वायव्य एवं आग्नेय का बंद होना व्यापार में कमी एवं मुकदमेबाजी का कारण

वायव्य एवं आग्नेय का बंद होना व्यापार में कमी एवं मुकदमेबाजी का कारण  

गोपाल शर्मा
व्यूस : 2535 | मार्च 2011

हाल ही में पंडित गोपाल शर्मा जी को राजस्थान के जिला झुंझुनू (शेखावटी) के अलसीसर गाॅंव में स्थित एक हैरिटेज टूरिस्ट स्थल पर जाने का अवसर मिला। यह एक पुरानी रियासत का किला था जो आजकल अलसीसर महल के नाम से प्रसिद्ध है। महल का मुख्य द्वार पहले दक्षिण में था जो अंग्रेजों के द्वारा लड़ाई में तोड दिया गया था।

उसी समय परिसर के अंदर गेट के पास पानी का एक विशाल भूमिगत टैंक भी बनवाया गया। अंग्रेजों के जाने के बाद भी बहुत समय तक यह स्थान उपेक्षित पड़ा रहा। अलसीसर राजा के वंशज ठाकुर गज सिंह ने भारतीय सेना से अवकाश ग्रहण करके धीरे-धीरे अपने सभी पुराने महलों एवं हवेलियों का जीर्णोद्वार/ पुनर्निर्माण शुरु किया।

यह महल इस ग्रुप का नवीनतम होटल है जिसमें आज दुनिया भर से टूरिस्ट यहां आकर ठहरते हैं। इसे उनके बड़े लड़के कुंवर अभिमन्यु सिंह संभाल रहे हैं। इस हैरिटेज होटल की नवीनीकरण की प्रक्रिया में जयपुर और हैदराबाद के विख्यात वास्तु विशेषज्ञों की राय ली गई, जिससे वास्तु के समस्त दोषों को दूर करके, इस प्राचीन वैदिक आर्किटैक्चर का पूरा लाभ लिया जा सके।

13 से 16 दिसम्बर, 2010 में पंडितजी के एक क्लाइंट श्री राजीव दीवान, जांबिया से यहां अपने बेटे का विवाह समारोह करने आये। समारोह में प्रवास के दौरान कुंवर अभिमन्यु सिंह से पंडित जी का परिचय हुआ। परिचय के उपरांत कुंवर साहब ने पंडित जी को बताया कि श्रेष्ठ वास्तु विशेषज्ञों के द्वारा बनवाए जाने के कारण इसमें कोई वास्तु की कमी नहीं है।

इस पर दीवान साहब ने कुंवर साहब से कहा कि आप पंडित जी को अच्छी तरह महल दिखाइये क्योंकि ज्ञान की कोई सीमा नहीं है तथा हर जगह कोई न कोई सुधार की संभावना होती है।उन्होेेने पं. जी के सुझावों द्वारा अपने कई प्रतिष्ठानों में जांबिया में अप्रत्याशित लाभ होने की बात भी कही।

कुंवर साहब ने निरीक्षण के दौरान बताया कि वास्तु के अनुसार-

- दक्षिण का मुख्य द्वार बंद करके पूर्व का गेट बनवाया गया है तथा दक्षिण का अन्डरग्राउंड टैंक बंद करवाकर उत्तर पूर्व में बोरिंग व उत्तर में स्वीमिंग पूल बनवाया गया है। महल का सूक्ष्म विश्लेषण करने पर पता चला कि

- उसका दक्षिण-पश्चिम बढ़ा हुआ है।

- उत्तर-पश्चिम का कोना बंद है।

- दक्षिण पूर्व गोल है तथा आग्नेय कोण भी बन्द है। उत्तर-पूर्व के कोने में महल की चारदीवारी से लगता हुआ एक ओवर हैड टैंक जर्जर अवस्था में है। ये सब कमियां उनको बताई गई। कुंवर साहब ने बताया कि वास्तु विशेषज्ञों की राय से

- दक्षिण-पश्चिम के टेढेपन को जमीन में तांबे की तार डालकर ठीक कर लिया गया है।

- जनरेटर के लिये दक्षिण-पूर्व के बाद वायव्य कोण ही अच्छा स्थान बताया गया था।

- दक्षिण-पूर्व तो हमारे आॅफिस में हमारे रैस्ट-रुम का है जो मुख्य होटल महल से अलग बना है।

- ओवरहैड टैंक के बारे में उन्होेंने कहा कि इसे हम इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। ये गांव वालों के लिए है तथा महल के बाहर है। पंडित जी ने पूछा कि

- क्या आप पर काफी समय से कोई मुकदमा चल रहा है?

- क्या होटल का काम धंधा 60 से 65 प्रतिशत हीे होता है?

- क्या आपका काफी पैसा सरकार में फंसा हुआ है?

- क्या आपके पिता ठाकुर साहब को कोई विशेष स्वास्थ्य संबंधी परेशानी है? इन सबका जवाब हां में मिला। पंडित जी ने बताया कि इन सब समस्याओं का कारण एक-एक वास्तु दोष है।

- उत्तर-पश्चिम कोण बन्द होना अंतहीन मुकदमेबाजी (हवा बन्द होना यानि सांस लेना मुश्किल) देता है।

- आग्नेय (दक्षिण-पूर्व) यानि वास्तुपुरुष का दाहिना हाथ कम होना (गोल होना) यानि उंगलियाॅं कट जाना, काम कम होने देता है। आफिस का रैस्ट-रुम भी तो महल (किले) का ही एक भाग है।

- यह कोना खुला( व्चमद जव ैाल) होना भी परमावश्यक है क्योंकि हवा के बिना आग नहीं जल सकती।

- उत्तर-पूर्व मंे भार तथा ऊॅंचाई कम करने के लिये पानी का ओवरहैड टैंक हटवाना आपके ( ब्वउचमदेंजपवद) धन को सरकार से जल्द व पूरा दिलवाने में बहुत मदद करेगा।

- दक्षिण-पश्चिम में बढ़ना, धन एवं स्वास्थ्य की हानि देता है। मुख्यतः यह परिवार के मुखिया पर प्रभाव डालता है तथा आपस में या बाहर वालों से झगड़े बाजी और विवाद भी खत्म नहीं होने देता।

चूंकि ताॅंबे का तार ऊर्जा का सुचालक है इसलिये विश्व की नवीनतम रिसर्च के अनुसार भी यह हानिकारक ऊर्जा को रोकने में सक्षम नहीं है। कंुवर साहब के अनुरोध पर पं. जी ने आगे सुझाया कि-

- कन्ट्रोल पैनल को जनरेटरों के साथ पश्चिम में दीवार को इस्तेमाल करके भी बनाया जा सकता है। एक डी. जी. सेट को हो सके तो कोने में कन्ट्रोल पैनल की जगह भी बदल सकते हैं। क्योंकि यह खुला डी. जी. सेट है तथा यह जितना वायव्य कोण में होगा उतना ही मरम्मत तथा रखरखाव कम होगा।

- दक्षिण-पूर्व का कोना (कम से कम 9श्द्ध खुला होना चाहिये तथा समकोण बनना चाहिए। इसके लिये कुंवर साहब के विश्राम कक्ष का स्थान बदलना पड़ेगा तथा किले का यह कोना कम से कम अन्दर से जरूर समकोण करना पड़ेगा। खुले आग्नेय स्थान में कार्यालय के लिये अलग से छोटा खुला डी. जी. सेट रखा जा सकता है।

- पश्चिम की दीवार बिल्कुल सीधी होनी चाहिए जिससे दक्षिण-पश्चिम का कोना समकोण हो सके, चूंकि किले की भारी दीवार तोड़ना संभव नहीं है, अन्दर 3श् ऊॅंची एक ईंट की दीवार बनाई जा सकती है तथा दूसरी तरफ जाने के लिये सीढ़ियां बनाई जा सकती हैं।

टेढ़ी जगह में डी. जी. सेट के पास कंट्रोल पैनल तथा नैर्ऋत्य कोण के पास ओवरहैड टैंक बनवाया जा सकता है परन्तु उसमें पानी का ओवरफ्लो एवं लीकेज न हो, इसका ध्यान रखे। कुछ स्थान पर बडे़ ऊंचे पेड़ पौधे भी लगवाये जा सकते हैं। चूंकि ऊर्जा का प्रवाह जमीन से लगकर 60ःए 2श् तक 80ः तथा 3श् तक 90ः रहता है, इस विधि से हम 90ः हानि से भी बच जायेंगें तथा स्थान का भी उपयोग हो सकेगा।

- ईशान में पानी का ऊॅंचा टैंक काफी टूटा-फूटा था तथा दूर से महल का हिस्सा ही लगता था जिससे पर्यटक को गलतफहमियां हो सकती है कि हमें ऐसा सेहत खराब करने वाला पानी दिया जा रहा है। इसके हटने से आंख को बुरी दिखने वाली चीज दूर होगी। इसमें पानी पश्चिम दिशा में दूर स्थित एक नहर से आता है इसलिये पश्चिम की तरफ नया ओवरहैड टैंक बनवाने से और भी सहूलियत रहेगी तथा नई पाइप की जरूरत नहीं पडे़गी।

कुंवर साहब ने अपने पिताश्री ठाकुर गज सिंह जी को इन बातों की जानकारी दी एवं दीवान साहब व पं. जी से फोन पर बात करवायी। ठाकुर साहब ने आश्वासन दिया कि इन सब सुझावों को कार्यान्वित करके, लाभ होने पर भविष्य में पं. जी की सेवायें अपने ग्रुप की अन्य संपत्तियों के बारे में भी लंेगें।

जीवन में जरूरत है ज्योतिषीय मार्गदर्शन की? अभी बात करें फ्यूचर पॉइंट ज्योतिषियों से!



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.