अध्यात्म, धर्म आदि


पितृ दोष: क्या हो निदान?

हर कार्य की सफलता के लिए माता-पिता के आशीर्वाद की आवश्यकता होती है। जाने-अनजाने यदि संतान माता-पिता के हृदय को पीड़ा पहुंचाती है तो उसके फलस्वरूप उसे भी कम परेशानियों से नहीं जूझना पड़ता। इस आलेख में पितृदोष के निवारण का विधान दि... और पढ़ें

ज्योतिषअध्यात्म, धर्म आदिभविष्यवाणी तकनीक

जनवरी 2006

व्यूस: 5380

अध्यात्म प्रेरक शनि

ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति को ज्ञान, अध्यात्म और भक्ति का मुख्य कारक तथा केतु को मोक्ष का कारक माना गया है। परंतु ईश्वर की ओर प्रेरित करने में शनि की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। शनि ग्रह अपने भचक्र के 30 वर्ष के गोचर में 2... और पढ़ें

ज्योतिषअध्यात्म, धर्म आदिग्रहभविष्यवाणी तकनीक

नवेम्बर 2006

व्यूस: 4346

ज्योतिष-ज्योति आद्य शंकर परिव्राजक स्वामी ज्ञानानन्द सरस्वती

ैदिक सनातन धर्म के उद्धारक, शंकरावतार श्री आद्य शंकराचार्य जी ने आज से 2496 वर्ष पूर्व ही अवैदिक दुर्मतों का खंडन करते हुए ज्योतिष शास्त्र की प्रामाणिकता का जो डिम-डिम घोष किया था उसका पूरा ज्योतिष समाज ऋणी है। इस स्तंभ में हम ... और पढ़ें

ज्योतिषअध्यात्म, धर्म आदिमंत्रविविध

जनवरी 2006

व्यूस: 4486

प्राचीन वेदों में ज्योतिष का वर्णन

वेद शब्द संस्कृत भाषा के विद् धातु से बना है। विद् का आशय विदित अर्थात जाना हुआ, विद्या अर्थात ज्ञान, विद्वान अर्थात ज्ञानी। वेद भारतीय संस्कृति में सनातन धर्म के मूल अर्थात प्राचीनतम और आधारभूत धर्म ग्रन्थ हंै, जिन्हें ईश्वर की... और पढ़ें

ज्योतिषअध्यात्म, धर्म आदिप्राणिक हीलिंग

अकतूबर 2016

व्यूस: 8258

उतम मुहूर्त से उच्च चरित्र का निर्माण

हमारे लिए यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि पश्चिमी सभ्यता के अंधानुकरण में हम अपनी मूल संस्कृति से इतने दूर जा रहे हैं कि हमारे समाज में पति-पत्नी जैसे पवित्र संबंधं का भी महत्व नहीं रह गया है। प्रिंट मीडिया के कई सर्वेक्षणों से यह ब... और पढ़ें

ज्योतिषउपायअध्यात्म, धर्म आदिमुहूर्त

जनवरी 2007

व्यूस: 5958

क्यों?

क्यों?

डॉ. अरुण बंसल

अनादि काल से ही हिंदू धर्म में अनेक प्रकार की मान्यताओं का समावेश रहा है। विचारों की प्रखरता एवं विद्वानों के निरंतर चिंतन से मान्यताओं व आस्थाओं में भी परिवर्तन हुआ। क्या इन मान्यताओं व आस्थाओं का कुछ वैज्ञानिक आधार भी है? यह प्र... और पढ़ें

ज्योतिषअध्यात्म, धर्म आदिविविध

जुलाई 2013

व्यूस: 5838

पितृ दोष: समस्या और समाधान

जन्मपत्री का नवम भाव भाग्य भाव कहलाता है। इसके अतिरिक्त इस भाव से पिता और पूर्वजों का विचार भी किया जाता है। धर्म शास्त्रों में यह मान्यता है कि पूर्व जन्म के पापों के कारण पितृ दोष का निर्माण होता है। व्यक्ति का जीवन सुख-द... और पढ़ें

ज्योतिषदेवी और देवउपायअध्यात्म, धर्म आदिभविष्यवाणी तकनीक

सितम्बर 2016

व्यूस: 6242

उत्तरायण और मकर संक्रांति की भ्रांति

हर वर्ष की तरह जनवरी-2016 में भी, सूर्य देवता के मकर राशि में प्रवेश करते ही, भारत में मकर संक्रांति बड़ी धूम-धाम से मनाई जायेगी और हर वर्ष की तरह एक-दूसरे को फोन पर और ॅींजे।चच आदि पर शुभकामनाएं देने का तांता सा लग जायेगा। मकर स... और पढ़ें

ज्योतिषदेवी और देवअध्यात्म, धर्म आदिपर्व/व्रतभविष्यवाणी तकनीक

जनवरी 2016

व्यूस: 6035

जन्माष्टमी निर्णय

जन्माष्टमी निर्णय

डॉ. अरुण बंसल

हाल ही में जन्माष्टमी 1 व 2 सितंबर को मनाई गई। वृन्दावन व अनेक मंदिरों में 1 सितंबर को व मथुरा, बिड़ला मन्दिर आदि में 2 सितंबर को।... और पढ़ें

ज्योतिषदेवी और देवअध्यात्म, धर्म आदिखगोल-विज्ञानयशपर्व/व्रत

सितम्बर 2010

व्यूस: 5145

पितृदोष/ऋण का सार्थक विवेचन

जहां ‘कालसर्प योग’ में राहु व केतु की प्रमुख भूमिका होती है वहीं ‘पितृ दोष’ में राहु व शनि की भूमिका बताई जाती है। कुछ आचार्य इसे ‘पितृ ऋण’ की संज्ञा देते हैं। ‘कालसर्प योग’ के समान ही ‘पितृ दोष/ऋण’ से ग्रसित होने के लक्षण इ... और पढ़ें

ज्योतिषउपायअध्यात्म, धर्म आदिभविष्यवाणी तकनीक

सितम्बर 2014

व्यूस: 6935

शनि शांति हेतु हनुमत् उपासना का महत्व

हनुमान जी और शनि के बारे में चर्चा करें तो हनुमान जी सूर्य के शिष्य हैं और शनि पुत्र। एक संकटमोचक हैं और दूसरे पाप कर्मों के लिए दंडित करने वाले। एक अग्नि व दूसरे वायु से उत्पन्न हुए। दोनों एक दूसरे के घोर विरोधी होते हुए भी एक दू... और पढ़ें

देवी और देवउपायअध्यात्म, धर्म आदिपर्व/व्रतमंत्र

जून 2016

व्यूस: 3832

सुख-समृद्धि हेतु शाबर मंत्र प्रयोग

सुख-समृद्धि हेतु शाबर मंत्र प्रयोग

ब्रजकिशोर शर्मा ‘ब्रजवासी’

वर्तमान में ज्यादातर मनुष्य रोजगार से चिंतित रहते हैं। उच्च शिक्षा प्राप्त करने पर भी कार्य नहीं मिल पाता। क्या करें? क्या न करें? यही विचार मस्तिष्क में चलता रहता है। लोग व्यापार करते हैं, लाभ प्राप्त नहीं हो पाता, हो... और पढ़ें

ज्योतिषउपायअध्यात्म, धर्म आदिमंत्र

सितम्बर 2014

व्यूस: 20901

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