आगामी विडियोज़ देखें

आगामी क्लिप्स देखने के लिए, फ्यूचर समाचार के ऑनलाइन सदस्य बने

भावों की संज्ञा (1 व्यूस)

जैसे कि पहले बताया जा चुका है कि भावों के समूंह विशेष को एक नाम दिया जाता है और उसपर आधारित ग्रह की स्थिति, ग्रह की दृष्टि, भाव के राशि स्वामित्व के आधार पर प्रत्येक भाव का फल व दशाफल आदि का ज्ञान होता है।
कुछ मुख्य भावों के नाम इस प्रकार हैं -
1. केंद्र भाव - 1,4,7,10 - शुभ भाव
2. त्रिकोण भाव - 1,5,9 - शुभ भाव
3. त्रिषडाय भाव - 3,6,11 - अशुभ भाव
4. मारक भाव - 2,7 - इनके स्वामी अशुभ होते हैं।
5. दुःस्थान - 3,6,8,11,12 - इनके स्वामी की दशा प्रतिकूल होती है
6. धर्म भाव -1,5,9
7. अर्थ भाव - 2,6,10
8. काम भाव- 3,7,11
9. मोक्ष भाव- 4,8,12
10. आयु भाव - 8,3


ज्योतिष में संपूर्ण ज्ञान होते हुए भी तबतक वह अधूरा है जबतक कि उसके उपाय न मालूम हो। यह ठीक उसी तरह ...देखे

आप ज्योतिष क्षेत्र में रूचि रखते हैं लेकिन सीखने का माध्यम अभी तक प्राप्त नहीं हुआ था या ज्योतिष में...देखे

रुद्राक्ष को भगवान शिव का अश्रु कहा गया है। शास्त्रों में रुद्राक्ष सिद्धिदायकए पापनाशकए पुण्यवर्धकए...देखे

put right adv here

अपने विचार व्यक्त करें

blog comments powered by Disqus