शकुन विचार

शकुन विचार  

सीताराम सिंह
व्यूस : 18620 | जून 2014

‘शकुन’ का अर्थ है शुभ-अशुभ फल की पूर्व सूचना देने वाले प्राकृतिक संकेत। किसी कार्य का श्री गणेश करते समय जिन प्राकृतिक संकेतों को देखने या सुनने से जातक का कार्य सुगमता पूर्वक सफल हो जाता है उसे ‘शुभ शकुन’ या ‘सगुन’ तथा जिनके देखने सुनने के बाद कार्य में अवरोध आता है और अंत में असफलता मिलती है उसे ‘अशुभ शकुन’ या ‘असगुन’ कहते हैं। शकुन भविष्य के बारे में सूचना देते हैं, अतः उनका मनुष्य के जीवन में विशेष महत्व है। आचार्य वाराहमिहिर ने अपने ग्रंथ ‘बृहत् संहिता’’ में शकुनों का आधार जातक के पूर्व जन्म के शुभ-अशुभ कर्मों को (अ. 85.5) बताया है। अन्य जन्मान्तर कृतं कर्म पुंसां शुभाशुभम्।

यत्तस्य शकुनः पाकं निवेदयति गच्छ्ताम्। अर्थात् ‘‘शकुन बताते हैं कि जातक के पूर्वजन्म के शुभ-अशुभ कर्मों के फलस्वरूप उसको कैसा फल प्राप्त होने वाला है। लगभग सभी हिंदू ग्रंथों में शकुन विचार का उल्लेख मिलता है, जिनमें महाभारत, बाल्मीकि रामायण, श्रीमद्भागवत, श्री रामचरितमानस तथा पुराण मुख्य हैं। ‘ब्रह्मवैवर्त पुराण’ (श्री कृष्ण जन्मखंड अ. 70) के अनुसार कंस के आज्ञानुसार श्री कृष्ण और बलराम को मथुरा लाने के लिए नंदगांव जाते समय अक्रूर जी के सामने घटित शकुनों का वर्णन भगवान नारायण ने स्वयं नारद जी से किया था, जो अपने में परिपूर्ण है।

श्री नारायण कहते हैं:- ‘‘नारद ! रास्ते में उन्हें शुभदायक, मनोवांछित फल देने वाला रमणीय तथा मंगल-सूचक रासमंडल तथा शुभ शकुन दृष्टिगोचर हुए। बायीं ओर उन्हें सियारिन, भरा घड़ा, नेवला, नीलकंठ, मुर्दा, दिव्य आभूषणों से विभूषित, पति-पुत्रवती साध्वी स्त्री, श्वेत पुष्प, श्वेत माला, और श्वेत धान्य के शुभ दर्शन हुए। दाहिनी ओर उन्होंने जलती आग, ब्राह्मण, वृषभ, हाथी, बछड़े सहित गाय, श्वेत अश्व, राजहंस, वेश्या, पुष्पमाला, पताका, दही, खीर, मणि, स्वर्ण, चांदी, मुक्ता, माणिक्य, चंदन, मधु, घी, मृग, फल, सरसों, दर्पण, विचित्र विमान, सुंदर दीप्तमयी प्रतिमा, श्वेत कमल, शंख, चील, चकोर, बिलाव, पर्वत, बादल, मोर, तोता और सारस के दर्शन किये तथा शंख, कोयल एवं वाद्यों की मंगलमयी ध्वनि सुनी।

श्री कृष्ण महिमा के विचित्र गान, हरि कीर्तन और जय-जयकार के शब्द भी उनके कान में पड़े। ऐसे शुभ शकुन देख-सुनकर अक्रूर जी का हृदय हर्ष से खिल उठा।’’ शकुन के विषय में गोस्वामी तुलसीदास जी ने अपने विचार ‘दोहावली’ (460, 461) मंे इस प्रकार व्यक्त किये हैंः- नकुल सुदर्शन दरसनी क्षेमकरी चक चाष। दस दिसि देखत सगुन शुभ पूजहिं मन अभिलाष।। सुधा साधु सुरतरू सुमन, सुफल सुहावनि बात। ‘तुलसी’ सीतापति भगति, सगुन सुमंगल सात।। अर्थात् ‘‘नेवला, मछली, दर्पण, क्षेमकरी चिड़िया (सफेद मुंहवाली चील), चकवा और नीलकंठ- इन्हें दश दिशाओं में कहीं भी देखना शुभ शकुन है, और मन की अभिलाषाएं पूरी होती हैं।

तुलसीदास जी आगे कहते हैं, ‘‘अमृत, साधु, कल्पवृक्ष, सुंदर पुष्प, सुंदर फल, सुहावनी बात और श्री सीतारामजी की भगति (गुणगान), ये सात मंगलकारी शकुन हैं।’’ गरुड़ पुराण (अ. 46) के अनुसार यदि यात्रा में दाहिनी ओर हरिण, सांप, बंदर, बिलाव, कुत्ता, सुअर, नीलकंठ पक्षी, नेवला तथा चूहा दिखाई दे तो यात्रा मंगलकारी होती है। यात्रा में ब्राह्मण की कन्या का दर्शन होना शुभ सूचक है तथा शंख और मृदंग की आवाज सुनना एवं सदाचारी श्रीमंत व्यक्ति का दर्शन हो जाना, वेणु, साध्वी स्त्री, जल से भरा कलश दिखाई देना कल्याण प्राप्ति का सूचक है। यात्रा में बायीं ओर श्रृगाल, ऊंट और गदहा आदि का दिखाई देना मंगलकारी होता है।

परंतु यात्रा में कपास, औषधि, तेल, दहकते अंगारे, सर्प, बाल बिखेरे, लाल माला पहने और नग्न अवस्था में किसी व्यक्ति का दिखाई देना, अमंगलकारी होता है। छींक विचार गरुड़ पुराण के अनुसार विभिन्न दिशाओं में छींक सुनाई देने का फल इस प्रकार है:

- पूर्व दिशा- शुभ फल प्राप्ति - अग्नि कोण

- शोक और संताप दक्षिण दिशा - हानि - नैर्ऋत्य कोण

- शोक और संताप पश्चिम दिशा - मिष्टान्न्ा की प्राप्ति वायव्य कोण

- धन की प्राप्ति उत्तर दिशा - कलह ईशान कोण

- मरण के समान कष्ट अपशकुन परिहार ‘प्रश्न मार्ग’ ग्रंथ के अनुसार: एकादशादिमेनिष्ट द्वितीय शकुने पुनः प्राणायामाः षोडश स्युस्तृतीये तु न च बजेत।। (अ. 3.29) अर्थात्, ‘‘अपशकुन होेने पर जातक को कार्य स्थगित कर, हाथ-पैर धोकर, 11 बार प्राणायाम कर पुनः कार्य आरंभ करना चाहिए। अगर दुबारा अपशकुन हो तो पुनः शुद्ध होकर 16 बार प्राणायाम करके फिर प्रयास करना चाहिए। यदि तीसरी बार भी अपशकुन हो तो उस दिन उस कार्य को नहीं करना चाहिए।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.