिह्न शनि क्षेत्र पर हो, तो शुभ सूचक हो जाता है। यदि वह मध्यमा के मूल में हो, तो किसी का अपमान करने के कारण उसकी जेल यात्रा होती है। हाथ में चंद्र क्षेत्र पर गुणा का चिह्न हो, साथ ही भाग्य रेखा के अंत में भी यह चिह्न हो, तो जातक आत्महत्या का प्रयास करता है। हाथ में चंद्र क्षेत्र पर गोल चिह्न हो, तो जल में डूबने से मृत्यु की संभावना होती है। यदि यहां दो गोले हों, तो आंखों की रोशनी पर असर पड़ता है। विवाह रेखा की शाखाएं यदि हृदय रेखा को स्पर्श करती हैं, तो वह जीवनसाथी की मृत्यु उस उम्र में होने का संकेत देती है। स्त्रियों के हाथ में ऐसी रेखा अशुभ मानी गयी है। अतः विवाह के पूर्व लड़के-लड़कियों के हाथ में विवाह रेखा का परीक्षण सूक्ष्म तौर पर करें, तो उत्तम होगा।



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