जन्म लग्न द्वारा रोग और रत्न धारण से रोग निवारण

जन्म लग्न द्वारा रोग और रत्न धारण से रोग निवारण  

व्यूस : 24263 | जून 2009
जन्म लग्न द्वारा रोग और रत्न धारण से रोग निवारण अंकुर नागौरी लग्न मनुष्य का आईना होता है। इसमें जातक के शरीर, स्वभाव, रूप, गुण आदि का विचार किया जाता है। शास्त्रों में इसके आधार पर रोगों का विचार भी किया जाता है। लग्न के अनुसार शरीर को लग रहे रोगों के बारे में हम जान सकते हैं। रोग होने से पहले हम सावधानियां रख सकते हैं। हम रत्न धारण द्वारा भी अनेक रोगों से मुक्ति पा सकते हैं। विभिन्न लग्नों के संदर्भ में किस लग्न वाले को कौनसा रोग होने की संभावना हो सकती है इन्हें कौनसा रत्न धारण करना चाहिए, इसका विवरण नीचे दिया जा रहा है। मेष लग्न: मेष लग्न वाले जातक प्रायः थकान और सिर दर्द से पीड़ित रहते हैं। इन्हें शारीरिक और मानसिक थकान शीघ्र हो जाती है। इस कारण ये उच्च रक्तचाप से भी पीड़ित रहते है। मेष लग्न वालों को पाचन तंत्र के रोग, नेत्र रोग एवं पेट की कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित रहना पड़ता है। मेष लग्न वालों को स्वास्थ्य संबंधी अनुकूलता हेतु मूंगा धारण करना करना चाहिए। इनके लिए मणिक्य, मोती, पुखराज धारण करना भी शुभ रहेगा। मूंगा हमारे शरीर में खून व मज्जा पर अधिकार रखता है। उच्च रक्तचाप, बवासीर, दांत दर्द आदि का इलाज मूंगा पहनने से ही हो जाता है। यह लीवर की अनेकों समस्याओं को दूर कर शरीर में खून मज्जा पर अधिकार रखता है। यह लीवर की अनेकों समस्याओं को दूर कर शरीर को शरीर को निरोग बनाता है। वृष लग्न: वृष लग्न के जातक गले, नाक और छाती के रोगों से प्रायः पीड़ित रहते हंै। इस लग्न वाले जातक भोजन जनित रोगों से भी पीड़ित हो जाते हैं। इस प्रकार के रोगों में उल्टी, दस्त, फूड पायॅजन, खसरा, पेट की जलन प्रमुख है। वृष लग्न वाले जातक नेत्र एवं दांत रोग, उच्च रक्तचाप अथवा निम्न रक्तचाप से भी पीड़ित होते हैं। वृष लग्न वालों का लग्नेश एवं षष्ठेश शुक्र का रत्न हीरा पहनने से व्यक्तित्व प्रभावशाली होता है व स्वास्थ भी अच्छा रहेगा। वृष लग्न वाले जातक नीलम और पन्ना भी पहन सकते हैं। मिथुन लग्नः मिथुन लग्न वाले जातक प्रायः सिर दर्द, पेट गैस, चर्म रोग, अपच आदि से परेशानी रहते हैं। इन्हें पक्षाघात, मिर्गी रोग, श्वासनली, खांसी, टी.बी., फेफड़ों में संक्रामण, अस्थमा आदि रोगों से से सतर्क करने से अनेक रोगों से मुक्ति मिल सकती है। वाक्दोष, तुतलना, हकलाना, चर्म रोग, अपच, अत्यधिक गैस तकलीफ व व्यापार में वृद्धि हेतु इनको पन्ना पहनना चाहिए। मिथुन लग्न वाले जातक हीरा व नीलम भी धारण कर सकते हैं। कर्क लग्न: कर्क लग्न वाले जातक प्रायः उदर रोगों से परेशान रहते हैं। इनका पाचन तंत्र अत्यधिक संवेदनशील होता है। कर्क लग्न वाले जातक सर्दी से होने वाले रोगों से भी पीड़ित रहते हैं। इन्हें खांसी, जुकाम, छाती में दर्द, ज्वर, पसलियों में दर्द इत्यादि शरद ऋतु के रोग शीघ्र होते हैं। ये मानसिक चिंता एवं अन्य मानसिक रोगों से प्रायः पीड़ित रहते हैं। कर्क लग्न वालों को लग्नेश चंद्रमा का रत्न मोती आजीवन धारण करना चाहिए। मोती गर्मी से उत्पन्न रोगों, हृदय व धमनियों में खून के संचालन में व्यवधान व दिमागी बीमारियों को भी ठीक करता है। मोती पहनने से पुराना दमा, किडनी, गालस्टोन, हैजा आदि रोग और स्त्रियों की माहावारी के रोग भी ठीक किए जा सकते हैं। यह कमजोरी व गुस्सा कम करने हेतु पहना जाता है। कर्क लग्न वाले जातक माणिक्य, मूंगा, पुखराज भी पहनन सकते हैं। सिंह लग्न: सिंह लग्न के जातक रक्त से संबंधित रोगों से प्रायः पीड़ित रहते हैं। इन्हें रक्त विकार, रक्तस्राव, रक्त अल्पता, रक्तचाप की अनियमितता इत्यादि रोग शीघ्रता से होते हैं। पीठ, कमर एवं जोड़ों में दर्द की शिकायत इन्हें अधिक होती है। सिंह लग्न के जातकों को माणिक्य आजीवन पहनना चाहिए। क्योंकि लग्नेश का रत्न पहानने से आरोग्य और आत्म बल में वृद्धि होती है। सूर्य का रत्न माणिक्य हमारे अस्थितंत्र को मजबूत रखता है। यह रक्त संचार में सुधार, खून की कमी दूर करने, शारीरिक कमजोरी, हृदयगति और पागलपन को भी ठीक रखने में सहायक होता है। नेत्र रोगों में भी माणिक्य धारण करना शुभ फल प्रदान करता है। सिंह लग्न में जातक मंूगा और पुखराज भी धारण कर सकते है। कन्या लग्न: कन्या लग्न के जातक प्रायः उदर रोगों से परेशान रहते हैं। ये मुख्यतः छोटी और बड़ी आंते तथा मलाशय से संबंधित रोगों से पीड़ित रहते हे। इन्हें कमर दर्द और कमर से संबंधित अन्य रोगों से भी पीड़ित रहते हैं। ये मानसिक रोगों का भी शिकार हो सकते हैं। इन्हें अनिद्रा एवं रक्तचाप में अनियमितता को भी सामना करना पड़ता है। कन्या लग्न वालों को बुध का रत्न पन्ना पहनने से आरोग्य, मान-प्रतिष्ठा और व्यापारिक कार्यों में सफलता मिलती है। कन्या लग्न वाले जातक हीरा और नीलम भी धारण कर सकते है।। तुला लग्न: तुला लग्न वाले जातक ज्ञानेन्द्रियों से संबंधित रोगों से पीड़ित रहते हैं। ये कमर, नाभि से लेकर ज्ञानेन्द्रियों तक के अंगों से संबंधित बीमारियों से पीड़ित रहते हैं। तुला लग्न वालों को त्वचा संबंधी रोग भी जल्द होते हैं। तुला लग्न वालेां को लग्नेश शुक्र का रत्न हीरा आजीवन पहनना चाहिए। सफल पुखराज पहना भी अनेक बीमारियों को दूर करता है। यह थाइराइड, वीर्य दोष व शुक्र दुर्बल आदि रोगों से भी जल्द प्रभाव दिखाई देता है। नीलम व पन्ना पहनना भी तुला लग्न वालेां के शुभ फल प्रदान करता है। वृश्चिक लग्न: वृश्चिक लग्न वाले जातकों को प्रायः खून व हृदय से संबंधित परेशानियां आ सकती हैं। संतान होने में परेशानी भी इन्हें अक्सर हो जाती हैं। वृश्चिक लग्न में लग्नेश मंगल का रत्न मूंगा आजीवन धारण करना चाहिए। वृश्चिक लग्न वालों के लिए मूंगा स्नायुदोष, अंडकोष, हृदय रोग व बार-बार गर्भ गिरने आदि रोगों में लाभ पहुंचाएगा। वृश्चिक लग्न वाले जातक, पुखराज, मोती, माणिक्य भी धारण कर सकते हैं। धनु लग्न: धनु लग्न वाले जातक चर्म रोगों से व सर्दी से उत्पन्न होने वाले रोगों से पीड़ित रहते हैं। इन्हंे प्रायः कुल्हे और जांघ से संबंधित रोगों से परेशानी होती है। मासपेशियों में खिचांव व हड्डियों का टूटना आदि रोगों से धनु लग्न वाले जातक अक्सर घिर सकते हैं। धनु लग्न वाले जातक मोटापे से भी पेरशान रहते हैं। धु लगन वालों को पुखराज रत्न धारण करना चाहिए। पुखराज इसके अतिरिक्त लीवर, जिगर व पेट के रोग से भी लाभ दायी है। लड़कियों की शादी संबंधी रुकावटों को भी दूर कात है। धनु लग्न वाले जातक मूंगा और माणिक्य भी पहन सकते हैं। मकर लग्न: मकर लग्न वाले जातक गठिया, रक्त विकार, चर्म रोगों से पीड़ित रहते हैं। सर्दियों में इनका स्वास्थ्य कमजोर रहता है। पीठ का दर्द भी इन्हें अक्सर परेशान करता है। मर लग्न वालों को लग्नेश व धनेश का रत्न नीलम पहनने से अनेक रोगों में लाभ मिलेगा। नीलम धारण करना मधुमेह में भी अति उपयुक्त है। इसके अतिरिक्त अत्यधिक चक्कर आने पर व दिमाग संबंधी रोग होने पर मकर लग्न वालेां को नीलम पहनना चाहिए। मकर लग्न वाले नीलम के साथ हीरा, पन्ना और ओपल भी पहन सकते हैं। कुंभ लग्न: कुंभ लग्न के जातकों को पैरों से संबंधित रोग, नेत्र रोग व रक्त विकार प्रायः होते हैं। इन्हें शुगर व पेट संबंधी रोग भी जल्द हो जाते हैं। कुंभ लग्न वालें को संक्रामक रोगों से स्वयं को बचाना चाहिए। कुंभ लग्न वालों को शनि का रत्न नीलम पहनने से जीवन में मान-सम्मान, राजनीति में उच्चपद व अनेक रोगों से मुक्ति मिलती है। कुंभ लग्न वाले पन्ना और हीरा भी पहन सकते हैं। इन्हें लकवा होने पर खूनी नीलम पहनना भी लाभ देगा। मीन लग्न: मीन लग्न वाले जातक संक्रामक रोगों के प्रति संवेदनशील होते हैं। इनको मानसिक तनाव प्रायः शीघ्रता से घेर लेते हैं। ये मोटापे व लीवर की बीमारी से भी पेरशान रहते हैं। ऐसे जातकों को शराब एवं मदरा द्रव्यों के सेवन से बचना चाहिए। मीन लग्न में लग्नेश व राज्येश सुख का रत्न पुखराज पहनने से आरोग्य व मान-प्रतिष्ठा बढ़ेगी। मीन लग्न वाले जातक मंूगा और मोती भी पहन सकते हैं।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.