ग्रह स्थिति एवं व्यापार

ग्रह स्थिति एवं व्यापार  

व्यूस : 4290 | नवेम्बर 2013
गोचर फल विचार मासारंभ में तुला राशि पर सूर्य, बुध, शनि व राहु का चतुग्र्रही योग का बनना तथा इन पर गुरु ग्रह की पूर्ण दृष्टि का होना उपद्रवकारी तत्वों द्वारा जन साधारण में अशांति और भय का वातावरण पैदा करेगा। हिंसक घटनाओं, विस्फोट इत्यादि से जन धन की हानि का संकेत देता है। कहीं वर्षा में कमी, कहीं समुद्री क्षेत्रों में भारी वर्षा, आंधी तूफान इत्यादि के द्वारा जन-धन का भारी नुकसान करेगा। सीमाओं पर सैन्य हलचल को बढ़ावा और आतंकी गतिविधियों का संकेत देता है। गुरु व शुक्र ग्रह का समसप्तक योग में होना, लोगों में सुख समृद्धि के साधनों को बढ़ाने के साथ-साथ धर्म के प्रति आस्था को बढ़ावा देगा। जन साधारण के खर्र्चों में बढ़ोŸारी करेगा। जन उपयोगी वस्तुओं में अत्यधिक मंहगाई के कारण आम जनता के मनों में शासन के प्रति रोष की भावना को बढ़ाएगा। इसके विरोध में जन साधारण को आंदोलन करने के लिए विवश करेगा। शासन द्वारा कई नई नीतियां बनाने का प्रयास किया जाएगा, लेकिन वे पूर्णतया सफल नहीं होंगी। सरकारी आमदनी के साथ-साथ व्यर्थ के खर्चों में भी वृद्धि होगी। स्त्री जाति के प्रभुत्व को बढ़ाएगा। 7 नवंबर को गुरु ग्रह का वक्री गति में आ जाना कई पुरातन मुद्दों को पुनः जनता के सामने लाएगा जिससे अशांति का वातावरण बनेगा। 16 नवंबर को सूर्य का वृश्चिक राशि में आना और मंगल ग्रह से दृष्टित होना अग्निकांड, विस्फोट, यान दुर्घटना इत्यादि के कारण जन-धन की हानि का कारक बनता है। 26 नवंबर को मंगल का कन्या राशि में आकर शनि व राहु से द्विद्र्वादश योग में आ जाना मुस्लिम क्षेत्रों में अशांति का वातावरण तथा सŸाा परिवर्तन का योग बनाता है प्रशासन का जन साधारण पर दबाव बना रहेगा। सोना व चांदी मासारंभ में 3 नवंबर को राहु का स्वाति नक्षत्र को वेधते रहना तथा केतु का अश्विनी नक्षत्र के चतुर्थ चरण में प्रवेश कर पू.फा. नक्षत्र को वेधते रहना बाजारों में तेजी का ही योग बनाता है। 4 नवंबर को शनि का विशाखा नक्षत्र में प्रवेश कर धनिष्ठा नक्षत्र को वेधना तथा इसी दिन चंद्र दर्शन 25 मुहूर्ती सोमवार के दिन होना बाजारों में तेजी की चल रही लहर को बनाए रखेगा। 6 नवंबर को सूर्य का भी विशाखा नक्षत्र में प्रवेश कर धनिष्ठा नक्षत्र को वेधना बाजारों में तेजी के रुझान को आग बढ़ाएगा। 7 नवंबर को मिथुन राशि स्थित गुरु ग्रह का वक्री गति में आगे जाना तेजी का ही कारक बनता है। 8 नवंबर को वक्री गति के बुध का उदय हो जाना बाजारों में उतार-चढ़ाव अधिक करते हुए तेजी का रुख बनाए रखेगा। फिर भी व्यापारी वर्ग बाजार की वर्तमान स्थिति को विशेष ध्यान में रखें। 10 नवंबर को बुध का मार्गी गति में आ जाना बाजारों में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनाएगा। 13 नवंबर का शुक्र का पू.षा. नक्षत्र पर आकर आद्र्रा नक्षत्र को वेधना चांदी में कुछ मंदी का वातावरण बनाएगा। 16 नवंबर को सूर्य का पू.षा. नक्षत्र में आकर आद्र्रा नक्षत्र को वेधना तथा मार्गशीर्ष संक्रांति का 15 मुहूर्ती में होना तथा सूर्य पर मंगल की दृष्टि का होना ये योग सोने की तेजी की लहर को और बढ़ावा देंगे। चांदी में भी पुनः तेजी की लहर चला दंेंगे। 19 नवंबर को सूर्य का अनुराधा नक्षत्र में प्रवेश कर अश्लेषा नक्षत्र को वेधना बाजारों में तेजी का वातावरण ही बनाएगा। 20 नवंबर को मंगल का उ.फा. नक्षत्र पर आकर रेवती नक्षत्र को तथा दक्षिण वेध से पुनर्वसु नक्षत्र को वेधना बाजारों के तेजी के वातावरण को और आगे बढ़ाएगा। 24 नवंबर को शनि ग्रह का उदय हो जाना तथा इसी दिन बुध का विशाखा नक्षत्र पर आकर धनिष्ठा नक्षत्र को वेधना बाजारों के रुख में बदलाव देकर कुछ मंदी का वातावरण बना देगा। 26 नवंबर को मंगल का कन्या राशि में प्रवेश कर शनि व राहु से द्विद्र्वादश योग में आना बाजारों में एकदम तेजी की लहर चला देगा। 29 नवंबर को शुक्र का उ.फा. नक्षत्र पर आकर मृगशिरा नक्षत्र को वेधना उतार-चढ़ाव के साथ आगे तेजी का रुख ही दर्शाता है। गुड़ व खांड मासारंभ में 3 नवंबर को राहु का स्वाति नक्षत्र के दूसरे चरण में प्रवेश कर सर्वतोभद्रचक्र के द्वारा शतभिषा नक्षत्र को वेधना तथा केतु का अश्विनी नक्षत्र के चतुर्थ चरण में प्रवेश कर पू.फा. नक्षत्र को वेधते रहना बाजारों में तेजी का ही योग बनाता है। 4 नवंबर को शनि का विशाखा नक्षत्र में प्रवेश कर धनिष्ठा नक्षत्र को वेधना गुड़ व खांड में तेजी की लहर को और आगे बढ़ाएगा। 6 नवंबर को सूर्य का भी विशाखा नक्षत्र में प्रवेश कर धनिष्ठा नक्षत्र को वेधना बाजारों में तेजी के रुख में वृद्धि करेगा। 7 नवंबर को मिथुन राशि स्थित गुरु ग्रह का वक्री गति में आना तेजी का ही कारक बनता है। 8 नवंबर को वक्री गति के बुध का उदय हो जाना बाजारों में पूर्ववत् तेजी का वातावरण बनाए रखेगा। 10 नवंबर को बुध का मार्गी गति में आ जाना गुड़ में मंदी का रुख बनाते हुए बाजारों में उतार-चढ़ाव अधिक करेगा। व्यापारी वर्ग बाजार के वर्तमान रुख को विशेष ध्यान में रखें। 13 नवंबर शुक्र का पू.षा. नक्षत्र पर आकर आद्र्रा नक्षत्र को वेधना बाजारों को पूर्ववत् रुख में ही रखेगा। 16 नवंबर को सूर्य का पू.षा. नक्षत्र पर आकर आद्र्रा नक्षत्र को वेधना तथा मार्गशीर्ष संक्रांति का 15 मुहूर्ती में होना गुड़ के बाजार में तेजी की लहर चलाएगा। 19 नवंबर को सूर्य का अनुराधा नक्षत्र में प्रवेश कर अश्लेषा नक्षत्र को वेधना बाजारों में तेजी का रुख बनाए रखेगा। 20 नवंबर मंगल का उ.फा. नक्षत्र पर आकर रेवती नक्षत्र को वेधना तथा दक्षिण वेध से पुनर्वसु नक्षत्र को वेधना बाजारों में तेजी की लहर को और आगे चलाएगा। 24 नवंबर को बुध का विशाखा नक्षत्र पर आकर धनिष्ठा नक्षत्र को वेधना तथा शनि ग्रह का उदय हो जाना बाजारों में तेजी के रुझान को और आगे बढ़ाएगा। 26 नवंबर को मंगल का कन्या राशि में प्रवेश कर शनि व राहु से द्विद्र्वादश योग में आना बाजारों में तेजी के वातावरण को और आगे बढ़ाएगा। 29 नवंबर को शुक्र का उ.फा. नक्षत्र पर आकर मृगशिरा नक्षत्र को वेधना बाजारों में उतार-चढ़ाव के साथ मंदी का रुख बना देगा। अनाज व दालवान मासारंभ में 3 नवंबर को राहु का स्वाति नक्षत्र के दूसरे चरण में प्रवेश करना तथा सर्वतोभद्रचक्र द्वारा शतभिषा नक्षत्र को पू.फा. नक्षत्र को वेधते रहना गेहूं, जौ, चना, ज्वार, बाजरा इत्यादि अनाजों तथा मूंग, मौंठ, मसूर, अरहर इत्यादि दलहन के बाजारों में तेजी का रुख ही दर्शाता है। 4 नवंबर को शनि का विशाखा नक्षत्र में प्रवेश कर धनिष्ठा नक्षत्र को वेधना तथा इसी दिन चंद्र दर्शन 45 मुहूर्ती सोमवार के दिन होना बाजारों में पूर्ववत् तेजी का ही सूचक बनता है। 6 नवंबर को सूर्य का भी विशाखा नक्षत्र में प्रवेश धनिष्ठा नक्षत्र को वेधना दलहन के बाजार में तेजी की लहर को बनाए रखेगा। 7 नवंबर को मिथुन राशि को गुरु ग्रह का वक्री गति में आना अनाजों में तेजी का रुझान ही बनाएगा। 8 नवंबर को वक्री गति के बुध का उदय हो जाना बाजारों में उतार-चढ़ाव के साथ तेजी का वातावरण बनाए रखेगा। 10 नवंबर को बुध का मार्गी गति में आ जाना दालवान में उतार-चढ़ाव का रुख बनाते हुए अनाजों को तेजी की लहर में ही रखेगा। 13 नवंबर को शुक्र का पू.षा. नक्षत्र में आकर आद्र्रा नक्षत्र को वेधना तथा मार्गशीर्ष संक्रांति का 15 मुहूर्ती में आना बाजारों में उतार-चढ़ाव के साथ तेजी का रुख बनाए रखेगा। 19 नवंबर को सूर्य का अनुराधा नक्षत्र में प्रवेश कर अश्लेषा नक्षत्र को वेधना गेहूं, जौ, चना इत्यादि अनाजों में तेजी की लहर चलाएगा। 20 नवंबर को मंगल का उ.फा. नक्षत्र पर आकर रेवती नक्षत्र को वेधना तथा दक्षिण वेध से पुनर्वसु नक्षत्र को वेधना बाजारों में पूर्ववत वातावरण को बनाए रखेगा। 24 नवंबर को शनि का उदय हो जाना तथा बुध का विशाखा नक्षत्र में आकर धनिष्ठा नक्षत्र को वेधना अनाजों के रुख में बदलाव देकर मंदी की लहर चला देगा। 26 नवंबर को मंगल का कन्या राशि में प्रवेश कर शनि व राहु से द्विद्र्वादश योग में आना अनाजों में पुनः तेजी का रुझान बना देगा, दलहन में तेजी का रुख बनाए रखेगा। 29 नवंबर को शुक्र का उ.फा. नक्षत्र पर आकर मृगशिरा नक्षत्र को वेधना गेहूं, जौ, चना, ज्वार इत्यादि अनाजों तथा मूंग, मौंठ, मसूर, अरहर इत्यादि दलहन में उतार-चढ़ाव के साथ तेजी का रुझान बनाए रखेगा। घी व तेलवान मासारंभ में 3 नवंबर को राहु का स्वाति नक्षत्र के दूसरे चरण में प्रवेश करना तथा अश्विनी नक्षत्र के चतुर्थ चरण में प्रवेश कर पू.फा. नक्षत्र को वेधना घी व तेलवान में तेजी का रुख दर्शाता है। 4 नवंबर को शनि का विशाखा नक्षत्र में प्रवेश कर धनिष्ठा नक्षत्र को वेधना तथा इसी दिन चंद्र दर्शन 45 मुहूर्ती में सोमवार के दिन होना बाजारों में पूर्ववत् तेजी का ही सूचक बनता है। 6 नवंबर को सूर्य का भी विशाखा नक्षत्र में प्रवेश कर धनिष्ठा नक्षत्र को वेधना बाजारों में तेजी की लहर को और आगे चलाएगा। 7 नवंबर को मिथुन राशि स्थित गुरु का वक्री गति में आ जाना तेलहन में तेजी का ही कारक बनता है। 8 नवंबर को वक्री गति के बुध का उदय हो जाना बाजारों में तेजी का वातावरण ही बनाए रखेगा। 10 नवंबर को बुध का मार्गी गति में आ जाना बाजारों में उतार-चढ़ाव के साथ पूर्व तेजी के रुख को बरकरार रखेगा। 13 नवंबर को शुक्र का पू. षा. नक्षत्र पर आकर आद्र्रा नक्षत्र को वेधना तेल व तेलवान में मंदी का रुझान बना देगा। लेकिन घी में तेजी का महौल ही बनाएगा। 16 नवंबर को सूर्य का पू.फा. नक्षत्र में आकर आद्र्रा नक्षत्र को वेधना तथा मार्ग शीर्ष संक्रांति का 15 मुहूर्ती में आना बाजारों में उतार-चढ़ाव के साथ पूर्व रुख को बनाए रखेगा। 19 नवंबर को सूर्य का अनुराधा नक्षत्र में प्रवेश कर अश्लेषा नक्षत्र को वेधना बाजारों में तेजी की लहर को आगे चलाएगा। 20 नवंबर को मंगल का उ.फा. नक्षत्र पर आकर रेवती नक्षत्र को वेधना तथा दक्षिण वेध से पुनर्वसु नक्षत्र को वेधना बाजारों में कुछ तेजी का वातावरण बनाएगा। 24 नवंबर को शनि ग्रह का उदय हो जाना बुध का विशाखा नक्षत्र पर आकर धनिष्ठा नक्षत्र को वेधना तेल तेलवान के बाजार में बदलाव देकर मंदी का रुख बना देगा। घी में तेजी का महौल बनाए रखेगा। 26 नवंबर को मंगल का कन्या राशि में प्रवेश कर शनि व राहु से द्विद्र्वादश योग में आना बाजारों को पुनः तेजी के रुझान में ले जाएगा। 29 नवंबर को शुक्र का उ.फा. नक्षत्र पर आकर मृगशिरा नक्षत्र को वेधना तेल व तेलवान में तेजी की लहर चलाएगा। घी के बाजार में उतार-चढ़ाव के साथ तेजी का रुख बनाए रखेगा।



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