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योग परिचय (1 व्यूस)

योग का अर्थ है ग्रहों का आपस में सम्बन्ध। ग्रहों को दो प्रकार से जाना जाता है। जैसे सूर्य, चन्द्रमा, मंगल आदि। दूसरे कुंडली में भाव का स्वामी होने के कारण जैसे लग्नेश, द्वितीयेश, पंचमेश आदि। इसलिए योग भी दो प्रकार के होते हैं।
ग्रहों के आपसी सम्बन्ध के कारण जैसे युति, एक-दूसरे से 2/12 होना, केन्द्र या त्रिकोण में होना। इससे ग्रहों के फल में अन्तर पड़ता है। भावाधिपति होना, जैसे केन्द्रेश तथा त्रिकोणेश का सम्बन्ध आदि।


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