जब कोई व्यक्ति बहुत सी परेशानियों या बीमारियों से ग्रसित होता है तो उसे नवग्रह के नवरत्न धारण करने के लिए कहा जाता है। नौ रत्न जड़ी अंगूठी में सब प्रकार के रत्नों का वजन एक जैसा रखा जाता है। यह नौ रत्न सोने या चांदी की अंगूठी में जड़वा कर यथाविधि पूजन करवा कर शुभ मुहुर्Ÿा में अनामिका उंगली में धारण करनी चाहिए। नवरत्न का लाॅकेट भी बनवाया जा सकता है। इसमें रत्नों की स्थिति नवग्रह यंत्र की तरह ही रखी जाती हैः
व्यूस : 663परिचय उपाय विचारविनय गर्गअक्सर यह प्रश्न उठता है कि ज्योतिष शास्त्र की उपयोगिता क्या है? क्या उपाय से ग्रहों के प्रभाव को ...देखे
Members Onlyव्यूस : 1352उपाय किसका करेंविनय गर्गकैसे जानें की किस ग्रह का अशुभ प्रभाव पड़ रहा है? जन्मपत्री के विश्लेषण द्वारा भी यह जाना जाता है ...देखे
Members Onlyव्यूस : 1547क्या उपाय करेंविनय गर्गकुण्डली में लग्न व चंद्रमा की स्थिति से व्यक्ति के स्वभाव का अंदाजा लगाइये। उसके स्वभाव के अनुकूल...देखे
Members Onlyव्यूस : 1520रत्न उपाय विचार भाग 1विनय गर्गजातक के भार के अनुसार आम तौर पर रत्न का वजन कम से कम 3 रत्ती तो होना ही चाहिए। फिर भी सामान...देखे
Members Onlyव्यूस : 1381रत्न उपाय विचार भाग 2विनय गर्गरत्न कितने वजन/रŸाी/कैरट का होना चाहिए? जिस रत्न को धारण करने की सलाह दी जाती है, वह कितने ...देखे
ज्योतिष उपायज्योतिष में संपूर्ण ज्ञान होते हुए भी तबतक वह अधूरा है जबतक कि उसके उपाय न मालूम हो। यह ठीक उसी तरह ...देखे
प्रारंभिक ज्योतिषआप ज्योतिष क्षेत्र में रूचि रखते हैं लेकिन सीखने का माध्यम अभी तक प्राप्त नहीं हुआ था या ज्योतिष में...देखे
रुद्राक्षरुद्राक्ष को भगवान शिव का अश्रु कहा गया है। शास्त्रों में रुद्राक्ष सिद्धिदायकए पापनाशकए पुण्यवर्धकए...देखे
सनातन धर्म और अध्यात्मज्योतिष पूर्णत: वैज्ञानिक हैं। ज्योतिष मानव कल्याण का एक बहुत बड़ा साधन हैं। इसका प्रयोग कर व्यक्ति स...देखे