टैरो : भविष्य कथन की पद्वति

टैरो : भविष्य कथन की पद्वति  

व्यूस : 5082 | अकतूबर 2006
टैरो: भविष्य कथन की पद्धति आचार्य अविनाश सिंह भविष्य कथन की कई पद्धतियां हैं जिनमें टैरो कार्ड भी है। हर पद्धति से भविष्य देखने के तरीके अलग-अलग होते हैं। टैरो से किसी व्यक्ति का भविष्य कैसे जाना जाता है पढ़िए इस लेख मेंकृ प्रश्न: टैरो किसे कहते हैं। उत्तर: भविष्य कथन की कई पद्ध तियां हैं जिनमें एक का नाम टैरो है जो हर प्रकार की भविष्य वाणी करने में सक्षम मानी जा रही है। टैरा े 78 कार्डा े ंका डे कहो ता है जिसमे ं22 कार्डों को मेजर आरकाना और शेष 56 कार्डों को माइनर आरकाना कहते हैं। इन कार्डों पर प्रायः चित्र अंकित होते हैं। इन चित्रों के आधार पर ही किसी भी प्रश्न का उत्तर दिया जाता है। भविष्यवाणी की इस पद्धति को टैरो कहा जाता है। प्रश्न: इस पद्धति का इतिहास क्या है? उत्तर: भविष्यवाणी की ‘‘टैरो’’ पद्धति कब, कैसे और किसने शुरू की इसके बारे में सही जानकारी आज तक किसी को नहीं है। फिर भी आमतौर पर यही माना जाता है कि भविष्यवाण् ाी की यह पद्धति जिप्सियों द्वारा यूरोप पहुंची जहां इस पर काफी शोध हुआ। इस पद्धति की शुरुआत लगभग 14वीं शताब्दी में मानी जाती है। माना जाता है कि टैरो का प्रारंभिक प्रयोग इटली के एक प्राचीन खेल ‘टारोच्ची’ के लिए होता था। टारोच्ची एक प्रकार से ताश के खेल ‘ब्रिज’ का मिलता-जुलता रूप है, जो अभी भी दुनिया के कुछ हिस्सों में खेला जाता है। कार्डों की वर्तमान संख्या व बनावट टैरो कार्डों से कहीं अलग है। कहा जाता है कि टैरो कार्डों में छुपे रहस्य को सर्वप्रथम पेरिस के राज मिस्त्री ‘‘एन्टोइनी कोर्ट दी गेवेलिन’’ ने खोला और टैरो कार्डों से जुड़ी कई कहानियां प्रचलित कीं। लेकिन ‘एटीला’, जो गेवेलिन का समकालीन था, ने सर्वप्रथम इन कार्डों को लोकप्रिय बना कर भविष्य कथन करने की इस पद्ध ति को उजागर किया। इस पद्धति को और लोकप्रिय बनाने वालों में एलिफास लेवी, ओसवाल्ड वर्थ, पाजूस आदि का बहुत हाथ रहा है। इस पद्धति की लोकप्रियता फ्रांस, इंग्लैंड और अन्य पश्चिमी देशों में भी धीरे-धीरे बढ़ी। टैरो कार्डों के इतिहास के बारे में यह भी कहा जाता है कि इन कार्डों की शुरुआत ‘मिस्र’, भारत और चीन में हुई है। ले-मो-3 प्रियमिटक 1781 के अनुसार ये कार्ड भारत में जिप्सियों द्वारा लाए गए थे। कुछ का मानना है कि इन का मुख्य स्रोत मिस्र है। जहां से 14वीं शताब्दी में ये इटली और फ्रांस पहुंचे। इस तरह से ‘टैरो कार्ड’ के इतिहास के बारे में कई प्रकार की मान्यताएं हंै लेकिन सत्यता क्या है, कोई नहीं जानता। लेकिन आजकल इसकी बढ़ती हुई लोकप्रियता के कारण इसे भविष्य कथन की पद्धति में मील का पत्थर माना जाता है। प्रश्न: टैरो कार्डों द्वारा भविष्य कथन पद्धति किस प्रकार कार्य करती है? उत्तर: टैरो कार्डों के विभिन्न समूह जीवन को प्रभावित करने वाले विभिन्न तत्वों का प्रतिनिधित्व करते हैं जो कार्डों पर अंकित चित्रों में छुपे रहते हैं। जातक का संबंध जिन कार्डों से बनेगा उन कार्डों के चित्र ही जातक के भविष्य में होने वाली हर घटना के इस तरह से ‘टैरो कार्ड’ के इतिहास के बारे में कई प्रकार की मान्यताएं हंै लेकिन सत्यता क्या है, कोई नहीं जानता। लेकिन आजकल इसकी बढ़ती हुई लोकप्रियता के कारण इसे भविष्य कथन की पद्धति में मील का पत्थर माना जाता है। प्रश्न: टैरो कार्डों द्वारा भविष्य कथन पद्धति किस प्रकार कार्य करती है? उत्तर: टैरो कार्डों के विभिन्न समूह जीवन को प्रभावित करने वाले विभिन्न तत्वों का प्रतिनिधित्व करते हैं जो कार्डों पर अंकित चित्रों में छुपे रहते हैं। जातक का संबंध जिन कार्डों से बनेगा उन कार्डों के चित्र ही जातक के भविष्य में होने वाली हर घटना के सूचक होते हंै। सत्य तो यह है कि ये कार्ड भविष्य का दिशा-निर्देश ही देते हैं। ये उन स्थितियों का वर्णन करते हैं जो भ¬ू तकाल म े ंथी ं और वर्तमान और भविष्य में उनका जातक पर क्या प्रभाव होगा। प्रश्न: मेजर आरकाना और माइनर आरकाना में क्या भिन्नता है? उत्तर: टैरो कार्ड वास्तव में दो भागों में बंटे होते हैं जो मेजर आरकाना और माइनर आरकाना कहलाते हैं। मेजर आरकाना 22 कार्डों का सेट होता है और माइनर आरकाना 56 कार्डों का। मेजर आरकाना कार्डों को ट्रंप के नाम से भी जाना जाता है। इन कार्डों को सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इन पर अंकित प्रत्येक चित्र अपने आप में बहुत ही गहरे अर्थों से भरा होता है। ये सभी कार्ड ग्रहों, राशियों, और प्राकृतिक तत्वों का प्रतिनिधित्व करते हैं। कार्डों को खोलने पर यदि मेजर आरकाना के कार्ड अधिक हांे, तो यह स्थिति बहुत ही शुभ मानी जाती है। माइनर आरकाना में 14-14 कार्डों के चार सेट होते हैं, जिन्हें सूत भी कहते हैं। इन चार सूतों के नाम हंै- वैन्ड्स, कप्स, स्वोडर््स और पैन्टाकल्स जो क्रमशः अग्नि, पानी, हवा और पृथ्वी तत्वों का प्रतिनिधित्व करते हैं। प्रत्येक सूत में 14 कार्ड होते हैं, जिनमंे 10 कार्डों पर 1 से 10 (अंक और चित्र सूत के नाम से) अंकित होते हैं और शेष चार कार्ड किंग्स, क्वीन्स, नाइट्रस और पेजेस के नाम से जाने जाते हैं। इन्हें कोर्ट कार्ड्स के नाम से भी जाना जाता है। माइनर आरकाना आम जीवन की घटनाओं, गतिविधियों तथा भावनाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये कार्ड्स हर व्यक्ति के जीवन के प्रति हमारे खास दृष्टिकोण का परिचायक हैं। प्रश्न: क्या टैरो कार्ड के डेक कई प्रकार के होते हैं? उत्तर: आजकल बाजार में टैरो कार्डों के कई प्रकार के डेक उपलब्ध हैं, जिन पर चित्र भी भिन्न-भिन्न प्रकार के अंकित हैं, लेकिन सभी डेक का लक्ष्य एक ही है। समय के अनुसार कार्डों के रूप में कुछ बदलाव आता ही है और आया भी है। शुरू में टैरो कार्डों का डेक एक ही तरह का था, जिसमें 78 कार्ड होते थे जो मेजर और माइनर आरकाना पर आधारित होते थे। पुराने और नये कार्डों का लक्ष्य एक ही है- भविष्य कथन। इन कार्डो ंके डेक में सबसे अधिक राइडरवेट और पलेडीन हैं, जिन्हें दुनिया भर में स्वीकार किया गया है। प्रश्न: जातक के प्रश्न का उत्तर देने के लिए टैरो कार्डों को कैसे लगाया जाता है? उत्तर: जैसे जातक आप से किसी विषय पर प्रश्न करता है, तो सबसे पहले टैरो कार्डों को वैसे ही मिलाएं जैसे ताश के पत्तों को मिलाया जाता है ताकि कार्ड्स अच्छी तरह मिल जाएं। फिर आप जातक को कार्ड्स की गड्डी को काटने को कहें, और कटे हुए कार्डों को एक तरफ रख दें और जो कार्ड हाथ में हैं, उन्हें एक-एक कर के खोलना शुरू करें। इस तरह से आप 13 कार्डों को खोलें और टेबल पर बिछा दें। हर एक कार्ड का संबंध प्रश्न से होगा। कार्ड पर अंकित चित्र की व्याख्या के अनुसार आप प्रश्न का उत्तर जातक को दें। प्रश्न: क्या ये 13 कार्ड किसी विशेष आकृति में ही बिछाए जाते हैं? उत्तर: कार्डों को बिछाने के तरीके आ¬जकल भिन्न-भिन्न हो गए हंै। लेकिन पहले किसी खास आकृति में भी लगाए जाते थे जिसे सेल्टिक-क्राॅस कहा जाता था। लेकिन जैसे-जैसे इस पद्धति पर शोध होता गया वैसे-वैसे ही कार्डों को बिछाने के तरीके भी बदलते गए। आज भी कई अच्छे टैरो-रीडर सेल्टिक क्राॅस का ही प्रयोग करते हैं। प्रश्न: क्या फलित करते समय 13 कार्डों को ही लिया जाता है? या इनसे कम और अधिक भी लिए जा सकते हैं? उत्तर: आरंभ में 13 कार्डों का ही चलन था। लेकिन आजकल इसे और आसान कर दिया गया है। फलित करने वाले 3 कार्डों का भी प्रयोग करते हैं। इसके अतिरिक्त 6, 9 या 12 कार्डों को लेकर भी फलित कर सकते हैं। फिर भी 13 कार्ड और सेल्टिक-क्राॅस फलित के लिए अधिक सक्षम हैं। प्रश्न: क्या टैरो कार्ड एक ही समय सभी प्रकार के प्रश्नों का उत्तर दे सकते हैं? उत्तर: टैरो कार्डों से एक समय में एक ही प्रश्न का उत्तर सही मिल सकता है, सभी प्रश्नों के नहीं। इसलिए एक समय पर एक ही प्रश्न करें। प्रश्न का उत्तर भविष्य में होने वाली घटना का सिर्फ दिशा-सूचक ही होता है। प्रश्न: टैरो पद्धति का वैज्ञानिक आधार क्या है? उत्तर: ज्योतिष को छोड़ कर भविष्य कथन करने वाली किसी भी पद्धति का आधार वैज्ञानिक नहीं है। इसी तरह टै¬रो पद्धति का भी कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। हां इसका आधार आध्यात्मिक और दार्शनिक जरूर है।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.