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रुद्राक्ष प्रश्नोत्तरी रुद्राक्ष का रख रखाव कैसे करें (1 व्यूस)

रुद्राक्ष का लैब जांच के बाद रुद्राक्ष की गुणवत्ता सिद्ध होती है. रुद्राक्ष की साफ सफाई कैसे करनी चाहिए? इसके लिए आप रुद्राक्ष धारण से पूर्व इसके असली होने की जांच अवश्य करा लें. असली रुद्राक्ष ही धारण करें. खंडित या कांटों से रहित रुद्राक्ष धारण न करें. जपादि कार्यो के लिए छोटे और धारण करने से बड़े रुद्राक्ष ही उपयोगी माने जाते है. रुद्राक्ष अंगूठी में कदापि धारण नहीं करें, अन्यथा भोजन-शौचादि क्रिया में इसकी पवित्रता खंडित हो जाएगी। रुद्राक्ष पहन कर शमशान या किसी अंत्येष्टि-कर्म में अथवा प्रसूति-गृह में न जाएं। स्त्रियां मासिक धर्म के समय रुद्राक्ष धारण न करें। रुद्राक्ष में अंतर्गर्भित विद्युत तरंगें होती हैं जो शरीर में सकारात्मक और प्राणवान ऊर्जा का संचार करने में सक्षम होती हैं। इसी कारण रुद्राक्ष को प्रकृति की दिव्य औषधि कहा गया है। अतः रुद्राक्ष का वांछित लाभ लेने हेतु समय-समय पर इसकी साफ-सफाई का विशेष खयाल रखें। शुष्क होने पर इसे तेल में कुछ समय तक डुबाकर रखें। इसकी साफ सफाई के लिए गंगाजल से धोकर इसे शुद्ध किया जा सकता है. रुद्राक्ष को ह्र्दय के निकट धारण करना सब से अधिक सही माना जाता है. रुद्राक्ष धारण के दिन उपवास करें अथवा सात्विक अल्पाहार लें। रुद्राक्ष को कच्चे दूध, पंचगव्य, पंचामृत अथवा गंगाजल से पवित्र करके, अष्टगंध, केसर, चंदन, धूप, दीप, पुष्प आदि से उसकी पूजा कर शिव पंचाक्षरी अथवा शिव गायत्री मंत्र का जप करके पूर्ण श्रद्धा भाव से धारण करें।


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