प्रश्न: हमारा नर्सिंग होम आधुनिक सुविधाओं से पूर्ण हैं। हम दोनों पति-पत्नी की करीब पिछले 10 साल से अच्छी प्रैक्टिस चल रही थी, परन्तु जबसे हमने स्थान को दोबारा बनवाया है, यह अच्छा नहीं चल रहा, खर्चे भी पूरे नहीं हो पा रहे हैं। क्या वास्तु से कोई मदद मिल सकती है? उत्तर: हर प्राॅपर्टी का रेगुलर शेप में होना ही अच्छा माना जाता है (करंसी नोट की तरह)। चूंकि रिसेप्शन को छोटा करना अव्यावहारिक है, इसलिये हो सके तो पूर्व, उत्तर-पूर्व का संपूर्ण खुला स्थान लेन्टर या एसबेस्टस/ प्लास्टिक शीट से ढंक दें।
यदि कोई म्यूनिसपैलिटी की समस्या है तो लकड़ी या मेटल का परगोला (जाल) तो अवश्य ही डाल दें। कंसल्टेशन रुम में पीछे खिड़की होना भी स्थायित्व नहीं देता, इसलिये कृप्या उत्तर मुखी होकर बैठे। पीठ पीछे दीवार पर कोई पहाड़ का बिना पानी वाला चित्र तथा उत्तरी दीवार पर गोल्डन टेम्पल या किसी झरने का चित्र या घड़ी लगायें। तुरन्त अवश्य लाभ होना शुरु हो जायेगा।