भारतीय ज्योतिष में भचक्र का प्रथम बिन्दु अश्विनी नक्षत्र से लिया जाता है। इस प्रथम बिन्दु से भचक्र को 12 भागों में बांटा जाता है। इस प्रकार प्रत्येक राशि का कोणीय मान 30° होता है। 12 राशियों के नाम और उनके स्वामी (वे ग्रह जिन्हें इन राशियों का स्वामी कहा जाता है) निम्नलिखित हैं: सं. नाम अंश स्वामी 1 मेष 00°- 30° मंगल 2 वृष 30°- 60° शुक्र 3 मिथुन 60°- 90° बुध 4 कर्क 90°- 120° चन्द्रमा 5 सिंह 120°- 150° सूर्य 6 कन्या 150°- 180° बुध 7 तुला 180°- 210° शुक्र 8 वृश्चिक 210°- 240° मंगल 9 धनु 240°- 270° गुरु 10 मकर 270°- 300° शनि 11 कुम्भ 300°- 330° शनि 12 मीन 330° - 360° गुरु
व्यूस : 1ज्योतिष के स्तम्भविनय गर्गज्योतिष का आधार निम्नलिखित चार तथ्यों पर आधारित है। यदि इन तथ्यों को भली भांति समझ लिया जाय तो ज्...देखे
Members Onlyव्यूस : 1नक्षत्रविनय गर्गनक्षत्रों की कुल संख्या 27 होती है। एक भचक्र का 27वां भाग एक नक्षत्र कहलाता है। 27 नक्षत्रों को य...देखे
Members Onlyव्यूस : 1ग्रहो की विशेषतायेंविनय गर्गग्रहों का प्रभाव जातक के ऊपर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। चाहे वह दशा के रूप में हो या लग्न या ...देखे
Members Onlyव्यूस : 1ग्रहों के नैसर्गिक गुणविनय गर्ग सभी ग्रह किसी न किसी कारक का प्रतिनिधित्व करते हैं। जैसे सूर्य - पिता, राजा, मान-सम्मा...देखे
Members Onlyव्यूस : 1ग्रहो की अवस्थाविनय गर्गग्रह का शुभ और अशुभ होना उनके नैसर्गिक गुण और राशि स्वामित्व पर निर्भर करता है कि वह किस भाव का स...देखे
ज्योतिष उपायज्योतिष में संपूर्ण ज्ञान होते हुए भी तबतक वह अधूरा है जबतक कि उसके उपाय न मालूम हो। यह ठीक उसी तरह ...देखे
प्रारंभिक ज्योतिषआप ज्योतिष क्षेत्र में रूचि रखते हैं लेकिन सीखने का माध्यम अभी तक प्राप्त नहीं हुआ था या ज्योतिष में...देखे
रुद्राक्षरुद्राक्ष को भगवान शिव का अश्रु कहा गया है। शास्त्रों में रुद्राक्ष सिद्धिदायकए पापनाशकए पुण्यवर्धकए...देखे
सनातन धर्म और अध्यात्मज्योतिष पूर्णत: वैज्ञानिक हैं। ज्योतिष मानव कल्याण का एक बहुत बड़ा साधन हैं। इसका प्रयोग कर व्यक्ति स...देखे