तंत्र सिद्धि के मुहूर्त

तंत्र सिद्धि के मुहूर्त  

फ्यूचर पाॅइन्ट
व्यूस : 4406 | अकतूबर 2006

ज्योतिष शास्त्र में तंत्र सिद्धि के मुहूर्तों का विस्तृत वर्णन है। कुछ सरल मुहूर्त हैं- दीपावली की रात्रि, दशहरा, होली व सूर्य और चंद्र ग्रहण।

कुछ मुख्य तथ्य: तंत्र सिद्धि हेतु निम्नलिखित बातों को जानना आवश्यक है।

पंचोपचार पूजन: आवाहन, स्थापन, सान्निध्यीकरण, पूजन व विसर्जन आदि।

तर्पण: मंत्र पाठ कर देवता को अर्पित करने को कहते हैं।

मार्जन: पवित्रीकरण मंत्र बोलते हुए शरीर पर जल छिड़कने को कहते हैं। दीपावली पूजन धन संबंधी कार्यों को सिद्ध करने हेतु दीपावली एक उत्तम मुहूर्त है। इस वर्ष दीपावली कार्तिक कृष्ण पक्ष 14 अमावस्या शनिवार 21 अक्तूबर 2006 ई. को है। प्रदोष काल में दीपावली पूजन करना उत्तम रहेगा। इस बार जयपुर के लिए दीपावली पूजन व तंत्र सिद्धि हेतु निम्नांकित समय शुभ रहेगा।

Book Laxmi Puja Online

प्रदोष काल: सायं 5 घंटा 50 मिनट से 8 घंटा 22 मिनट तक।

स्थिर लग्न वृष: सायं 7 घंटा 14 मिनट से 9 घंटा 10 मिनट तक।

स्थिर लग्न सिंह: रात्रि 1 घंटा 43 मिनट से 28 घंटा तक। अन्य शहरों के शुभ मुहूर्त देखने के लिए पंच पर्व दीपावली के शुभ मुहूर्त आलेख देखें।

लाभ चैघड़िया: सायं 5 घंटा 50 मिनट से 7 घंटा 23 मिनट तक।

शुभ चैघड़िया: रात 8 घंटा 58 मिनट से 10 घंटा 33 मिनट तक

अमृत चैघड़िया: रात 10 घंटा 33 मिनट से 12 घंटा 8 मिनट तक

दुर्घटना और रोग से रक्षा हेतु: दीपावली की रात्रि एकांत में श्री गणेश जी, शिवजी आदि का पूजन तथा सवा लाख जप कर महामृत्युंजय मंत्र नियमानुसार सिद्ध कर स्वयं रोग, दुर्घटना आदि से सुरक्षित रह सकते हैं। महामृत्युंजय यंत्र का पूजन और मंत्र का जप नियमानुसार रुद्राक्ष की माला से करें।

मंत्र: ¬ हौं ¬ जूं सः भूर्भुवः स्वः ¬ त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बंधनान्मृत्योर्भुक्षीय मामृतात् ¬ स्वः भुवः भूः ¬ सः जूं हौं ¬ विपत्ति नाश हेतु: श्री दुर्गा जी का पूजन और गुरु के निर्देशानुसार निम्न मंत्र का नियम और श्रद्धा पूर्वक जप करें।

शरणांगत दीनार्त परित्राण परायणे।

सर्वस्यार्ति हरे देवि नारायणि नमोऽस्तुते।।

संतान प्राप्ति के लिए संतान गोपाल यंत्र व बालकृष्ण भगवान का पूजन कर ‘‘देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते, देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः ।’’ मंत्र के कम से कम सवा लाख जप विधानपूर्वक करें।

गौ आदि दान करें। मंत्र एक रात्रि में सिद्ध न हो सके तो पंडितों की मदद लें या इस रात्रि से आरंभ कर 5, 7, 11, 21, 51 या 101 दिना के अंदर विधानपूर्वक स्वयं सिद्ध कर लाभ उठाएं।

Book Shani Shanti Puja for Diwali

धन प्राप्ति प्रयोग: दीपावली की रात्रि शुभ मुहूर्त में श्रीयंत्र का पूजन कर श्री सूक्तम् के 108 पाठ करने से धन-धान्य की वृद्धि होती है। श्री दुर्गा जी और दुर्गा यंत्र का पूजन कर कनकधारा स्तोत्र के 108 पाठ नियमानुसार कर होम करने और कन्या तथा ब्राह्मण को भोजन कराने से दरिद्र योग नाश होता है। संपुटित श्रीसूक्त के कमलगट्टे की माला से दीपावली की रात सवा लाख जप कर होमादि करने से धन समृद्धि प्राप्त होती है।

मंत्र: ¬ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ¬ महालक्ष्म्यै नमः।।

1 यदि बिल्ली की जेर मिल जाए तो दीपावली की रात्रि शुद्ध होकर उसे चांदी की डिबिया में रखकर पूजन कर ‘‘मर्जबान उल किस्ता। ‘‘108 या 1008 बार जप कर लोबान की धूनी देकर तिजोरी या बक्से में रखें, धन लाभ होगा।

2 दीपावली की रात्रि श्रद्धानुसार गोपाल सहस्र नाम और विष्णु सहस्र नाम का नियमानुसार पाठ कर प्रतिदिन एक पाठ रोज करते रहने से व्यापार आदि में लाभ होता है।

3 असली एकमुखी रुद्राक्ष प्राप्त कर उसे शुभ मुहूर्त में सिद्ध कर तिजोरी में रखने से धन समृद्धि प्राप्त होती है।

4 हत्था जोड़ी प्राप्त कर ।। ¬ ह्रीं स्थिर अष्टलक्ष्म्यै स्वाहा।। मंत्र के कमलगट्टे की माला से सवा लाख जप निमयानुसार करने से ऋणादि से मुक्ति मिलती है और धन लाभ होता है। इसे किसी सुरक्षित डिब्बी में रखकर तिजोरी में रखना चाहिए।

जिनके हर कार्य में विघ्न आते हों वे श्वेतार्क गणेश अपने घर में नियमानुसार इस प्रकार रखें कि उनका मुख घर के भीतर की ओर रहे क्योंकि गणेश जी के सामने ऋद्धि-सिद्धि और पीछे की ओर दरिद्रता रहती है। प्रतिदिन उनका पूजन कर ¬ गं गणपतये नमः मंत्रा से दूब अर्पण कर संकट नाशन गणेश स्तोत्र या गणपति स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।

चिंतामणि मंत्र: मंत्र: महार्णव श्री देव्यर्थनाशीन व अनेक तंत्र-मंत्र ग्रन्थों में चिंतामणि’ मंत्र की महिमा इस प्रकार बताई गई है।

‘‘बियदीकार संयुक्तं वीति होत्र समन्वितम्।

अर्धेन्दु लसिंत देव्या, बीजंसर्वार्थ साधकं।।

एवमेकाक्षरं ब्रह्म यतयः शुद्धचेतसः।

ध्यायन्ति परमानंदमया ज्ञानाम्बुराशयः।

यह केवल बीज मंत्र है-: ‘‘¬ ह्रीं नमः ।।’’

दीपावली की रात्रि को सवा लाख मंत्र सिद्ध कर लें। इस मंत्र से आजीविका, उच्च पद व आध्यात्मिक आनंद की प्राप्ति होती है। दीपावली की रात्रि अष्टगंध से भोजपत्र पर चांदी की कलम से यंत्र लेखन विधि से यह यंत्र लिख लें और पूजन कर हाथ में धारण करें या चांदी के तावीज में भरकर गले में धारण करें। यह यंत्र सामथ्र्य हो, तो चांदी या सोने का भी बनवाकर दीपावली की रात्रि विधिपूर्वक सिद्ध कर ¬ श्री महालक्ष्म्यै नमः या चिन्तामणि मंत्र का जप कर तिजोरी या आॅफिस में रखें, धन-धान्य की वृद्धि होगी।

वशीकरण यंत्र: इस यंत्र को दीपावली की रात्रि केसर और अनार की कलम से सप्तधान्य की रोटी पर लिख कर जिसे वश में करना हो, उसका नाम लेकर ‘‘¬ नमो आदेश गुरु को सिंदूर कमिया सिंदूर (नाम - पति/पत्नी या अन्य अभीष्ट व्यक्ति) कामाख्या तेरी उत्पत्ति सिंदूर पढ़ि लगावे विन्दी हो वश होवे निंबुद्धि ¬ महादेव की शक्ति गुरु की भक्ति। कामरूप कामाख्या माई की दुहाई।

आदेश हाड़ी दासी चंढ़ी मन लाव निकार न हो तो, पिता महादेव बाम पाद जाप लागे।’’ रोटी कुत्तों को दे दें। 2-3 माह में लाभ दिखाई देगा। यंत्र का विधिपूर्वक धूप, दीप, फल, पुष्प आदि से पूजन करें। इससे उक्त व्यक्ति वशीभूत होकर इच्छानुरूप प्रेमपूर्ण व्यवहार करता है। गलत रूप मंे इसका प्रयोग कर किसी को नुकसान पहुंचाने का प्रयास नहीं करें अन्यथा स्वयं परेशानी में पड़ जाएंगे।

अन्य यंत्र-मंत्र यंत्र अनेक प्रकार के होते हैं जैसे गणपति यंत्र, श्री यंत्र, सरस्वती यंत्र, कनकधारा यंत्र, संतान गोपाल यंत्र, महामृत्युंजय यंत्र, वश्यकरम् यंत्र, नवग्रह यंत्र आदि। ये चांदी, सोने व स्फटिक पर बने बनाए मिलते हैं। दीपावली की रात्रि इन्हें सिद्धकर लाभ उठा सकते हैं। यंत्र की सिद्धि विद्वान पंडित या गुरु की देख रेख में पूर्ण विधि विधान पूर्वक कर लाभ उठाएं।

जीवन में जरूरत है ज्योतिषीय मार्गदर्शन की? अभी बात करें फ्यूचर पॉइंट ज्योतिषियों से!



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.